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  • CDS जनरल अनिल चौहान का कड़ा संदेश, कहा- 'खोखले दावों से नहीं जीती जाती जंग', पाकिस्तान पर परोक्ष हमला

    CDS जनरल अनिल चौहान का कड़ा संदेश, कहा- 'खोखले दावों से नहीं जीती जाती जंग', पाकिस्तान पर परोक्ष हमला


    भारत । के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने युद्ध जीतने के लिए साफ उद्देश्य, अनुशासन और ठोस कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका यह बयान पाकिस्तान के खिलाफ परोक्ष रूप से था, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान द्वारा की जा रही जीत के दावों पर प्रतिक्रिया के रूप में।

    जनरल चौहान एयर फोर्स अकादमी, डुंडीगल में दिसंबर 2025 की संयुक्त दीक्षांत परेड के दौरान युवा सैन्य अधिकारियों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, “युद्ध केवल बयानबाज़ी और दिखावे से नहीं जीते जाते, बल्कि तैयारी, सही फैसलों और उनका ज़मीन पर लागू करने से जीते जाते हैं।” यह टिप्पणी पाकिस्तान के झूठे दावों के संदर्भ में थी, जहां ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारी नुकसान के बावजूद पाकिस्तान ने अपनी जीत का दावा किया था।

    सीडीएस ने आगे कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में अस्थिरता इसलिए बढ़ रही है क्योंकि वहां के संस्थान कमजोर हैं और निर्णय जल्दबाजी में लिए जाते हैं। इसके विपरीत, भारत की ताकत उसकी मजबूत संस्थाएं, लोकतांत्रिक व्यवस्था और पेशेवर सोच वाले सशस्त्र बलों में है।

    उन्होंने भारतीय सेना की तारीफ करते हुए कहा कि अनुशासन और जिम्मेदारी के प्रति समर्पण ही देश की सुरक्षा का मुख्य आधार है। नए अधिकारियों से उन्होंने अपील की कि वे इस मजबूत परंपरा के संरक्षक बनें और हर स्थिति में सतर्क और तैयार रहें।

    जनरल चौहान ने अंत में युवा अधिकारियों से कहा कि वे खुद को उदाहरण के रूप में पेश करें। उनका मानना था कि सतर्कता, तैयारी और पेशेवर रवैया ही किसी भी सैन्य अधिकारी की सफलता की कुंजी है, चाहे वह युद्ध का समय हो या शांति का।

    यह बयान पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश था, और यह स्पष्ट कर दिया कि भारत की सैन्य शक्ति केवल बातों में नहीं, बल्कि असलियत में उस शक्ति को जमीन पर लागू करने में है।

  • उत्तर भारत में ठंड का कहर: राजस्थान-MP के 37 शहरों में पारा 10° से नीचे, यूपी-बिहार में घना कोहरा, उत्तराखंड में झरने जमे

    उत्तर भारत में ठंड का कहर: राजस्थान-MP के 37 शहरों में पारा 10° से नीचे, यूपी-बिहार में घना कोहरा, उत्तराखंड में झरने जमे


    नई दिल्ली /उत्तर भारत इन दिनों कड़ाके की सर्दी और घने कोहरे की चपेट में है। राजस्थान और मध्य प्रदेश के 37 शहरों में तापमान 10 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। यूपी-बिहार में विजिबिलिटी 10 मीटर तक सिमट गई है जबकि उत्तराखंड में माइनस तापमान के कारण झरने और नाले जम गए हैं।उत्तर भारत में ठंड का कहर: राजस्थान-MP के 37 शहरों में पारा 10° से नीचे यूपी-बिहार में घना कोहरा उत्तराखंड में झरने जमे राजस्थान में सर्दी के बीच पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है। इसके असर से बीकानेर चूरू श्रीगंगानगर हनुमानगढ़ और जैसलमेर सहित कई जिलों में बादल छाए रहे। इससे पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवाएं कमजोर पड़ीं और दिन के तापमान में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई। हालांकि रात की ठंड अभी भी बरकरार है। शुक्रवार को राज्य के 18 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रिकॉर्ड किया गया। प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में पारा 3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया जो इस सीजन के सबसे कम तापमान में से एक है। बीकानेर में दिन का अधिकतम तापमान बढ़कर 31 डिग्री तक पहुंच गया जिससे दिन में हल्की राहत जरूर मिली।

