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  • यूरोप के इस देश में पति किराए पर ले रही महिलाएं….यहां पुरुषों की भारी कमी

    यूरोप के इस देश में पति किराए पर ले रही महिलाएं….यहां पुरुषों की भारी कमी


    रीगा।
    यूरोपीय देश लातविया (European country Latvia) इस समय एक गंभीर लैंगिक समस्या (Serious Gender Problem) का सामना कर रहा है। हालात यह हो गए हैं कि यहां पर महिलाओं (Women) के बीच में घंटों के हिसाब से पति किराए पर लेने की सेवा में तेजी आई है। इन अस्थायी पतियों की सहायता से यह महिलाएं घर के छोटे-मोटे काम जैसे मरम्मत या घरेलू जिम्मेदारियों को पूरा करती है। इसके अलावा वह अकेलेपन की जिंदगी में बात करने के लिए भी प्रभावी होते हैं।

    न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक लातवियाई समाज की यह हालत गंभीर लैंगिक असंतुलन की वजह से हुई है। इस देश में पुरुषों की संख्या महिलाओं की तुलना में 15.5 फीसदी तक कम है। यह अनुपात यूरोपीय संघ के लैंगिक अनुपात से तीन गुना कम है। वर्ल्ड एटलस की रिपोर्ट के मुताबिक लातविया में पुरुषों की औसत उम्र भी महिलाओं से कम है। यहां पर 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों में महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में दो गुनी है।

    रिपोर्ट में कहा गया कि देश में पुरुषों की कमी स्पष्ट रूप रे रोजमर्रा की जिंदगी में भी नजर आ जाती है। फेस्टिवल ऑर्गनाइज करवाने का काम करने वाली दानिया नाम की एक महिला ने बताया कि उसके सभी सहकर्मी महिलाएं ही हैं। ऐसा नहीं है कि उन्होंने भर्ती करने के लिए पुरुषों को नहीं तलाशा… उन्होंने ऐसा किया था, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया। दानिया की दोस्त जेन ने बताया कि देश में पुरुषों की संख्या का कम होना स्वाभाविक रूप से नजर आ जाता है। हालात यह है कि कई लातवियाई महिलाएं विकल्प कम होने की वजह से शादी के लिए विदेश जाने को मजबूर हैं।

    देश में पुरुषों की कमी की वजह से कई ऐसी महिलाएं हैं, जो बिना साथी के ही रह रही हैं। ऐसे में इस देश में हैंडिमेन किराए पर मिलने की सेवाओं का प्रचलन भी तेजी के साथ बढ़ रहा है। यह प्लेटफार्म ऐसे पुरुषों को उपलब्ध कराते हैं,जो प्लंबिंग, बढ़ईगिरी, मरम्मत जैसे कामों को बढ़िया तरीके से करते हैं। इसके अलावा बेहतर बातें भी करते हैं। एक और कंपनी है, जो घंटे भर के लिए पति किराए पर देने का काम करती है। इसमें फोन के माध्यम से या ऑनलाइन बुक करने पर एक आदमी तुरंत घर पहुंचकर घरेलू कामों में मदद करता है।


    क्या है पुरुषों की कमी का कारण

    विशेषज्ञों के मुताबिक लातविया में लैंगिक समस्या का मुख्य कारण पुरुषों की कम जीवन प्रत्याशा दर है। इसके पीछे धुम्रपान की उच्च दर और जीवनशैली से जुड़ी समस्याएं प्रमुख हैं।

  • शनि देव की पनौती: छोटी और बड़ी पनौती, क्या है वरदान या अभिशाप

    शनि देव की पनौती: छोटी और बड़ी पनौती, क्या है वरदान या अभिशाप


    नई दिल्‍ली । पनौती शब्द को अक्सर बुरी किस्मत अशुभता और नकरात्मकता से जोड़ा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शनि देव की पनौती का संबंध ज्योतिषशास्त्र में किससे है और यह वास्तव में वरदान है या अभिशाप ज्योतिष के अनुसार शनि देव की पनौती मुख्य रूप से साढ़ेसाती और ढैय्या से जुड़ी होती है जिन्हें बड़ी पनौती और छोटी पनौती कहा जाता है।

    शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या

    ज्योतिष में शनि देव की पनौती को दो प्रमुख हिस्सों में बांटा गया है बड़ी पनौती साढ़ेसाती और छोटी पनौती ढैय्या । शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव व्यक्ति की राशि पर लगभग 7.5 वर्षों तक रहता है, जबकि ढैय्या का प्रभाव ढाई वर्षों तक होता है। इन दोनों के समय में व्यक्ति को कई तरह की मुश्किलों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर इन्हें बुरा समय माना जाता है लेकिन इसका एक गहरा उद्देश्य भी होता है।

    बड़ी पनौती साढ़ेसाती

    शनि की साढ़ेसाती एक गंभीर और लंबा चलने वाला समय होता है, जब शनि अपनी राशि से सातवें आठवें और नवें घर में भ्रमण करता है। इस दौरान व्यक्ति को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है जैसे आर्थिक संकट रिश्तों में समस्याएं, करियर में बाधाएं या शारीरिक और मानसिक तनाव। हालांकि यह समय चुनौतीपूर्ण होता है लेकिन शनि का यह समय व्यक्ति को संयम अनुशासन और धैर्य सिखाने का भी कार्य करता है। इस अवधि में व्यक्ति को अपने कर्मों का फल मिलता है और उसे अपने जीवन के उद्देश्य को समझने का अवसर मिलता है।

    छोटी पनौती ढैय्या

    शनि की ढैय्या एक छोटा लेकिन असरदार समय होता है। यह शनि के पहले या दूसरे घर में भ्रमण करते हुए उत्पन्न होता है और यह लगभग ढाई वर्षों तक रहता है। इस दौरान व्यक्ति को कम गंभीर लेकिन फिर भी परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। हालांकि ढैय्या की अवधि में उतनी कठिनाई नहीं होती जितनी साढ़ेसाती में होती है लेकिन यह भी व्यक्ति के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ढैय्या का उद्देश्य भी जीवन में संतुलन और आत्म-निर्भरता की दिशा में काम करना होता है।

    वरदान या अभिशाप

    ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार शनि की पनौती को अभिशाप कहना पूरी तरह से गलत होगा। हालांकि यह समय कठिन होता है परंतु इसका उद्देश्य व्यक्ति को मजबूत संयमित और समझदार बनाना होता है। शनि की पनौती की अवधि में अगर व्यक्ति अपने कार्यों पर ध्यान देता है सही रास्ते पर चलता है और ईमानदारी से काम करता है तो यह उसे जीवन में बेहतर दिशा और सफलता दिला सकती है।

