Blog

  • 31 दिसंबर से पहले जरूर कर लें यह काम वरना होगा बड़ा नुकसान

    31 दिसंबर से पहले जरूर कर लें यह काम वरना होगा बड़ा नुकसान

    आयकर दाताओं के लिए दिसंबर का महीना कई जरूरी वित्तीय काम निपटाने का है। इस महीने विलंबित आयकर रिटर्न दाखिल करने, आधार को पैन से लिंक करने की अंतिम तिथियां हैं। यदि ये काम समय पर नहीं किए गए, तो विलंब शुल्क, ब्याज और मोटा जुर्माना पेनल्टी लग सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों ने अब तक ये काम नहीं निपटाएं हैं, यह उनके लिए आखिरी मौका है।
    1. आयकर रिटर्न का आखिरी मौका
    अगर किसी वजह से कोई करदाता तय समय में आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाया है तो उसके पास एक और मौका है। आयकर की धारा-139(4) के तहत विलंबित और संशोधित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
    1. विलंबित रिटर्न
    यह विकल्प उनके लिए हैं, जो करदाता 15 सितंबर की तय समयसीमा में मूल आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए थे। अब वे 31 दिसंबर 2025 तक इसे भर सकते हैं। इसके साथ अधिकतम ₹5,000 रुपये विलंब शुल्क लगेगा। हालांकि, पांच लाख रुपये से कम आय वालों के लिए शुल्क 1,000 रुपये और बकाया कर पर ब्याज लगेगा।

    2. संशोधित रिटर्न
    जिन करदातों ने तय समय पर रिटर्न दाखिल कर दी थी, लेकिन अब वो संशोधन या गलती सुधारना चाहते हैं, वे भी 31 दिसंबर तक अपडेटेड रिटर्न (आईटीआर-यू) दाखिल कर सकते हैं। अगर कोई कर देनदारी बनती है तो 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक अतिरिक्त दंड लग सकता है।

    2. टैक्स ऑडिट मामलों में 10 तक दाखिल करें रिटर्न
    टैक्स ऑडिट वालों के लिए इस साल सरकार ने राहत दी है। आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 10 दिसंबर 2025 कर दी है। यह राहत उन सभी करदाताओं के लिए राहत है, जिनकी रिटर्न में ऑडिट और वित्तीय विवरण शामिल हैं। उन्हें इस विस्तारित तिथि तक फाइलिंग पूरी करनी होगी।

    3. आधार-पैन लिंकिंग का अंतिम मौका
    जिन व्यक्तियों का आधार 1 अक्टूबर 2024 या उससे पहले बना था, उनके लिए इसे पैन से लिंक करना अनिवार्य है। यह प्रक्रिया 31 दिसंबर 2025 तक पूरी करनी होगी। लिंक न करने पर पैन निष्क्रिय हो सकता है। इससे बैंकिंग और निवेश से जुड़े लेनदेन प्रभावित हो सकते हैं और आयकर रिटर्न दाखिल करने में दिक्कत हो सकती है। इस जोखिम से बचने के लिए तय तिथि से पहले आधार-पैन को लिंक कर लें।

    ऐसे लिंक करें
    1. आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं और ‘लिंक आधार’ विकल्प पर क्लिक करें।

    2. अपना आधार और पैन कार्ड नंबर दर्ज करें।
    3. रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दर्ज करें और ‘I agree to validate my Aadhaar details with UIDAI’ पर क्लिक करें।

    4. प्रक्रिया पूरी होने पर आपको पैन-आधार के सफलतापूर्वक लिंक होने का संदेश आएगा।

    यह भी तरीका
    एसएमएस के जरिए भी पैन को आधार से लिंक किया जा सकता है। इसके लिए, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से UIDPAN 12 Digit Aadhaar 10 Digit PAN लिखकर 567678 या 56161 पर मैसेज करें।

    15 दिसंबर तक इन्हें निपटाएं
    1. नवंबर महीने में खरीदार से फॉर्म 27सी में मिले डिक्लेरेशन अपलोड करने की तारीख 15 दिसंबर है।

    2. आकलन वर्ष 2026-27 के लिए एडवांस टैक्स की तीसरी किस्त जमा करने की अंतिम तिथि भी 15 दिसंबर है।

    3. अक्टूबर 2025 में काटे गए कर के लिए टीडीएस सर्टिफिकेट जारी करने की अंतिम तारीख भी 15 दिसंबर है।

  • जयशंकर ने PAK सेना पर साधा निशाना, मुनीर को लेकर कहा – कई समस्याओं की जड़ वहीं है, भड़का पाक

    जयशंकर ने PAK सेना पर साधा निशाना, मुनीर को लेकर कहा – कई समस्याओं की जड़ वहीं है, भड़का पाक


    नई दिल्‍ली । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मीडिया समिट में एक बार फिर पाकिस्तान की पोल खोल दी। उन्होंने कहा कि भारत की अधिकांश समस्याओं की जड़ पाकिस्तान की सेना है और उसका आतंकी समूहों को समर्थन देना भी इसका हिस्सा है। पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए जयशंकर ने कहा, ‘जैसे अच्छे आतंकवादी और बुरे आतंकवादी होते हैं, वैसे ही कुछ अच्छे सैन्य नेता भी होते हैं और कुछ शायद उतने अच्छे नहीं।’ यह टिप्पणी पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की ओर इशारा मानी जा रही है।

    एस जयशंकर की ओर से सच्चाई उजागर करने पर पाकिस्तान को मिर्ची लगी है। पाकिस्तान ने कहा कि उसके सभी संस्थान राष्ट्रीय सुरक्षा का मजबूत स्तंभ हैं। जयशंकर की टिप्पणियों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने कहा, ‘पाकिस्तान भारतीय विदेश मंत्री की भड़काऊ, बेबुनियाद और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों को पूरी तरह खारिज और निंदा करता है।’ अंद्राबी ने कहा कि पाकिस्तान एक जिम्मेदार देश है और उसके सभी संस्थान, जिनमें सशस्त्र बल भी शामिल हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा का मजबूत आधार हैं। प्रवक्ता ने कहा कि मई महीने में हुई झड़पों ने पाकिस्तानी सेना के उस संकल्प को दिखाया कि वह किसी भी आक्रमण का जवाब दे सकती है।