    मध्य प्रदेश: पचमढ़ी जितना ठंडा इंदौर

    मध्य प्रदेश में इस बार सर्दी रिकॉर्ड तोड़ साबित हो रही है। राज्य के 19 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया। औद्योगिक शहर इंदौर में शुक्रवार रात तापमान 5.2 डिग्री रहा जो पिछले 10 वर्षों में सबसे कम है।हैरानी की बात यह रही कि यही तापमान प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन और सबसे ठंडी जगह माने जाने वाले पचमढ़ी में भी दर्ज हुआ। राजधानी भोपाल में पारा 7 डिग्री से नीचे बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों तक प्रदेश में शीतलहर की संभावना नहीं है लेकिन ठंड का असर बना रहेगा।

    उत्तर प्रदेश और बिहार: कोहरे ने रोकी रफ्तार
    उत्तर प्रदेश और बिहार में घना कोहरा सबसे बड़ी मुसीबत बनकर सामने आया है। यूपी के लखनऊ गोरखपुर सहित करीब 30 जिलों में विजिबिलिटी 10 मीटर तक सिमट गई। शनिवार सुबह सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर कोहरे के कारण कई वाहन आपस में भिड़ गए जिसमें एक महिला घायल हो गई। बिहार में भी हालात कुछ ऐसे ही हैं। समस्तीपुर में तापमान 7.9 डिग्री तक गिर गया जो इस सीजन का सबसे कम बताया जा रहा है। बेगूसराय और बक्सर में जीरो विजिबिलिटी दर्ज की गई जहां सड़कों पर 100 मीटर दूर देखना भी मुश्किल हो गया। पटना समेत 8 शहरों में शनिवार सुबह घना कोहरा छाया रहा।

    उत्तराखंड: माइनस तापमान झरने और नाले जमे
    पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में सर्दी ने सबसे कठोर रूप ले लिया है। चमोली जिले की नीती घाटी में तापमान माइनस 10 डिग्री तक पहुंच गया जिससे नदी-नाले और झरने जम गए हैं। मौसम विभाग ने रविवार से उत्तरकाशी चमोली और पिथौरागढ़ में बारिश के साथ हल्की बर्फबारी की संभावना जताई है।बर्फबारी के बाद इन इलाकों में तापमान 2 से 3 डिग्री और गिर सकता है। वहीं हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति चंबा और कुल्लू जिलों में भी बर्फबारी के आसार बने हुए हैं।उत्तर भारत में सर्दी कोहरा और बर्फबारी ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। मौसम विभाग की चेतावनियों के बीच लोगों को सतर्क रहने अनावश्यक यात्रा से बचने और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।

  • राज कपूर की जयंती: क्लैप बॉय से शोमैन तक का सफर, बॉलीवुड के दिग्गज का जीवन और योगदान

    राज कपूर की जयंती: क्लैप बॉय से शोमैन तक का सफर, बॉलीवुड के दिग्गज का जीवन और योगदान


    नई दिल्‍ली ।राज कपूर, भारतीय सिनेमा के महान शोमैन के रूप में प्रसिद्ध रहे हैं। आज उनकी 100वीं जयंती पर हम उनके करियर और जीवन को याद करते हैं। राज कपूर का जन्म 14 दिसंबर 1924 को हुआ था और वे बॉलीवुड के सबसे प्रभावशाली अभिनेता, निर्माता और निर्देशक माने जाते हैं। अपने करियर में उन्होंने ‘आवारा’, ‘बरसात’, ‘श्री 420’, ‘संगम’ जैसी चर्चित और सिनेमा की उत्कृष्ट कृतियाँ दीं।