    शनि की पनौती जीवन के कई पहलुओं को मजबूत करने में मदद करती है। यह व्यक्ति को उन कमजोरियों को पहचानने और सुधारने का मौका देती है, जिनसे वह खुद भी अनजान हो सकता है। इसलिए शनि की पनौती को अभिशाप नहीं बल्कि एक कठिन लेकिन आवश्यक अनुभव माना जा सकता है, जो व्यक्ति के आत्म विकास में सहायक होता है।

    भद्राकाल और शुभ कार्यों में अड़चन

    ज्योतिष के अनुसार शनि की बहन भद्रा को भी पनौती माना जाता है। भद्रा का समय शुभ कार्यों में रुकावट डालता है यही कारण है कि हिंदू धर्म में भद्राकाल के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। इसी तरह शनि का प्रभाव भी कुछ हद तक जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों को टालने और व्यक्ति को आत्म-निरीक्षण की ओर प्रेरित करता है।

    शनि की पनौती चाहे वह छोटी हो या बड़ी किसी व्यक्ति के जीवन में एक अवश्यम्भावी चुनौती के रूप में आती है जो उसे अपने कर्मों और जीवन की दिशा पर विचार करने का अवसर देती है। शनि का यह समय वरदान हो सकता है अगर व्यक्ति इसे सही तरीके से समझे और आत्म निर्भरता संयम और अनुशासन को अपनाए। अत: शनि की पनौती को अभिशाप नहीं बल्कि जीवन के विकास का एक महत्वपूर्ण भाग माना जाना चाहिए।

  • कैंसिल फ्लाइट्स से प्रभावित यात्रियों को मिलेगा रिफंड, सरकार ने इंडिगो पर सख्त कदम उठाए

    कैंसिल फ्लाइट्स से प्रभावित यात्रियों को मिलेगा रिफंड, सरकार ने इंडिगो पर सख्त कदम उठाए


    नई दिल्‍ली । 6 दिसंबर को केंद्र सरकार ने इंडिगो एयरलाइंस पर सख्ती करते हुए फ्लाइट कैंसिल होने के कारण प्रभावित यात्रियों को टिकट का रिफंड देने का निर्देश दिया। इसके अलावा, सरकार ने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि फ्लाइट कैंसिल होने से छूटे हुए सभी सामान को अगले 48 घंटों में यात्रियों तक पहुंचा दिया जाए। विमानन मंत्रालय ने इंडिगो को कहा कि 7 दिसंबर तक रिफंड प्रक्रिया पूरी कर ली जाए, ताकि यात्रियों को कोई असुविधा न हो।

    रिफंड की प्रक्रिया और 7 दिसंबर की डेडलाइन

    मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि इंडिगो को अपनी रद्द उड़ानों के लिए टिकट रिफंड की प्रक्रिया शाम तक यानी 7 दिसंबर तक पूरी करनी होगी। इसके साथ ही विमानन मंत्रालय ने इंडिगो को एक विशेष सहायता और रिफंड सुविधा केंद्र बनाने का भी आदेश दिया ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। इसके अलावा यह भी निर्देशित किया गया कि एयरलाइन यह सुनिश्चित करे कि फ्लाइट के रद्द होने के कारण यात्रियों का छूटे हुआ सामान अगले 48 घंटों के भीतर उन तक पहुंच जाए।

    पायलट ड्यूटी नियमों का असर

    इंडिगो की फ्लाइट्स में रुकावट का मुख्य कारण केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए पायलट ड्यूटी नियम हैं। ये नियम 1 जुलाई 2025 से प्रभावी हुए थे, जिसके तहत पायलटों को हफ्ते में 36 घंटे के बजाय 48 घंटे का आराम दिया जाना अनिवार्य कर दिया गया। इसके अतिरिक्त, नवंबर 2023 में DGCA ने पायलटों और क्रू मेंबर्स के लिए लगातार नाइट शिफ्ट पर पाबंदी भी लगा दी। इसके कारण एयरलाइनों में पायलटों की उपलब्धता में 15-20% की कमी आई जिससे फ्लाइट्स की संख्या कम हो गई और कई उड़ानें रद्द हो गईं।

    इंडिगो की उड़ान रद्दीकरण और देरी

    5 और 6 दिसंबर को इंडिगो की 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं। इसके अलावा, देश के प्रमुख एयरपोर्ट्स जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु पर 400 से अधिक उड़ानें रद्द हो गईं। इन घटनाओं के चलते यात्रियों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ा और सरकार ने एयरलाइन को आदेश दिया कि रिफंड प्रक्रिया में किसी भी तरह की देरी या गैर-अनुपालन पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

    सरकार की तैयारी और सख्त कदम

    सरकार इस मामले को लेकर बेहद सख्त नजर आ रही है और इंडिगो पर भारी जुर्माना लगाने की तैयारी कर रही है। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि सरकार इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रही है और लगातार मीटिंग्स कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस पूरे मामले की जानकारी दी गई है।

    आगे की स्थिति

    सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक इंडिगो के परिचालन में पूरी तरह से स्थिरता नहीं आती तब तक स्वचालित रिफंड प्रक्रिया जारी रहेगी। मंत्रालय ने एयरलाइन से कहा कि वह सुनिश्चित करे कि यात्रियों के सामान का जल्द से जल्द पता लगाया जाए और उन्हें वापस किया जाए। इस बीच यात्रियों को भी सलाह दी गई है कि वे एयरलाइन की रिफंड प्रक्रिया का पालन करें और अपनी यात्रा से संबंधित किसी भी समस्या के लिए सहायता केंद्र से संपर्क करें।

    इन घटनाओं से स्पष्ट है कि सरकार की निगरानी और नियमों के पालन के बिना यात्रियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है लेकिन अब इंडिगो पर दबाव बढ़ने के बाद उम्मीद की जा रही है कि एयरलाइन जल्द ही अपनी सेवाओं को फिर से सामान्य बनाएगी।
  • डेटिंग ऐप पर हुई मुलाकात बनी शादी तक का सफर-सारा खान और कृष पाठक की रोमांटिक जर्नी का खूबसूरत अंत

    डेटिंग ऐप पर हुई मुलाकात बनी शादी तक का सफर-सारा खान और कृष पाठक की रोमांटिक जर्नी का खूबसूरत अंत

    नई दिल्ली । टीवी इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान बना चुकी अभिनेत्री सारा खान ने 5 दिसंबर को अपने बॉयफ्रेंड कृष पाठक के साथ हिंदू रीति-रिवाजों से शादी कर ली। इससे पहले अक्टूबर में दोनों ने कोर्ट मैरिज की थी। अब इस कपल ने परिवार और दोस्तों की मौजूदगी में भव्य समारोह आयोजित कर अपनी प्रेम कहानी को एक खूबसूरत अंजाम दिया। शादी के तुरंत बाद मुंबई में आयोजित रिसेप्शन में टीवी और सोशल मीडिया जगत के कई सितारे शामिल हुए।