    पाकिस्तान को जान-माल का भारी नुकसान
    गौरतलब है कि 7 मई को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इसके जरिए पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमले किए गए थे। इन हमलों के बाद चार दिन तक तीव्र सैन्य टकराव चला, जो 10 मई को मिलिट्री ऐक्शन रोकने की समझौते के साथ खत्म हुआ। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के अनुसार, भारतीय हमलों में पाकिस्तान के 12 से अधिक लड़ाकू विमान नष्ट या क्षतिग्रस्त हो गए थे। इनमें अमेरिकी मूल के एफ-16 जेट भी शामिल थे। इस तरह पाकिस्तान को जान-माल का भारी नुकसान हुआ था।

  • गौरव खन्ना के बिग बॉस जीतने के 5 कारण, इन वजहों से मिली शो की चमचमाती ट्रॉफी

    गौरव खन्ना के बिग बॉस जीतने के 5 कारण, इन वजहों से मिली शो की चमचमाती ट्रॉफी


    नई दिल्ली। सेलिब्रिटी मास्टरशेफ जीतकर बिग बॉस जैसे रियलिटी शो में पहुंचे गौरव खन्ना की जर्नी आसान नहीं थी. घर में एंट्री लेते ही शो के होस्ट सलमान खान ने उनका मजाक भी उड़ाया. लेकिन वो शो के विनर बन गए. चलिए जानते हैं उन 5 वजहों के बारे में, जिनके चलते गौरव खन्ना इस शो के विनर बनें और ये खिताब अपने नाम किया.
    1. पॉजिटिव ग्रुप के लीडर बने
    बिग बॉस के पहले हफ्ते में ही गौरव खन्ना पॉजिटिव ग्रुप के लीडर बने. उनकी टीम में प्रणित मोरे, अभिषेक बजाज, अशनूर कौर, आवेज दरबार, नगमा और मृदुल तिवारी थे. कैप्टेंसी टास्क के दौरान गौरव ने हमेशा ये चाहा कि उनकी टीम से कोई ही कैप्टन बने. वो अपनी टीम के कंटेस्टेंट्स को हमेशा गाइड करते रहे.
    2. बिग बॉस 19 के असली मास्टरमाइंड बने
    पहले शो का मास्टरमाइंड जीशान कादरी को माना जाता था. लेकिन वो सिर्फ नीलम बचाओ अभियान में जुटे रहे, जिस वजह से उनका न सिर्फ गेम खत्म हुआ बल्कि खुद भी शो से बाहर जाना पड़ा. जबकि गौरव खन्ना समझते थे कि घर के अंदर नंबर्स मायने रखते हैं और इसलिए उन्होंने कंटेस्टेंट्स के साथ अपने इक्वेशन को बैलेंस करने की कोशिश की. शांत और सब्र रखने की वजह से उन्हें घर के अंदर बड़े टास्क जीतने के साथ-साथ चुपचाप फाइनल में भी जगह बना ली.
    3. लड़ाई-झगड़ों से खुद को रखा दूर
    गौरव खन्ना की जीत ने इस धारणा को भी तोड़ दिया कि जो बिग बॉस के घर में लड़ाई झगड़े करता है, वो ही विजेता बनता है. गौरव खन्ना ने दूसरे अन्य कंटेस्टेंट्स की तरह जानबूझकर लड़ाई-झगड़ों और अनावश्यक चिल्लाहट से खुद को दूर रखा. हाई-वोल्टेज ड्रामों के बीच उन्होंने अपना आपा नहीं खोया. जब दूसरे कंटेस्टेंट उन्हें उकसाते थे, तब भी वह धीमा और सोच-समझकर रिएक्शन देते थे, जिससे उन्हें ‘मैच्योर’ खिलाड़ी माना गया
    .
    4. दूसरे ग्रुप के कंटेस्टेंट से अच्छा व्यवहार
    बिग बॉस 19 में दो ग्रुप बने हुए थे. बावजूद इसके गौरव खन्ना का 16 कंटेस्टेंट में एक के साथ भी ऐसा फेस ऑफ नहीं हुआ कि उनके बीच कोई नफरत का बीज उग सके. उन्होंने घर के अंदर सभी के प्रति सम्मान बनाए रखा, चाहे वह उनके दोस्त हों या कॉम्पिटिटर. उनकी भाषा और व्यवहार में हमेशा एक गरिमा दिखाई दी. टास्क के दौरान भी ये सब दिखाई दिया. यह व्यवहार बिग बॉस के दर्शकों को बहुत पसंद आया, क्योंकि वे अक्सर ड्रामा के बीच एक पॉजिटिव रोल मॉडल की ढूंढते हैं.
    5. सलमान ने दिया सबसे बड़ा हिंट
    वहीं सलमान खान जो पहले कुछ हफ्तों में गौरव खन्ना का मजाक उड़ाते थे, वो ही सलमान खान शो के अंतिम हफ्तों में गौरव खन्ना के फैन बन गए. सलमान ने गौरव के बारे में कहा, ‘उनका गेम अभी तक एक जैसा ही रहा है और उन्होंने किसी के साथ जबरदस्ती झगड़ा नहीं किया. अगर यह उनकी पर्सनैलिटी है, तो मैं इसकी दाद देना चाहूंगा, और अगर यह गेम है, तो हैट्स ऑफ ब्रो.’
    सलमान ने यह भी माना कि बिग बॉस जैसे शो के लिए गौरव की यह शांत पर्सनैलिटी ‘फायदेमंद नहीं’ हो सकती है क्योंकि यहां ड्रामा ज्यादा बिकता है). एक्टर ने कहा कि गौरव लोगों को ऑब्जर्व करते हैं और डायरेक्टली उन्हें बोलते हैं. यानी, वह पीठ पीछे बातें करने के बजाय सामने से अपनी बात रखते हैं, जो उनके खेल को ईमानदार बनाता है. सलमान की इन बातों से ही गौरव खन्ना के फैंस मान बैठे थे कि वो ही शो के विनर बनेंगे और ऐसा ही हुआ.