    शादी और रिसेप्शन में सारा–कृष का शानदार लुक

    शादी के दिन सारा खान बेहद खूबसूरत नजर आईं। उन्होंने लाल रंग का पारंपरिक लहंगा पहना, जिसे भारी गोल्डन ज्वेलरी—गोल्ड नेकलेस, बड़ी नथ और मांग टीका—के साथ कैरी किया। वहीं दूल्हे कृष पाठक ने भी लाल शेरवानी पहनकर दुल्हन के साथ ट्विनिंग की।

    रिसेप्शन में दोनों ने पूरी तरह अलग, लेकिन रॉयल लुक अपनाया। कृष ने ब्लैक शेरवानी के साथ कढ़ाईदार ओवरकोट पहना, जबकि सारा ने सादगी भरा लेकिन बेहद आकर्षक आउटफिट चुना। शादी के बाद माथे पर सुहाग का सिंदूर लगाए सारा की मुस्कान और हाथों की मेहंदी ने उनके लुक को खास बना दिया।

    इस आयोजन में आवेज दरबार, नगमा मिराजकर, फलक नाज़, राजीव ठाकुर और दीपशिखा नागपाल सहित कई जानी-मानी हस्तियां शामिल हुईं। कपल ने बॉलीवुड गानों पर खूब डांस किया और सभी मेहमानों के साथ मस्ती भरे पल बिताए।

    डेटिंग ऐप से शुरू हुई प्रेम कहानी

    सारा खान और कृष पाठक की लव स्टोरी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। दोनों की मुलाकात करीब एक साल पहले एक डेटिंग ऐप पर हुई। एक इंटरव्यू में सारा ने बताया कि उन्होंने पहली बार कृष की फोटो देखी और तुरंत एक जुड़ाव महसूस किया। फोटो देखने के बाद दोनों ने चैटिंग शुरू की और अगले ही दिन मिलने का फैसला कर लिया।

    सारा ने साफ कर दिया था कि वह किसी कैज़ुअल रिश्ते में दिलचस्पी नहीं रखतीं। वह शादी करके बसना चाहती थीं। दूसरी ओर कृष भी अपने पुराने ब्रेकअप से उभर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे “शादी करने वाले इंसान” नहीं थे, क्योंकि उनका पालन-पोषण उनकी सिंगल मदर ने किया था और घर का माहौल उन्हें रिश्तों के बारे में सतर्क रखता था।

    लेकिन सारा से मिलने के बाद उनका नजरिया बदल गया। कृष ने बताया, “मुझे लगा कि अगर इसे खो दिया तो शायद सबसे बड़ी गलती होगी।” यहीं से उनकी प्रेम कहानी ने गंभीर मोड़ लिया और जल्द ही यह रिश्ता शादी में बदल गया।

    कृष पाठक का परिवार और पिता सुनील लहरी का परिचय

    कृष पाठक, टीवी के जाने-माने अभिनेता सुनील लहरी के बेटे हैं, जिन्हें सबसे अधिक लोकप्रियता रामानंद सागर की पौराणिक श्रृंखला ‘रामायण’ (1987-88) में लक्ष्मण की भूमिका निभाकर मिली।

    हालांकि कृष ने अपने जीवन के ज्यादातर साल अपनी मां के साथ बिताए। सुनील लहरी की पहली शादी भारती नाम की महिला से हुई थी। बाद में उन्होंने तरुण कटियाल से शादी की। कृष किस पत्नी से जन्मे हैं, इसकी स्पष्ट जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह पक्का है कि उनका पालन-पोषण उनकी सिंगल मदर ने ही किया। इसी वजह से उनकी शादी को लेकर सोच काफी समय तक अस्थिर रही।

    सुनील लहरी न सिर्फ रामायण में बल्कि कई अन्य सीरियल्स और फिल्मों में भी नजर आए—

    परम वीर चक्र (1990) में सेकंड लेफ्टिनेंट राणा राघोबा राणे

    विक्रम और बेताल, दादा-दादी की कहानियाँ जैसे शो में महत्वपूर्ण भूमिकाएं

    उनकी पहली फिल्म द नक्सलाइट्स (1980)

    ‘फिर आई बरसात’ (1985) और ‘जन्म कुंडली’ (1995) जैसी फिल्मों में भी अभिनय

    लेकिन उनकी सबसे बड़ी पहचान आज भी लक्ष्मण के रूप में ही बनी हुई है।

    एक खूबसूरत अध्याय की शुरुआत

    सारा खान, जो ‘बिदाई’ जैसी सुपरहिट सीरियल से घर-घर में मशहूर हुईं, अब अपनी शादीशुदा जिंदगी की नई शुरुआत कर चुकी हैं। डेटिंग ऐप पर हुई छोटी सी मुलाकात ने धीरे-धीरे एक गहरी कहानी का रूप लिया और आखिरकार शादी के बंधन में बंधकर इसे एक सुंदर अंजाम मिला।

    दोनों अपने करियर और निजी जीवन को साथ लेकर आगे बढ़ने के लिए बेहद उत्साहित हैं।

  • आम आदमी पार्टी के ड्रीम प्रोजेक्ट 95 और मोहल्ला क्लीनिकल होंगे बंद, डॉक्टर और कर्मचारियों पर संकट

    आम आदमी पार्टी के ड्रीम प्रोजेक्ट 95 और मोहल्ला क्लीनिकल होंगे बंद, डॉक्टर और कर्मचारियों पर संकट


    नई दिल्ली । दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ माने जाने वाले मोहल्ला क्लीनिक इन दिनों अभूतपूर्व संकट से गुजर रहे हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा शुरू किया गया यह ड्रीम प्रोजेक्ट अब लगातार विवादों और कठिनाइयों में फंसता दिखाई दे रहा है। ताज़ा जानकारी के अनुसार राजधानी में लगभग 95 और मोहल्ला क्लीनिक बंद होने वाले हैं जिसके लिए सरकार की ओर से आधिकारिक नोटिस भी जारी कर दिया गया है। इससे इन क्लीनिकों में काम कर रहे डॉक्टरों फार्मासिस्टों और अन्य कर्मचारियों के सामने रोजगार का गहरा संकट खड़ा हो गया है।

    500 में से कई क्लीनिक पहले ही हो चुके हैं बंद

    दिल्ली में करीब 500 मोहल्ला क्लीनिक संचालित किए जा रहे थे, जो प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते रहे हैं। यहां लोगों को मुफ्त खून की जांच, किडनी फंक्शन टेस्ट लिवर फंक्शन टेस्ट, विटामिन लेवल टेस्ट डायबिटीज  कोलेस्ट्रॉल  ब्लड शुगर हीमोग्लोबिन सहित 90 से अधिक प्रकार की पैथोलॉजी जांचें उपलब्ध कराई जाती थीं। मोहल्ला क्लीनिकों में कार्यरत एक डॉक्टर के अनुसार, सरकार की नीति और बजट संबंधी बाधाओं के चलते करीब 200 मोहल्ला क्लीनिक पहले ही बंद हो चुके हैं और अब 95 और क्लीनिक बंद होने की सूची में शामिल होने जा रहे हैं।

    सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में डॉक्टर

    सरकार के इस ताज़ा निर्णय ने डॉक्टरों और कर्मचारियों में भारी चिंता पैदा कर दी है। डॉक्टरों का स्पष्ट कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में क्लीनिक बंद करने का फैसला न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित करेगा बल्कि सैकड़ों कर्मचारियों की आजीविका पर भी सीधा असर डालेगा। कई डॉक्टरों ने बताया कि वे इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं। डॉक्टरों ने आपसी बैठक कर यह निर्णय लिया कि कानूनी तौर पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा और क्लीनिक बंद न हों, इसके लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।

    121 मोहल्ला क्लीनिक बंद करने का फैसला पहले ही हो चुका था

    कुछ दिन पहले ही दिल्ली सरकार की ओर से 121 मोहल्ला क्लीनिकों को बंद करने का फैसला लिया गया था। कर्मचारियों के अनुसार इस निर्णय के परिणामस्वरूप डॉक्टर फार्मासिस्ट, लैब टेक्निशियन और अन्य स्टाफ कुल मिलाकर 600 से अधिक लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ गई हैं। लगातार नोटिस जारी होने और नई सूची सामने आने से कर्मचारियों की चिंता और बढ़ गई है।

    121 डॉक्टरों को एक साथ मिला टर्मिनेशन लेटर

    30 अक्टूबर को स्थिति और गंभीर हो गई, जब मोहल्ला क्लीनिकों में सेवाएं दे रहे 121 डॉक्टरों को अचानक नौकरी से हटाने का लेटर मिल गया। डॉक्टरों के अनुसार उन्हें दो सप्ताह का समय दिया गया है जिसके बाद उनकी सेवाएं समाप्त मानी जाएंगी। कई डॉक्टरों ने बताया कि इस तरह अचानक लिए गए निर्णय से वे मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं और किसी भी समय नई नौकरी मिलने की उम्मीद भी कम है।

    अन्य कर्मचारियों पर भी संकट ANM और मल्टी-टास्क स्टाफ को लेटर जारी

    डॉक्टरों के अलावा बड़ी संख्या में ऑक्ज़िलरी नर्सिंग मिडवाइफ और मल्टी-टास्क स्टाफ को भी नौकरी से निकालने का नोटिस दिया गया है। सूत्रों के अनुसार कुल मिलाकर सैकड़ों कर्मचारी ऐसे हैं जो बेरोजगार होने वाले हैं। यह स्थिति न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर रही है बल्कि परिवारों की आर्थिक स्थिति को भी गहरा आघात पहुंचा रही है।

    लोगों के लिए बढ़ेगी स्वास्थ्य सेवाओं की मुश्किलें

    अगर यह निर्णय लागू होता है तो दिल्ली की आम जनता, खासकर निम्न और मध्यम वर्ग को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। मोहल्ला क्लीनिकों के बंद होने से मुफ्त जांच प्राथमिक उपचार और डॉक्टरों की सुविधाएं कम हो जाएंगी, जिसकी वजह से सरकारी अस्पतालों में भीड़ और लंबी कतारें बढ़ने की संभावना है। क्लीनिकों की शुरुआत दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों की पहुंच में लाने के लिए की गई थी। लेकिन आज वही प्रोजेक्ट राजनीतिक, आर्थिक और प्रशासनिक कारणों से कठिन दौर से गुजर रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि लड़ाई अब उनके अस्तित्व की है, और वे इसे अदालत में चुनौती देने के लिए तैयार हैं। आगे अदालत और सरकार का क्या रुख होगा, यही आने वाले समय में दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा तय करेगा।

  • Ali Asgar Birthday: ‘दादी’ वाला किरदार जिसने दिलाए शोहरत, वही बना परेशानी की वजह—जानिए अली असगर की जिंदगी के दिलचस्प किस्से

    Ali Asgar Birthday: ‘दादी’ वाला किरदार जिसने दिलाए शोहरत, वही बना परेशानी की वजह—जानिए अली असगर की जिंदगी के दिलचस्प किस्से


    नई दिल्ली । टेलीविजन और कॉमेडी की दुनिया में अपनी अलग पहचान बना चुके अली असगर आज अपना 56वां जन्मदिन मना रहे हैं। अली उन गिने-चुने कलाकारों में से हैं जिन्होंने टीवी सीरियल्स से लेकर कॉमेडी शो और फिल्मों तक हर मंच पर अपनी प्रतिभा साबित की है। हालांकि उन्हें सबसे ज्यादा लोकप्रियता ‘द कपिल शर्मा शो’ में निभाए गए दादी और नानी के किरदारों ने दिलाई। यह किरदार इतना हिट हुआ कि दर्शकों ने उन्हें इन कॉमिक अवतारों में ही पहचानना शुरू कर दिया, लेकिन यह लोकप्रियता आगे चलकर उनके लिए परेशानी का कारण भी बनी।

    आइए, जन्मदिन के अवसर पर हम आपको बताते हैं अली असगर की जिंदगी से जुड़े वे पहलू, जिनके बारे में कम लोग जानते हैं।

    होटल इंडस्ट्री से शुरू हुआ सफर, एक्टिंग का सपना वापस घर बुला लाया

    अली का जन्म साल 1966 में मुंबई में हुआ। दिलचस्प बात यह है कि एक्टिंग कभी उनका पहला करियर विकल्प नहीं था। उनके पिता अली मोहम्मद होटल इंडस्ट्री से ताल्लुक रखते थे, और इसी वजह से अली ने भी इसी क्षेत्र में करियर बनाने का फैसला किया। उन्होंने मुंबई से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की और फिर विदेश जाकर कई साल तक होटल्स में जॉब की।

    करीब पांच साल तक कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने के बाद जब उन्हें विदेश में ही रहने का मौका मिला, तब उनकी जिंदगी ने नया मोड़ लिया। अली आगे भी वहीं काम करने को तैयार थे, लेकिन परिवार का कहना था-
    “अकेला बेटा है, वापस आ जा। जो करना है यहीं कर लेना।”
    परिवार की इस इच्छा ने अली को वापस भारत आने का फैसला करने पर मजबूर कर दिया। उन्हें पता नहीं था कि यही फैसला आगे चलकर उन्हें टीवी इंडस्ट्री का चमकता सितारा बना देगा।

    करियर की शुरुआत और टीवी जगत में मजबूत पहचान

    भारत लौटने के बाद अली ने एक्टिंग दुनिया में कदम रखा। उनका फिल्मी सफर 1991 में फिल्म ‘शिकारी’ से शुरू हुआ। इसके बाद उन्होंने टीवी सीरियल्स की ओर रुख किया और ‘दिल विल प्यार व्यार’ तथा ‘कहानी घर घर की’ जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों में काम कर पहचान बनाई।