  • धर्मेंद्र की 90वीं सालगिरह: दारा सिंह से कुश्ती सीखी, गिरते पेड़ को रोककर बचाई थी जान

    धर्मेंद्र की 90वीं सालगिरह: दारा सिंह से कुश्ती सीखी, गिरते पेड़ को रोककर बचाई थी जान


    नई दिल्ली /भारतीय सिनेमा के इतिहास में धर्मेंद्र वह नाम हैं जिनकी मुस्कान सादगी इंसानियत और दिलकश अदाएं आज भी लोगों के दिलों में ज़िंदा हैं। पर्दे पर वे जितने दमदार दिखते थे असल जिंदगी में उससे भी कई गुना ज्यादा संवेदनशील रिश्तों को निभाने वाले और ज़मीन से जुड़े इंसान थे। उनके 90वें जन्मदिन पर पद्मश्री भजन सम्राट अनूप जलोटा पद्मश्री बांसुरी वादक पंडित रोनू मजूमदार और एड गुरु-फिल्ममेकर प्रभाकर शुक्ल ने उनसे जुड़ी कई प्रेरणादायी और भावुक यादें साझा कीं।

    पंजाबी संस्कार सादगी और परिवार से गहरा लगाव

    अनूप जलोटा बताते हैं कि धर्मेंद्र के अंदर बचपन से ही उनके पिता के संस्कार बस गए थे। वे फगवाड़ा के रहने वाले थे जहां सादगी प्रेम और इंसानियत सबसे बड़ी पहचान मानी जाती है। मुंबई में शुरुआती दिनों के संघर्ष के बीच भी धर्मेंद्र अपने परिवार और दोस्तों से जुड़ाव नहीं भूलते थे। वे फैमिली मैन थे-पहली पत्नी और बच्चों से लेकर हेमा मालिनी तक सभी का सम्मान करते रहे। धर्मेंद्र बचपन से ही एक्टिंग के दीवाने थे। पहली बार दिलीप कुमार को देखने के बाद उन्होंने अभिनेता बनने का संकल्प ही मानो ले लिया था। अनूप जलोटा उन्हें याद करते हुए कहते हैं कि पहली मुलाकात में लगा जैसे कमरे की रोशनी बढ़ गई हो-लंबे गोरे सुंदर और व्यक्तित्व में अद्भुत चमक।

    बॉडी बिल्डिंग कल्चर के पहले दूत

    आज बॉलीवुड में फिटनेस ट्रेंड का बोलबाला है लेकिन इसकी शुरुआत धर्मेंद्र ने की थी। उनके समय में देवानंद या दिलीप कुमार जैसे सितारों पर फिटनेस का इतना जोर नहीं था। लेकिन धर्मेंद्र मानते थे कि एक्टर के लिए मजबूत शरीर जरूरी है। यही वजह है कि उनकी बाजुओं और कंधों की ताकत के किस्से आज भी मशहूर हैं।

    पंजाब से आने वालों के लिए धरम पाजी का घर एक सहारा

    धर्मेंद्र बेहद मददगार थे लेकिन कभी इसका ढिंढोरा नहीं पीटते। पंजाब से आने वाले लोग उनके घर के नीचे बने कमरों में रहते खाते रुकते। धरम पाजी बिना पहचान पूछे हर किसी की मदद कर देते थे।

    गजलों पर रो पड़ने वाले भावुक कलाकार
    अनूप जलोटा एक किस्सा सुनाते हैं कि दिल्ली जाते हुए ट्रेन में वे धर्मेंद्र को गजलें सुना रहे थे और धरम पाजी बार-बार भावुक होकर रो पड़ते थे। उनके अनुसार धर्मेंद्र जितने मजबूत बाहर से थे उतने ही नरमदिल अंदर से। गरम धरम और ढाबे का देहाती स्वाद
    पंडित रोनू मजूमदार बताते हैं कि गरम धरम ढाबे का आइडिया खुद धर्मेंद्र ने दिया था। उन्हें देसी खाने से बहुत लगाव था। दाल साग लस्सी-ये सब उनके पसंदीदा व्यंजन थे। उनकी उपस्थिति और उनके खेतों के अनाज से बने भोजन ने मुर्थल के इस ढाबे को बेहद लोकप्रिय बना दिया।

    बांसुरी की धुन सुनकर रो पड़े थे धर्मेंद्र

    फिल्म बेताब में सनी देओल को लॉन्च करते समय रोनू मजूमदार बांसुरी बजा रहे थे। उनकी धुन ऐसी थी कि सनी नहीं बल्कि धर्मेंद्र ही रो पड़े। भावुक होकर उन्होंने उन्हें 500 रुपए का नोट दिया जो रोनू आज भी सहेजकर रखते हैं। दारा सिंह को गोद में उठा लेने वाली ताकत
    धर्मेंद्र और दारा सिंह की दोस्ती जगजाहिर थी। एक बार कुश्ती देखते समय दारा सिंह ने जब विरोधी पहलवान को हराया तो खुशी में धर्मेंद्र ने उन्हें उठा लिया। लगभग 130-135 किलो के दारा सिंह को उठाना किसी आम इंसान के बस की बात नहीं थी। धर्मेंद्र अक्सर दारा सिंह के साथ कुश्ती के दांव-पेंच भी सीखते थे जो उनकी फिल्मों के लड़ाई वाले दृश्यों में साफ नजर आता है।

    गिरते पेड़ को रोककर कई लोगों की जान बचाई

    फिल्म लोहा की शूटिंग का किस्सा धार्मिक बहादुरी साबित करता है। तेज हवा के सीन के लिए पेड़ को काटा गया लेकिन कट ज़रूरत से ज्यादा गहरा हो गया और पेड़ सीधे सेट की ओर गिरने लगा। धर्मेंद्र दौड़े और अपने कंधे से पेड़ को रोककर क्रू मेंबर्स की जान बचा ली।

    600 पैक वाले धरम जी-खुद करते थे खतरनाक सीन
    फिल्म बंटवारा में एक बेकाबू ऊंट को धर्मेंद्र ने दोनों हाथों से रोक दिया था। वे स्टंटमैन का सहारा नहीं लेते थे। कहते हैं-उनके पास 6-पैक नहीं बल्कि 600-पैक की ताकत थी।

    ट्रक ड्राइवर से कपड़े मांगकर की शूटिंग

    फिल्म दो चोर के दौरान महेश भट्ट कॉस्ट्यूम भूल गए थे। डर के मारे उन्होंने धर्मेंद्र को बताया तो उन्होंने तुरंत एक असली ट्रक ड्राइवर से लुंगी कुर्ता और पगड़ी मांगकर वही पहनकर शूटिंग कर ली। यह उनकी प्रोफेशनलिज़्म की मिसाल है।

    83 साल की उम्र में भी कैमरे को दोस्त मानने वाला कलाकार
    प्रभाकर शुक्ल बताते हैं कि 83 वर्ष की उम्र में भी धर्मेंद्र सेट पर समय से पहले पहुंच जाते थे। कहते- कैमरा मेरा दोस्त है। वे डायलॉग खुद उर्दू में लिखते सभी के साथ फोटो खिंचवाते और अपनी शायरी सुनाते। उनकी सरलता और विनम्रता वही थी-जो एक सच्चे कलाकार की पहचान है।

  • पिछले साल सभी फॉर्मेट से सन्यास का ऐलान किया था, अब बोले-फैंस के सामने खेलकर ही करूंगा विदाई

    पिछले साल सभी फॉर्मेट से सन्यास का ऐलान किया था, अब बोले-फैंस के सामने खेलकर ही करूंगा विदाई

    नई दिल्ली  बांग्लादेश के स्टार ऑलराउंडर शाकिब अल हसन ने अपने रिटायरमेंट पर बड़ा बयान देते हुए साफ कहा है कि उन्होंने अभी तक तीनों फॉर्मेट-टेस्ट वनडे और टी20 इंटरनेशनल-से आधिकारिक तौर पर संन्यास नहीं लिया है। मोईन अली के पॉडकास्ट ‘बियर्ड बिफोर विकेट में उन्होंने पहली बार इस विषय पर खुलकर बात की और बताया कि उनका प्लान है कि वे बांग्लादेश लौटकर एक पूरी घरेलू सीरीज खेलें और उसके बाद तीनों फॉर्मेट को एकसाथ अलविदा कह दें। शाकिब ने कहा मैं अभी रिटायर नहीं हुआ हूं। मेरा सपना है कि एक पूरी घरेलू सीरीज खेलकर फैंस को धन्यवाद दूं। सीरीज टेस्ट से शुरू हो या टी20 से-इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं बस मैदान पर आखिरी बार अपने देश के लोगों के सामने उतरना चाहता हूं।

    मई 2024 से देश से बाहर राजनीतिक परिस्थितियों के कारण लौटना हुआ मुश्किल

    शाकिब मई 2024 से बांग्लादेश नहीं लौटे हैं। 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद उनकी सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए थे। वे आवामी लीग से सांसद थे और उसी दौरान एक कथित हत्या के मामले में उनका नाम सामने आया जबकि वे उस समय देश में मौजूद भी नहीं थे। इसके बावजूद शाकिब ने पाकिस्तान और भारत दौरे पर टेस्ट सीरीज खेली। भारत के खिलाफ कानपुर टेस्ट सितंबर 2024 उनकी आखिरी इंटरनेशनल मैच है। वापसी के सवाल पर उन्होंने कहा मैं जरूर लौटूंगा। इसी उम्मीद में अलग-अलग T20 लीग खेल रहा हूं। घरेलू सीरीज में मेरे लिए प्रदर्शन नहीं बल्कि उन फैंस को विदाई देना अहम है जिन्होंने मेरा साथ सालों तक दिया।

    2024 में किया था रिटायरमेंट का ऐलान लेकिन अब बदल गया फैसला

    2024 में भारत दौरे के दौरान शाकिब ने टेस्ट और टी20 फॉर्मेट से रिटायरमेंट की घोषणा की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि T20 वर्ल्ड कप में खेला गया मैच उनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय टी20 माना जाए। वनडे से संन्यास को लेकर उनकी योजना थी कि चैंपियंस ट्रॉफी 2025 उनकी अंतिम वनडे सीरीज होगी। लेकिन शाकिब को गेंदबाजी एक्शन में गड़बड़ी पाए जाने के कारण टीम में शामिल नहीं किया गया। इसके चलते 2023 वनडे वर्ल्ड कप में श्रीलंका के खिलाफ दिल्ली में खेला गया मैच ही उनके करियर का अंतिम वनडे माना गया।

    जानबूझकर अवैध एक्शन किया मैं बहुत थक गया था 

    शाकिब ने अपने गेंदबाजी एक्शन विवाद पर भी चर्चा की। 2024 में इंग्लैंड में सरे काउंटी से खेलते समय उनका एक्शन रिपोर्ट हुआ और ECB ने उन्हें गेंदबाजी से रोक दिया। उन्होंने कहा मैं मानता हूं कि मैंने जानबूझकर थोड़ा गलत एक्शन किया था। मैं पाकिस्तान में दो टेस्ट खेलकर सीधे टॉन्टन टेस्ट में पहुंचा था और बेहद थका हुआ था। उस चार दिवसीय मैच में मैंने 70 से ज्यादा ओवर फेंके। पूरे करियर में मैंने किसी टेस्ट में इतने ओवर नहीं डाले। मुझे लगा था कि अंपायर चेतावनी देंगे लेकिन वे नियम के अनुसार सही थे। इसके बाद शाकिब ने वीडियो देखकर अपनी गलती समझी और कुछ हफ्तों की प्रैक्टिस के बाद एक्शन ठीक कर लिया। उन्होंने सरे क्लब को पूरी मदद के लिए धन्यवाद दिया।

    फैंस को घरेलू मैदान पर देना चाहते हैं विदाई

    शाकिब ने कहा कि बांग्लादेश क्रिकेट में उनका सफर लंबा रहा है और वे अपने समर्थकों को सही तरीके से अलविदा कहना चाहते हैं। उन्होंने कहा एक खिलाड़ी को अपने वादों पर कायम रहना चाहिए। मैं अच्छा खेलूं या नहीं उससे फर्क नहीं पड़ता। मेरा लक्ष्य सिर्फ इतना है कि अपने लोगों के सामने आखिरी बार खेलकर कुछ वापस दे सकूं। उनके इस बयान के बाद अब बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड और फैंस को इस बात का इंतजार है कि शाकिब कब देश लौटते हैं और कौन-सी सीरीज उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का अंतिम अध्याय बनती है।