    उनका कॉमिक टैलेंट पहली बार तब लोगों के सामने आया जब उन्होंने F.I.R. और अन्य हास्य धारावाहिकों में भूमिकाएं निभाईं। धीरे-धीरे अली टीवी पर एक जाने-माने चेहरे बन गए।

    कपिल शर्मा शो की ‘दादी’-जिन्होंने बनाया स्टार, पर घर में बढ़ा दी मुश्किलें

    अली की जिंदगी का सबसे अहम मोड़ तब आया जब वे कॉमेडी नाइट्स विद कपिल और बाद में द कपिल शर्मा शो का हिस्सा बने। यहां उन्होंने कभी दादी, कभी नानी, तो कभी विभिन्न महिला किरदार निभाए।

    उनकी कॉमिक टाइमिंग, संवाद शैली और ‘शगुन की पप्पी’ वाले अंदाज ने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया।

    लेकिन यह लोकप्रियता उनके घर में परेशानी का कारण बन गई। एक इंटरव्यू में अली ने खुलकर बताया था कि उनके बच्चों को स्कूल में ट्रोल किया जाने लगा।
    उन्होंने कहा-
    “जब मैं दादी का रोल करता था, तो मेरे बच्चों को चिढ़ाया जाता था। वे उस उम्र में थे जहां बातें दिल पर लग जाती थीं। इसी वजह से मैंने शो छोड़ने का फैसला किया।”

    अली के दोनों बेटे-अदा असगर और नुयान असगर-तब चौथी और पांचवीं क्लास में थे। अली ने अपने बच्चों की भावनाओं को समझते हुए शो को अलविदा कहा।

    परिवार और निजी जीवन

    अली की पत्नी का नाम सिद्दीका है। पारिवारिक जिंदगी से जुड़े सवालों में अली हमेशा बताते हैं कि उनकी सफलता का सबसे बड़ा श्रेय उनके परिवार को जाता है। उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें अलग तरह की भूमिकाएं चुनने के लिए प्रेरित किया।

    फिल्मों में भी छोड़ी छाप

    अली असगर सिर्फ टीवी तक सीमित नहीं रहे। उन्होंने कई लोकप्रिय फिल्मों में भी यादगार भूमिकाएँ निभाईं, जैसे-

    खलनायक

    जोरू का गुलाम

    पार्टनर

    तीस मार खान

    जुड़वा 2

    हाल ही में वे फिल्म ‘शहजादा’ का भी हिस्सा रहे। इसके अलावा वे ‘झलक दिखला जा 10’ जैसे डांस रियलिटी शो में भी प्रतिभागी के रूप में नजर आ चुके हैं।

    निष्कर्ष

    अली असगर का सफर संघर्ष, मेहनत और धैर्य का अनोखा उदाहरण है। होटल इंडस्ट्री से निकलकर टीवी और फिल्मों की दुनिया तक पहुंचने में उन्हें कई उतार-चढ़ाव झेलने पड़े, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

    उनका ‘दादी’ वाला किरदार भले ही अब इतिहास बन चुका है, लेकिन आज भी दर्शक उन्हें उसी अंदाज में याद करते हैं। अपने जन्मदिन पर अली असगर मनोरंजन जगत के उन कलाकारों में शामिल हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और कला से लोगों के दिलों में खास जगह बनाई है।

  • तेजी से अमीर बनाते हैं ये 3 मूलांक! जानिए अंकशास्त्र के फास्ट अर्निंग नंबर…

    तेजी से अमीर बनाते हैं ये 3 मूलांक! जानिए अंकशास्त्र के फास्ट अर्निंग नंबर…


    नई दिल्ली ।अंकशास्त्र में हर मूलांक का स्वभाव, सोच और काम करने का तरीका अलग होता है। लेकिन कुछ मूलांक ऐसे माने जाते हैं जिनके लोगों में तेजी से पैसा कमाने की क्षमता स्वाभाविक रूप से अधिक होती है। विशेषज्ञों के अनुसार इन मूलांक वालों की ताकत किस्मत नहीं, बल्कि उनका दृष्टिकोण जोखिम उठाने का साहस और सही मौकों को पकड़ने की क्षमता होती है। आइए जानते हैं कौन-से मूलांक वाले लोग आर्थिक तरक्की की दौड़ में सबसे आगे रहते हैं।

    मूलांक 1 जन्म तिथि: 1, 10, 19, 28
    अंक 1 के जातक जन्मजात नेता माने जाते हैं। इनमें आत्मविश्वास भरपूर होता है और ये काम को शुरू करके दिखाने में यकीन रखते हैं। इनकी प्रमुख खूबियां: ,खुद पर मजबूत भरोसा,  तुरंत निर्णय लेने की क्षमता, पद, शक्ति और जिम्मेदारी पाने में तेज मूलांक 1 के लोग बिजनेस, मैनेजमेंट, मीडिया से लेकर राजनीति तक-हर जगह तेजी से नाम और पैसा कमाते हैं। इनकी तरक्की का आधार मेहनत और नेतृत्व कौशल होता है।

    मूलांक 3 जन्म तिथि: 3, 12, 21, 30

    मूलांक 3 वालों की सबसे बड़ी ताकत होती है-नेटवर्किंग और टाइमिंग। ये सही लोगों से सही समय पर जुड़ने की कला जानते हैं।  खासियत:  प्रभावी संपर्क   बनाना सही मौके  पर तुरंत कदम   उठाना प्लानिंग और रणनीति   में माहिर इनकी कमाई अक्सर अचानक बढ़ती है क्योंकि ये अवसरों को पहचानकर तुरंत फायदा उठाते हैं। शिक्षा, प्रशासन, मैनेजमेंट और सरकारी क्षेत्रों में इनकी पकड़ मजबूत होती है।

    अंकशास्त्र में मूलांक 5 को सबसे फास्ट मनी नंबर कहा जाता है। बुध ग्रह का प्रभाव इन्हें तेज सोच स्मार्ट वर्क और कम्युनिकेशन की ताकत देता है  इनकी तीन शक्तियां: जोखिम लेने में बिल्कुल नहीं डरते बाजार और ट्रेंड की तेज समझ  बदलावों के साथ तुरंत खुद को ढाल लेना  फाइनेंस, ट्रेडिंग, मार्केटिंग, सेल्स और बिजनेस-इन सभी क्षेत्रों में मूलांक 5 के लोग पैसा तेजी से कमाने के लिए जाने जाते हैं। लोगों से मजबूत रिश्ते बनाना इनकी आर्थिक सफलता का आधार होता है।

    मूलांक 6 जन्म तिथि: 6, 15, 24
    मूलांक 6 वाले लोगों में आकर्षण, रचनात्मकता और लोगों को प्रभावित करने की क्षमता बेहतरीन होती है। मुख्य खूबियां: आय के नए और रचनात्मक स्रोत खोजना  पार्टनरशिप में लाभ लोगों पर अच्छा प्रभाव यह मूलांक रियल एस्टेट, कला, फैशन, डिजाइनिंग, मीडिया और लाइफस्टाइल इंडस्ट्री में शानदार पैसा दिलाता है। इनके पास धन अक्सर सहजता से आता है।

    मूलांक 8 जन्म तिथि: 8, 17, 26
    मूलांक 8 की कमाई की शुरुआत धीमी रहती है, लेकिन एक बार लक्ष्य तय करने के बाद ये लोग गजब की स्थिर और भारी आर्थिक प्रगति करते हैं। इनकी खासियत: अनुशासन और कठोर मेहनत  लक्ष्य पर निरंतर फोकस 28 से 35 वर्ष के बाद आय में तेज वृद्धि लंबी अवधि में मूलांक 8 वाले बड़े धन का निर्माण करते हैं। प्रशासन, कानून, उद्योग और मैनेजमेंट से जुड़े क्षेत्रों में इनकी चमक ज्यादा दिखती है। अंकशास्त्र के अनुसार मूलांक 1, 3, 5, 6 और 8 वाले लोग सबसे तेज आर्थिक विकास करते हैं। हर मूलांक की सफलता की अपनी वजह है-

    मूलांक 1: नेतृत्व, मूलांक 3: नेटवर्किंग, मूलांक 5: जोखिम और स्मार्टनेस, मूलांक 6: प्रभाव और क्रिएटिविटी, मूलांक 8: मेहनत और स्थिर सफलता।  अंकशास्त्र मानता है कि इन मूलांक वालों में पैसा कमाने की क्षमता स्वभाव से ही अधिक होती है, और सही दिशा में प्रयास करें तो ये जीवन में तेजी से आर्थिक ऊंचाइयां छू लेते हैं।

  • वायर खींचना: छोटे बच्चों का खेलते समय ढीले या खुले तारों को खींचना, जिससे उन्हें ज़ोरदार झटका लगता है।

    वायर खींचना: छोटे बच्चों का खेलते समय ढीले या खुले तारों को खींचना, जिससे उन्हें ज़ोरदार झटका लगता है।


    नई दिल्ली सर्दियों के मौसम में नहाने, कपड़े धोने या घरेलू कामों में हल्के गर्म पानी की जरूरत हर घर में होती है। इसी कारण कई लोग गीजर की जगह इमर्शन रॉड का उपयोग करते हैं क्योंकि यह किफायती होने के साथ-साथ आसानी से इस्तेमाल भी हो जाता है। लेकिन इसकी कीमत कम जरूर है पर ज़रा-सी लापरवाही जान तक ले सकती है।

    हाल ही में यूपी के हाथरस जिले के नगला चौबे गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां 3 साल की एक बच्ची खेलते-खेलते इमर्शन रॉड के तारों के संपर्क में आ गई और उसे जोरदार करंट लगा। अस्पताल पहुंचाने से पहले ही बच्ची की जान चली गई। इससे पहले देवरिया में भी एक महिला पानी गर्म करते समय करंट की चपेट में आकर मौत का शिकार हो गई थी। ऐसे कई हादसे हर साल होते हैं, जिनकी वजह सिर्फ इमर्शन रॉड के गलत या असावधान इस्तेमाल होती है। इसलिए आज जरूरत की खबर में हम समझेंगे-इमर्शन रॉड कितना खतरनाक हो सकता है इसे सुरक्षित तरीके से कैसे इस्तेमाल करें, और खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

    इमर्शन रॉड क्या होता है और कैसे काम करता है?
    इमर्शन रॉड एक पोर्टेबल इलेक्ट्रिक हीटिंग डिवाइस है, जो स्टेनलेस स्टील या कॉपर की कॉइल से बना होता है। इसका एक सिरा पानी में डाला जाता है और दूसरा प्लग के जरिए बिजली से जुड़ता है। जैसे ही बिजली प्रवाहित होती है, कॉइल गर्म होकर पानी को गर्म करना शुरू कर देती है। 1000–1500 वॉट की रॉड आमतौर पर 5–10 मिनट में पानी को गर्म कर देती है। लेकिन हमेशा ध्यान रखें-रॉड हवा में चालू न हो, वरना यह ओवरहीट होकर जल सकती है। इमर्शन रॉड से होने वाले खतरे ।


    इमर्शन रॉड का सबसे बड़ा जोखिम है इलेक्ट्रिक शॉक।

    यदि रॉड में कट जंग या वायरिंग में खराबी हो तो करंट सीधे पानी में फैल सकता है। मेटल बाल्टी में रॉड का इस्तेमाल करंट लगने की संभावना को कई गुना बढ़ा देता है। रॉड को पानी में डाले बिना चालू करने पर कॉइल जल सकती है और फटने तक की नौबत आ सकती है।  ओवरहीटिंग के कारण प्लास्टिक बाल्टी पिघल सकती है, जिससे गंभीर चोट या जलने की घटना हो सकती है।

    इमर्शन रॉड का उपयोग करते समय जरूरी सावधानियां ।


    कुछ सरल नियम आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। हमेशा रॉड को पानी में डूबोकर ही स्विच ऑन करें। रॉड चालू रहते समय पानी या बाल्टी को हाथ न लगाएं।
    बच्चों को इसके पास बिल्कुल न जाने दें। मेटल बाल्टी का उपयोग बिल्कुल न करें, प्लास्टिक बाल्टी ही इस्तेमाल करें। रॉड चालू होने पर हाथ गीले न हों और न ही गीली सतह पर खड़े हों।  पानी गर्म होने के बाद पहले प्लग निकालें, फिर ही रॉड को बाहर निकालें।

    अगर करंट लग जाए तो क्या करें?

    सबसे पहले घर का मेन स्विच ऑफ करें। प्रभावित व्यक्ति को हाथ से छूकर न बचाएं। लकड़ी या प्लास्टिक की किसी वस्तु से अलग करें। व्यक्ति बेहोश हो तो तुरंत CPR दें और एम्बुलेंस बुलाएं।
    करंट का झटका दिल की धड़कन रोक सकता है, इसलिए मेडिकल सहायता तत्काल जरूरी है।

    इमर्शन रॉड खरीदते समय किन चीजों पर ध्यान दें? 