  • WI vs NZ: दूसरे टेस्ट से पहले न्यूजीलैंड को बड़ा झटका, 3 दिग्गज खिलाड़ी हुए टीम से बाहर

    WI vs NZ: दूसरे टेस्ट से पहले न्यूजीलैंड को बड़ा झटका, 3 दिग्गज खिलाड़ी हुए टीम से बाहर


    नई दिल्ली।
    वेस्टइंडीज (West Indies) के खिलाफ जारी तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मुकाबले से पहले मेजबान न्यूजीलैंड (New Zealand) को 3 बड़े झटके लगे हैं। 3 खिलाड़ी वेस्टइंडीज के खिलाफ जारी टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए हैं। ऐसे में दो नए तेज गेंदबाजों को टीम में शामिल किया गया है। तेज गेंदबाज मैट हेनरी (Fast bowler Matt Henry) (काफ इंजरी) और नैथन स्मिथ (Nathan Smith.) (साइड स्ट्रेन) क्राइस्टचर्च में सीरीज के पहले टेस्ट के दौरान चोटिल हो गए थे। सीरीज का पहला मुकाबला ड्रॉ रहा था और अब ये दोनों धाकड़ खिलाड़ी सीरीज के आखिरी दो मैचों में नहीं खेल पाएंगे, जबकि ऑलराउंडर मिचेल सैंटनर अभी तक ग्रोइन इंजरी से उबर नहीं पाए हैं।

    न्यूजीलैंड वर्सेस वेस्टइंडीज पहले टेस्ट के पहले दिन फर्स्ट चॉइस विकेटकीपर बल्लेबाज टॉम ब्लंडेल को हैमस्ट्रिंग की समस्या हुई थी। इस वजह से वह दूसरे टेस्ट से बाहर हो गए हैं। ऐसे में कीवी टीम को अगले मैच से पहले खिलाड़ियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। यह मैच बुधवार 10 दिसंबर से वेलिंगटन के बेसिन रिजर्व में खेला जाना है। विकेटकीपर बल्लेबाज मिच हे के ब्लंडेल की जगह लेने और टेस्ट डेब्यू करने की संभावना है, जबकि कीवी टीम ग्लेन फिलिप्स को भी टीम में शामिल करने के बारे में सोच सकती है।

    मैट हेनरी और नैथनस्मिथ की गैरमौजूदगी में न्यूजीलैंड की बॉलिंग लाइनअप में भी बदलाव देखने को मिलेंगे। बैकअप पेसप ब्लेयर टिकनर का वेलिंगटन में खेलना लगभग तय है, जबकि माइकल रे और क्रिस्टियन क्लार्क टीम में शामिल किए गए हैं, जो अनकैप्ड हैं। माइकल रे लंबे कम हैं और उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है। क्लार्क भी कमाल के दिखे हैं। इनमें से किसी एक गेंदबाज को खेलने का मौका मिल सकता है। काइल जैमीसन को अभी भी आराम दिया जा रहा है। वे इस सीरीज के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।


    न्यूजीलैंड टीम इस प्रकार है

    टॉम लैथम (कप्तान), माइकल ब्रेसवेल, क्रिस्टियन क्लार्क, डेवोन कॉनवे, जैकब डफी, जैक फॉक्स, मिच हे, डेरिल मिचेल, माइकल रे, रचिन रवींद्र, ब्लेयर टिकनर, केन विलियमसन और विल यंग

    वेस्टइंडीज टीम:
    रोस्टन चेज (कप्तान), जोमेल वारिकन (उप-कप्तान), एलिक अथानैज, जॉन कैंपबेल, टैगेनारिन चंद्रपॉल, जस्टिन ग्रीव्स, केवम हॉज, शाई होप, टेविन इमलाच, ब्रैंडन किंग, जोहान लेयने, एंडरसन फिलिप, केमार रोच, जेडन सील्स और ओजे शील्ड्स

  • सोने की कीमतों में उछाल का दौर जारी… 2026 में भी जारी रहेगी जबरदस्त तेजी!

    सोने की कीमतों में उछाल का दौर जारी… 2026 में भी जारी रहेगी जबरदस्त तेजी!


    नई दिल्ली।
    सोने की कीमतों (Gold Price) में जबरदस्त तेजी का दौर 2026 में भी थमता नहीं दिख रहा है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि कीमती धातु अब एक और मजबूत ऊपरी रैली के लिए तैयार है। ब्रोक्रेज फर्म वेंचुरा (Brokerage firm Ventura) ने एक ताजा रिपोर्ट में कहा है कि केंद्रीय बैंकों (Central Banks) की खरीदारी, बनी रहने वाली मुद्रास्फीति (Inflation), अमेरिकी घाटे में बढ़ोतरी और अमेरिकी अर्थव्यवस्था व टैरिफ को लेकर चिंताओं से बना “एक कॉकटेल” सोने की कीमतों को आने वाले वर्ष में $4,600 से $4,800 के लक्षित सीमा में पहुंचा सकता है। नए साल 2026 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा 75 बीपीएस की दरों में कटौती की उम्मीद से बोलीदाताओं की दिलचस्पी बनी रहेगी।


    सोने ने इस साल 67 प्रतिशत का मुनाफा दिया

    सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की चमक बरकरार है और इस साल घरेलू बाजार में इसने अबतक लगभग 67 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि वैश्विक परिस्थितियां और रुपये–डॉलर की दर लगभग समान बनी रहती है या रुपया कमजोर होता है, तो 2026 में सोने की कीमत पांच प्रतिशत से 16 प्रतिशत प्रति 10 ग्राम और चढ़ सकती हैं। उनका यह भी कहना है कि चूंकि सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब हैं, इसलिए अनुशासित और सोच-विचार कर निवेश करना जरूरी है।


    संस्थागत निवेशक बढ़ा रहे हैं दबाव

    वेंचुरा ने जोर दिया कि सोने का तेजी का चक्र “अभी खत्म होने से बहुत दूर” है क्योंकि संस्थागत निवेशक मुद्रास्फीति से बचाव के लिए इसे तेजी से चुन रहे हैं, जिसके बाद खुदरा और सट्टेबाजी भागीदारी बढ़ रही है। फर्म का कहना है कि मांग की यह स्तरित प्रकृति सोने की लंबे समय के लिए रैली की नींव को मजबूत कर रही है।


    ड्यूश बैंक और मॉर्गन स्टैनली का नजरिया

    पिछले महीने ड्यूश बैंक ने निवेशकों के स्थिर फंड फ्लो और केंद्रीय बैंकों की निरंतर खरीदारी का हवाला देते हुए अपना 2026 के सोने की कीमत का पूर्वानुमान पहले के $4,000 से बढ़ाकर $4,450 प्रति औंस कर दिया। बैंक अब अगले साल सोने के $3,950 से $4,950 की सीमा में कारोबार करने की उम्मीद करता है।

    मॉर्गन स्टैनली ने एक पहली रिपोर्ट में भविष्यवाणी की थी कि एक धुंधली वैश्विक आर्थिक आउटलुक के बीच ईटीएफ की सॉलिड फिजिकल डिमांड और केंद्रीय बैंकों की चल रही खरीदारी से सपेार्ट पाकर सोना मध्य-2026 तक $4,500 प्रति औंस तक बढ़ सकता है।


    निवेश पोर्टफोलियो में सोने की हिस्सेदारी

    एचडीएफसी सिक्योरिटीज का कहना है कि लगातार मुद्रास्फीति, वास्तविक ब्याज दरों के कम होने की उम्मीदों और फिएट मुद्राओं में विश्वास कमजोर होने के बीच सोने की निवेश अपील में काफी मजबूती आई है। ब्रोकरेज ने प्रमुख पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं में भू-राजनीतिक संघर्ष, बाजार की अस्थिरता और खराब हो रही वित्तीय स्थितियों के खिलाफ बचाव के लिए सोने की क्षमता पर जोर दिया है।

    एचडीएफसी सिक्योरिटीज निवेशकों को सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं में अपने पोर्टफोलियो का 5-10% आवंटित करने की सलाह देता है, जोखिम के आधार पर इसमें धीरे-धीरे वृद्धि की गुंजाइश के साथ।


    नौ लगातार तिमाहियों में रिकॉर्ड हाई

    वेंचुरा के अनुसार, गोल्ड ने लगातार नौ तिमाहियों (2025 की चौथी तिमाही सहित) में नए हाई लेवल दर्ज किए हैं। यह उछाल फिएट मुद्रा मूल्य में एक व्यवस्थित गिरावट का संकेत देता है, एक प्रवृत्ति जो इस तथ्य से और मजबूत होती है कि सोना अब वैश्विक केंद्रीय बैंकों के बीच दूसरी सबसे महत्वपूर्ण रिजर्व संपत्ति बन गया है।


    भारत में स्थिति और तकनीकी पहलू

    भारत में संरचनात्मक कारकों के कारण तेजी और भी तीव्र प्रतीत होती है। घरेलू सोने की कीमतें दुबई की तुलना में लगभग 15% अधिक हैं, यह अंतर आयात शुल्क और लगातार कमजोर रुपए से प्रेरित है।

    वेंचुरा ने यह भी जोर दिया कि वैश्विक अनिश्चितताएं ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं, जो निरंतर मांग का समर्थन करती हैं। 9 अक्टूबर, 2025 को $4,398 के अपने शिखर के बाद, सोने में $3,891 तक 11% की गिरावट देखी गई, फिर दिसंबर 2025 में $4,299 की ओर मजबूती से वापसी हुई। तकनीकी रूप से, वेंचुरा ने भविष्यवाणी की है कि मजबूत समर्थन $4,200 और $4,056 पर और प्रतिरोध स्तर $4,255–$4,300 के पास होने की उम्मीद है, और अगर ये स्तर टूटते हैं तो आगे $4,381–$4,441 तक की बढ़त हो सकती है।

  • 🇺🇸 रूस को 'खतरा' नहीं मानेगा अमेरिका: ट्रम्प प्रशासन की NSS में बड़ा बदलाव!

    🇺🇸 रूस को 'खतरा' नहीं मानेगा अमेरिका: ट्रम्प प्रशासन की NSS में बड़ा बदलाव!


    नई दिल्ली ट्रम्प प्रशासन ने अपनी नई नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटेजी NSSजारी की है जिसने अमेरिकी विदेश नीति की दिशा को पूरी तरह बदल दिया है। 29 पन्नों का यह दस्तावेज ट्रम्प के लचीले यथार्थवाद Flexible Realismसिद्धांत पर आधारित है। इसके तहत अब अमेरिका वैश्विक रिश्तों को सिर्फ एक पैमाने पर मापेगा जो अमेरिका के हित में है वही करो। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अमेरिका अब रूस को प्रत्यक्ष खतरा या दुश्मन नहीं कहेगा। रूसी प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने TASS को बताया कि अमेरिका की भाषा में यह नरमी एक सकारात्मक संकेत है।

    रूस पर नरमी यूक्रेन युद्ध जल्द खत्म करने पर जोर
    2014 में क्रीमिया पर कब्जे और 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका रूस को सबसे बड़ा खतरा मानता रहा था। लेकिन नई NSS में रूस के साथ रणनीतिक स्थिरता बहाल करने और कुछ मुद्दों पर सहयोग की बात कही गई है।दस्तावेज में कहा गया है कि यूक्रेन युद्ध को जल्द समाप्त करना अमेरिका की प्राथमिकता है ताकि परमाणु टकराव और यूरोप में बड़े युद्ध का खतरा कम हो सके।

    ट्रम्प ने यह बदलाव क्यों किया? 5 बड़े कारण

    1. अमेरिका का फायदा रूस से दुश्मनी बेकार
    ट्रम्प हमेशा मानते रहे हैं कि रूस से टकराव अमेरिका को कोई लाभ नहीं देता। वे कई बार कह चुके हैं कि वे पुतिन से डील करके 24 घंटे में युद्ध खत्म कर सकते हैं।