    ISI या BIS सर्टिफिकेशन जरूर देखें। यह सुरक्षा मानकों की पुष्टि करता है। वायर की गुणवत्ता मजबूत होनी चाहिए। पतला या ढीला वायर दुर्घटना की वजह बनता है। पावर रेटिंग 1000–1500 वॉट घरेलू उपयोग के लिए पर्याप्त है। मटेरियल स्टेनलेस स्टील या कॉपर की रॉड ज्यादा सुरक्षित और टिकाऊ होती है। थ्री-पिन प्लग और वाटरप्रूफ हैंडल होना चाहिए। इंडिकेटर लाइट से पता चलता है कि रॉड चालू है या नहीं। भरोसेमंद ब्रांड और कम-से-कम एक साल की वारंटी देखें। ऑनलाइन यूजर रिव्यू पढ़कर प्रोडक्ट की विश्वसनीयता जरूर जांचें।

    इमर्शन रॉड की सफाई और देखभाल ।


    हर 10–15 दिनों में कॉइल पर जमी सफेद परत को साफ करें। इसके लिए रॉड को नींबू के रस या सिरके में 20–30 मिनट भिगो दें और फिर ब्रश से हल्के हाथ से साफ करें। रॉड को हमेशा सूखा करके ही स्टोर करें और समय-समय पर प्लग तथा वायर की जांच करते रहें। कुछ आम सवाल-संक्षिप्त जवाब रॉड को चालू छोड़कर कहीं न जाएं-यह बेहद खतरनाक है। रॉड बिना पानी के चालू करना बिल्कुल गलत है। स्विच ऑफ करने के बाद 10 सेकंड रॉड को पानी में रहने दें। मेटल बाल्टी में रॉड कभी न इस्तेमाल करें। प्लास्टिक बाल्टी सुरक्षित है लेकिन ओवरहीटिंग से बचें।पुरानी रॉड को हर सीज़न शुरू होने से पहले टेक्नीशियन से चेक कराएं।थोड़ी सतर्कता और सही तरीके से उपयोग आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इमर्शन रॉड सुरक्षित है बस सावधानी अनिवार्य है।
  • सावधान! बंद कमरे में साइलेंट किलर बन सकता है रूम हीटर:12 ज़रूरी सेफ्टी टिप्स जो आपकी जान बचा सकते हैं, बता रहे हैं विशेषज्ञ।

    सावधान! बंद कमरे में साइलेंट किलर बन सकता है रूम हीटर:12 ज़रूरी सेफ्टी टिप्स जो आपकी जान बचा सकते हैं, बता रहे हैं विशेषज्ञ।


    नई दिल्ली/ सर्दियों में ठंड से बचने के लिए लोग कमरे गर्म रखने के कई तरीके अपनाते हैं। हीटर, ब्लोअर या गैस स्टोव-ये सभी तुरंत गर्माहट तो देते हैं, लेकिन कई बार यही आराम जानलेवा भी बन जाता है। पिछले साल नोएडा में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई थी क्योंकि वे गैस हीटर चालू छोड़कर सो गए थे। कमरे में वेंटिलेशन न होने से कार्बन मोनोऑक्साइड जमा हुई और देखते ही देखते स्थिति भयावह हो गई। जम्मू–कश्मीर में भी ऐसा ही एक हादसा हुआ, जहां हीटर से निकली जहरीली गैस ने पूरे परिवार की जान ले ली।

    अक्सर लोग मान लेते हैं कि हीटर नुकसान नहीं करते, लेकिन सच यह है कि अगर इनका इस्तेमाल सही तरीके से न किया जाए तो ये धीरे-धीरे सेहत के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं। डॉक्टर बताते हैं कि हीटर से निकलने वाली सूखी हवा और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैसें शरीर के रेस्पिरेटरी सिस्टम पर गहरा असर डालती हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिन नवजात शिशुओं को हीटर वाले कमरे में रखा गया उनमें से 88% बच्चों में सांस लेने में दिक्कत, तेज खांसी और स्किन की समस्या पाई गई।

    हीटर शरीर को सबसे ज्यादा कैसे नुकसान पहुंचाते हैं?

    विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे पहला नुकसान कमरे की नमी खत्म होने से होता है। लगातार चलने वाले हीटर हवा को तेजी से सुखा देते हैं। इसका सीधा असर नाक, गले और त्वचा पर पड़ता है। सूखी हवा रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को चुभने लगती है, जिससे खांसी, छींक, साइनस, एलर्जी और अस्थमा के लक्षण उभर सकते हैं। आंखें भी सूखने लगती हैं और जलन या कंजक्टिवाइटिस जैसी परेशानी हो सकती है। लंबे समय तक हीटर के संपर्क में रहने पर कुछ मामलों में ब्लड प्रेशर अस्थिर हो सकता है और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थिति का खतरा बढ़ जाता है।

    कार्बन मोनोऑक्साइड क्यों इतना बड़ा खतरा है?

    गैस हीटर या कोयले जैसे ईंधन से चलने वाले उपकरण कार्बन मोनोऑक्साइड CO नामक जहरीली, रंगहीन और गंधहीन गैस छोड़ते हैं। यही इसकी सबसे बड़ी खासियत और खतरनाक पहलू है-आपको पता ही नहीं चलेगा कि हवा में जहर बढ़ रहा है। बंद या सील कमरे में यह गैस जमा होकर शरीर में ऑक्सीजन की कमी कर देती है। नतीजे में सिरदर्द, उलझन, कमजोरी, मतली, चक्कर जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। अगर समय रहते वेंटिलेशन न मिले तो व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है और जान जाने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।

    क्या छोटे बच्चों या नवजातों के कमरे में हीटर सुरक्षित है?

    विशेषज्ञ इसका सीधा जवाब नहीं देते हैं। नवजातों की त्वचा बेहद नाजुक होती है और सूखी हवा उनकी स्किन को तुरंत ड्राई करके लाल चकत्ते और जलन पैदा करती है। उनकी नाक भी जल्दी सूख जाती है जिससे उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। लम्बे समय तक हीटर वाले कमरे में रहने पर बच्चों में रेस्पिरेटरी इंफेक्शन की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

    सर्दी में आदर्श कमरे का तापमान कितना होना चाहिए?

    ठंड से बचना जरूरी है, लेकिन कमरे को बहुत गर्म रखना भी सेहत के लिए हानिकारक है। डॉक्टरों का सुझाव है कि बेडरूम का तापमान लगभग 18°C और लिविंग रूम का तापमान 21°C रखना सबसे सुरक्षित माना जाता है। इससे शरीर को आराम मिलता है, ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है और नींद की गुणवत्ता पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता।

    हीटर का इस्तेमाल करते समय किन बातों का खास ध्यान रखें?