    2. युद्ध का खर्च अरबों डॉलर से छुटकारा
    ट्रम्प नहीं चाहते कि अमेरिका यूक्रेन को हथियार भेजते हुए लगातार अरबों डॉलर झोंकता रहे। इसलिए वे समझौता चाहते हैं।

    3. चीन पर फोकस
    नई रणनीति चीन को सबसे बड़ा और दीर्घकालिक खतरा बताती है। ट्रम्प का तर्क है कि रूस के साथ तनातनी चीन को मजबूत होने का मौका देती है।

    4. यूरोप को ‘सबक सिखाने की नीति
    ट्रम्प का आरोप है कि यूरोपीय देश अपनी रक्षा पर खर्च नहीं करते लेकिन अमेरिका से सुरक्षा की उम्मीद रखते हैं। उनके शब्दों में
    अगर यूक्रेन की इतनी चिंता है तो खुद लड़ो।

    5. व्यापारिक लाभ
    विश्लेषकों का मानना है कि युद्ध समाप्त होने के बाद यूक्रेन के पुनर्निर्माण में अमेरिकी कंपनियों को बड़े कॉन्ट्रैक्ट मिल सकते हैं। ट्रम्प के करीबी लोग खासकर रूस और खाड़ी देशों के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाना चाहते हैं।

    यूरोप पर ट्रम्प का सबसे कड़ा हमला: 20 साल में यूरोप का अस्तित्व मिट सकता है रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार नई NSS में यूरोप के लिए बेहद कठोर भाषा का इस्तेमाल किया गया है।
    दस्तावेज में चेतावनी दी गई है अगर यूरोप अपनी नीतियां नहीं बदलता तो 20 साल से भी कम समय में उसका अस्तित्व मिट जाएगा। 

    दस्तावेज में यूरोप के बारे में यह आरोप लगाए गए:

    अनियंत्रित आव्रजन जन्म दर में भारी गिरावट राष्ट्रीय पहचान कमजोर होना अभिव्यक्ति की आजादी पर बढ़ते प्रतिबंध यूरोपीय संघ और अन्य संस्थाओं द्वारा सदस्य देशों की संप्रभुता कमजोर करना साथ ही इसमें यूरोप में उभर रहे देशभक्त राजनीतिक दलों की तारीफ की गई है और कहा गया है कि अमेरिका अपने सहयोगियों से अपेक्षा करता है कि वे राष्ट्रीय भावना पुनर्जीवित करें।

    ट्रम्प का दावा: यह दस्तावेज अमेरिका को ‘मानव इतिहास का सबसे महान राष्ट्र बनाए रखेगा  ट्रम्प ने अपनी नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को अमेरिका के भविष्य का रोडमैप बताया है। उनका कहना है हम ताकतवर हैं और जरूरत पड़े तो ताकत का इस्तेमाल करेंगे लेकिन बेवजह युद्ध नहीं लड़ेंगे।नई NSS स्पष्ट करती है कि आने वाले समय में अमेरिकी विदेश नीति का केंद्र होगा अमेरिका के हित अमेरिका की प्राथमिकताएं और अमेरिका की ताकत।

  • हनुमान अष्टमी 12 दिसंबर: बजरंगबली की पूजा से मिलता है ग्रहदोष और संकटों से छुटकारा

    हनुमान अष्टमी 12 दिसंबर: बजरंगबली की पूजा से मिलता है ग्रहदोष और संकटों से छुटकारा

    पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाने वाली हनुमान अष्टमी इस वर्ष 12 दिसंबर को देशभर में धूमधाम से मनाई जाएगी। इस दिन हनुमान भक्त विशेष पूजा-अर्चना, अभिषेक, आरती और भंडारे का आयोजन करते हैं। कई मंदिरों से चल समारोह भी निकाले जाते हैं।

    हनुमान अष्टमी से जुड़ी प्राचीन मान्यताएँ

    ज्योतिषाचार्य पं. हरिहर पंड्या बताते हैं कि हनुमान अष्टमी से अनेक पौराणिक कथाएँ जुड़ी हैं।
    सबसे प्रचलित कथा के अनुसार, त्रेतायुग में हनुमानजी ने पाताल लोक में अहिरावण का वध किया था और भगवान श्रीराम व लक्ष्मण को बंदीगृह से मुक्त कराया था। इस विजयोत्सव के कारण ही इस दिन को अत्यंत शुभ माना जाता है।

    एक अन्य मान्यता के अनुसार, अहिरावण का वध करने के बाद हनुमानजी पृथ्वी के नाभि केंद्र उज्जैन लौटे और यहीं विश्राम किया। संयोग से वह दिन पौष कृष्ण अष्टमी का था। तभी से उज्जैन में हनुमान अष्टमी उत्साहपूर्वक मनाई जाती है।

    उज्जैन में विशेष उत्सव और दर्शन का महत्व

    उज्जैन के नानाखेड़ा स्थित चाणक्यपुरी के श्री परशुराम मंदिर में विराजित भजनानंद हनुमानजी के दर्शन का इस दिन विशेष महत्व माना गया है। हर वर्ष बड़ी संख्या में भक्त यहां दर्शन, पूजा और आशीर्वाद के लिए पहुंचते हैं। इस बार भी मंदिर प्रांगण में विशेष अनुष्ठान, आरती और भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

    हनुमान पूजा से मिलता है ग्रहों के विपरीत प्रभाव से समाधान

    ज्योतिष के अनुसार, जिन लोगों की जन्मपत्री में शनि, मंगल, राहु या अन्य ग्रह प्रतिकूल प्रभाव में हों, उनके लिए हनुमानजी की उपासना अत्यंत फलदायी मानी गई है।

    विशेष रूप से-

    शनि की साढ़ेसाती

    शनि की ढैय्या

    मंगल या राहु के दोष

    से प्रभावित जातकों को हनुमान अष्टमी पर हनुमानजी को तेल और सिंदूर चढ़ाना चाहिए। साथ ही हनुमान चालीसा और हनुमान अष्टक का पाठ करने से संकटों से मुक्ति मिलती है।

    इसके अतिरिक्त, प्रत्येक शनिवार और मंगलवार को हनुमान मंदिर में दीपक लगाने, प्रसाद चढ़ाने और दर्शन करने से भी जीवन के कष्ट दूर होने की मान्यता है।

  • मार्केट चले ऊपर या नीचे, इन्वेस्टर रहें बेफिक्र! जानें 5 सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प

    मार्केट चले ऊपर या नीचे, इन्वेस्टर रहें बेफिक्र! जानें 5 सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प


    नई दिल्ली । शेयर बाजार की चाल कभी स्थिर नहीं रहती-कभी तेज़ी तो कभी भारी गिरावट देखने को मिलती है। ऐसे हालात में हर कोई ऐसे इन्वेस्टमेंट की तलाश करता है, जो बिना जोखिम के स्थिर और भरोसेमंद रिटर्न दे सके। अच्छी इन्वेस्टमेंट प्लानिंग में मार्केट-लिंक्ड और सेफ दोनों तरह के विकल्प शामिल होने चाहिए, ताकि रिस्क बैलेंस रहे और रिटर्न भी आता रहे।

    अगर आप भी मार्केट के उतार-चढ़ाव से घबराते हैं, तो PPF, FD, NSC, SCSS और NPS जैसी सरकारी व सुरक्षित स्कीमें आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकती हैं। ये योजनाएं न सिर्फ स्थिर रिटर्न देती हैं, बल्कि टैक्स बचत भी कराती हैं। आइए इन 5 बेस्ट सुरक्षित निवेश विकल्पों को विस्तार से समझते हैं।

    क्यों जरूरी है सुरक्षित निवेश?

    पिछले कुछ समय से शेयर बाजार में भारी अस्थिरता देखने को मिली है। जोखिम बढ़ने के कारण कई निवेशक फिर से सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न वाली स्कीमों की ओर लौट रहे हैं। सरकारी योजनाओं और RBI समर्थित स्कीमों में निवेश सबसे सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इनमें पैसा काफी हद तक सुरक्षित होता है।

    1. पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)

    सबसे भरोसेमंद लॉन्ग-टर्म सुरक्षित योजना

    अवधि: 15 साल

    न्यूनतम निवेश: 500

    अधिकतम निवेश: 1.5 लाख प्रति वर्ष

    ब्याज दर: 7% से अधिक (सरकार द्वारा तय)

    टैक्स लाभ: ब्याज और मैच्योरिटी पूरी तरह टैक्स-फ्री

    7 साल बाद आंशिक निकासी की सुविधा

    PPF उन लोगों के लिए बेस्ट है जो लंबी अवधि के लिए सेविंग करना चाहते हैं। रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए यह एक शानदार विकल्प है क्योंकि इसमें सुरक्षित और टैक्स-फ्री रिटर्न मिलता है।

    2. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)

    सबसे आसान और लोकप्रिय सेफ इन्वेस्टमेंट

    अवधि: 1 साल से 5 साल

    ब्याज दर: लगभग 6.5%–7.5%

    सीनियर सिटीजन को अतिरिक्त ब्याज

    5 साल की टैक्स सेविंग FD पर 80C का लाभ

    डीआईसीजीसी इंश्योरेंस के तहत 5 लाख तक सुरक्षित

    FD उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जो तय समय पर फिक्स्ड रिटर्न चाहते हैं। जरूरत पड़ने पर FD पर लोन भी मिल जाता है।

    3. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)

    पोस्ट ऑफिस की भरोसेमंद योजना

    लॉक-इन अवधि: 5 साल

    मिनिमम निवेश: 100

    ब्याज दर: लगभग 7.7%

    80C में टैक्स छूट

    बच्चों और छोटे निवेशकों के लिए उपयुक्त

    NSC पूरी तरह मार्केट से अलग योजना है। जिन लोगों को निश्चित रिटर्न चाहिए और ज्यादा जोखिम नहीं लेना, उनके लिए यह बेहतर विकल्प है।

    4. सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS)

    वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे सुरक्षित और हाई रिटर्न स्कीम

    पात्रता: 60 वर्ष से ऊपर

    अधिकतम निवेश: 30 लाख

    ब्याज: 8% से अधिक

    ब्याज तिमाही आधार पर मिलता है

    5 साल लॉक-इन, 3 साल का एक्सटेंशन संभव

    रिटायर लोगों के लिए यह सबसे अच्छी इनकम सोर्स है, जिसमें सुरक्षा, नियमित आय और अच्छा ब्याज-all in one मिलता है।

    5. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)

    भविष्य की पेंशन प्लानिंग के लिए बेस्ट

    न्यूनतम निवेश: 1,000 प्रति वर्ष

    इक्विटी + डेब्ट का संतुलित मिश्रण

    टैक्स लाभ: 80C के अलावा 50,000 अतिरिक्त छूट

    60 साल पर पेंशन + एकमुश्त राशि

    NPS युवाओं और नौकरीपेशा लोगों के लिए शानदार है, क्योंकि यह कम खर्च में लॉन्ग-टर्म रिटर्न और पेंशन दोनों देता है।

    निवेश कैसे शुरू करें?

    बैंक या पोस्ट ऑफिस जाएं

    आधार-पैन के साथ KYC पूरी करें

    PPF, NSC, SCSS आदि ऑनलाइन भी ओपन हो सकते हैं

    अधिकांश स्कीमें बैंक ऐप और सरकारी पोर्टल पर उपलब्ध हैं

    टैक्स लाभ क्या मिलते हैं?

    PPF, NSC, टैक्स सेविंग FD और SCSS पर 80C के तहत छूट

    NPS पर अतिरिक्त 50,000 की छूट

    PPF और NSC का ब्याज पूरी तरह टैक्स-फ्री

    FD और SCSS का ब्याज टैक्स के दायरे में

    सुरक्षित निवेश = सुरक्षित भविष्य

    बाजार की चाल चाहे कितनी भी तेज या कमजोर क्यों न हो, ये पांच सुरक्षित स्कीमें हमेशा स्थिर और भरोसेमंद रिटर्न देती हैं। सही उम्र और लक्ष्य के अनुसार इनमें निवेश करके आप अपना वित्तीय भविष्य मजबूत बना सकते हैं।