    सबसे महत्वपूर्ण बात-कमरा कभी पूरी तरह बंद न रखें। थोड़ा बहुत हवा का रास्ता खुला छोड़ें ताकि ताजी हवा आती रहे और ऑक्सीजन का स्तर संतुलित बना रहे। हीटर से हवा जल्दी सूखती है, इसलिए कमरे में पानी से भरा एक बर्तन रख देना नमी बनाए रखने का एक आसान और सुरक्षित तरीका है। ध्यान रखें यह बर्तन हीटर के ऊपर न रखें।

    कुछ आम सवालों के आसान और ज़रूरी जवाब

    – क्या सेंट्रल हीटिंग साइनस बढ़ा सकती है?
    हाँ। लगातार गर्म और सूखी हवा नाक के अंदरूनी हिस्से को सुखा देती है, जिससे साइनस ब्लॉकेज और इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है।

    – क्या रेडिएटर से सांस की समस्या हो सकती है?
    रेडिएटर कमरे की हवा गर्म करते समय धूल के कणों को उपर उठा देते हैं। ये कण सांस के जरिए अंदर जाते हैं जिससे अस्थमा या एलर्जी वाले लोगों की तकलीफ बढ़ सकती है।

    – क्या बहुत ठंडे कमरे में रहना भी हानिकारक है?
    बिल्कुल। अधिक ठंडे कमरे में शरीर का तापमान कम होने लगता है जिससे हाइपोथर्मिया, शivering और ब्लड प्रेशर में भारी उतार-चढ़ाव का खतरा होता है।

    – हीटर इस्तेमाल करते समय सबसे सामान्य गलती क्या है?
    पूरी रात या लंबे समय तक हीटर को बंद कमरे में चलने देना। यह सबसे बड़ी भूल है क्योंकि इससेऑक्सीजन की कमी होती है और कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ सकता  है सर्दियों की ठिठुरन से बचना जरूरी है लेकिन गर्मी पाने की जल्दबाज़ी में स्वास्थ्य से खिलवाड़  बिल्कुल नहीं करना चाहिए। थोड़ी सी सावधानी, सही वेंटिलेशन और तापमान का ध्यान रखकर आप सर्दियों को आरामदायक, सुरक्षित और सेहतमंद बना सकते हैं।

  • फिटनेस में सफलता पाने के लिए 'मतलबी' बनना है जरूरी जानिए क्यों

    फिटनेस में सफलता पाने के लिए 'मतलबी' बनना है जरूरी जानिए क्यों

    नई दिल्ली । आजकल की तेज़-तर्रार ज़िंदगी में हम अक्सर अपनी सेहत को नज़रअंदाज कर देते हैं लेकिन अगर आप फिट रहना चाहते हैं, तो कुछ आदतें हैं जिन्हें अपनाना जरूरी है। इन्हीं आदतों के बारे में हम बात करेंगे, जो न सिर्फ आपकी शारीरिक स्वास्थ्य को बल्कि मानसिक संतुलन को भी बेहतर बनाए रखने में मदद करती हैं

    खाने की टेबल पर ना कहना सीखें

    हम भारतीय अपनी मेहमाननवाजी के लिए प्रसिद्ध हैं और अक्सर खाना खाने के दौरान हमारे आसपास के लोग हमें कुछ अतिरिक्त खाने के लिए दबाव डालते हैं। अगर आप डाइट पर हैं या आपका पेट भर चुका है तो भी आपको हमेशा ‘ना’ कहना सीखना होगा। इससे लोग भले ही थोड़े नाराज़ हो जाएं, लेकिन जब वे आपकी फिटनेस देखेंगे तो यही वही लोग होंगे जो आपकी तारीफ करेंगे। आपके खाने की प्लेट पर क्या जाएगा, यह पूरी तरह से आपके नियंत्रण में होना चाहिए, न कि किसी और के। अगर आपको सचमुच कुछ नहीं चाहिए तो मुस्कुराते हुए और विनम्रता से मना कर दें। यह छोटी सी आदत आपकी फिटनेस को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद करेगी।

    अपने मी टाइम से कोई समझौता न करें

    फिटनेस की दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपने वर्कआउट को सबसे पहले अपनी प्राथमिकता बनाएं। अक्सर हम किसी इमरजेंसी या सामाजिक कारणों की वजह से अपने फिटनेस रूटीन को छोड़ देते हैं लेकिन यह आदत धीरे-धीरे हमारी सेहत पर असर डालने लगती है। आपको यह समझना होगा कि जब आप अपने वर्कआउट का समय निकालते हैं, तो वह सिर्फ आपका है। उस समय को दुनिया की किसी भी चीज़ से समझौता न करें। अगर आप दिन में सिर्फ 45 मिनट या 1 घंटा अपने लिए निकालते हैं तो यह समय सिर्फ आपके शरीर और मानसिक स्थिति के लिए है। इस दौरान फोन को साइलेंट पर रखें, दूसरों से दूर रहें और अपने शरीर और मन को फिटनेस में समर्पित करें।

    अपनी ऊर्जा को बचाना सीखें

    फिटनेस का मतलब सिर्फ शारीरिक सेहत नहीं होता, बल्कि मानसिक सेहत भी बहुत मायने रखती है। अगर आप हर समय दूसरों की समस्याओ गॉसिप या नेगेटिव बातों में उलझे रहते हैं तो इसका असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ेगा। ज्यादा मानसिक तनाव का असर सीधे तौर पर आपके शरीर पर भी पड़ता है और यही तनाव पेट की चर्बी बढ़ाने का कारण बनता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपनी ऊर्जा को सिर्फ अपने वर्कआउट और खुश रहने में लगाएं न कि दूसरों की समस्याओं या गॉसिप में। यह एक स्वस्थ मानसिकता अपनाने की आदत बनानी चाहिए। अपनी ऊर्जा को उन चीज़ों पर लगाएं जो आपको अच्छा महसूस कराती हैं न कि उन बातों पर जो आपकी सेहत पर नकारात्मक असर डालती हैं।

    थकान होने पर प्लान कैंसिल करें

    हमारे समाज में अक्सर यह होता है कि हम अपनी सेहत से ज्यादा दूसरों की भावनाओं को प्राथमिकता देते हैं। अगर आपका शरीर थका हुआ है और आपको आराम की जरूरत है तो बिना किसी झिझक के अपने सोशल प्लान्स को कैंसिल कर दें। यह ज़रूरी नहीं कि हर बार दोस्तों को खुश करने के लिए आप बाहर जाएं। कभी-कभी एक दिन घर पर रहकर रेस्ट करना आपके शरीर के लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। आराम से ही आप सही तरीके से रिकवर हो सकते हैं और फिर अगले दिन बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। अपने शरीर की सुनें क्योंकि जब आप उसे आराम देंगे तो वह आपको वह परिणाम देगा जो आप चाहते हैं।

    फिटनेस एक संजीदा और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। यह न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक संतुलन भी बनाए रखने में मदद करती है। अपने खाने की आदतों, समय प्रबंधन और मानसिक ऊर्जा को सही दिशा में लगाने से आप अपनी फिटनेस को बेहतर बना सकते हैं। अगर आप इन चार महत्वपूर्ण आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं तो आप न सिर्फ अपने शरीर को फिट रखेंगे बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहेंगे। अपनी सेहत का ध्यान रखें क्योंकि यह आपका सबसे बड़ा संपत्ति है।