    राज कपूर ने 1930 के दशक में एक बाल कलाकार के रूप में सिनेमा में कदम रखा और 1948 में मात्र 24 वर्ष की आयु में आरके स्टूडियो की स्थापना की। यह वही स्टूडियो था, जहां से उन्होंने कई फिल्में बनाई, जिनमें ‘आवारा’ (1951) ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूम मचाई।

    उन्होंने अपनी फिल्मों में चार्ली चैपलिन के ‘द ट्रैम्प’ के किरदार को निभाकर एक अलग ही छाप छोड़ी। राज कपूर ने सिनेमा में अपनी कड़ी मेहनत, अनोखी दिशा और नायक के रूप में जो स्थान बनाया, उसे आज भी याद किया जाता है।

    राज कपूर की सबसे बड़ी पहचान उनके अवार्ड्स और सम्मान से भी है। उन्हें तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और 11 फिल्मफेयर पुरस्कार मिल चुके हैं। साथ ही, भारत सरकार ने 1971 में उन्हें पद्म भूषण और 1987 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया।

    राज कपूर के बारे में कुछ दिलचस्प बातें:

    उनका असली नाम रणबीर राज कपूर था, लेकिन उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ‘क्लैप बॉय’ के रूप में की थी।

    1951 में आई फिल्म ‘आवारा’ में कपूरों की तीन पीढ़ियों ने काम किया, जो एक अद्वितीय पहल थी।

    उन्होंने 1948 में अपनी उम्र के महज 24 साल में आरके फिल्म्स की स्थापना की, जो भारतीय सिनेमा की एक अहम हिस्सा बन गया।

    राज कपूर ने फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ को 244 मिनट लंबा बनाया, जो भारतीय सिनेमा का एक ऐतिहासिक प्रयोग था।

    अपने जीवन के आखिरी दिनों में भी, राज कपूर फिल्म ‘मेंहदी’ पर काम कर रहे थे, जो बाद में उनके बेटों रणधीर और ऋषि कपूर ने पूरी की। राज कपूर के योगदान से भारतीय सिनेमा हमेशा के लिए समृद्ध हुआ है और उनकी फिल्मों की धरोहर हमेशा जीवित रहेगी।

  • पन्ना की शेरनी! 3 माह की मासूम के लिए सियार से भिड़ी मां, डंडे से पीटकर खदेड़ा

    पन्ना की शेरनी! 3 माह की मासूम के लिए सियार से भिड़ी मां, डंडे से पीटकर खदेड़ा

    पन्‍ना। मध्य प्रदेश के पन्ना ज़िले में एक मां ने हिम्मत दिखाते हुए अपनी तीन महीने की बच्ची की जान बचा ली. देर रात एक सियार उनके घर में घुस आया और सो रही बच्ची पर हमला कर दिया. बच्ची की रोने की आवाज़ सुनकर मां तुरंत वहां पहुंची और पहले सियार पर बर्तन फेंके, फिर डंडे से उसे भगाया. काफी मशक्कत के बाद सियार भाग गया और बच्ची की जान बच गई. बच्ची के सिर और आंख के पास चोटें आई हैं. प्राथमिक उपचार के बाद उसे गुनौर से ज़िला अस्पताल रेफर किया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है. इस घटना से पूरे इलाके में डर का माहौल है और मां की बहादुरी की तारीफ़ हो रही है.

    3 माह की मासूम के लिए सियार से भिड़ी मां
    दरअसल, पन्ना जिले के ग्रामीण अंचलों में जंगली जानवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. हाल ही में सिमरिया गांव में सोती हुई एक 3 माह की मासूम बच्ची पर एक सियार (क्षेत्रीय भाषा में लड़इया कहते है)ने घर पर जानलेवा हमला कर दिया. ​बच्ची के रोने की आवाज सुनकर, उसकी मां शब्बो बानो ने साहस दिखाते हुए पहले बर्तन फेंक कर और फिर डंडा लेकर वह सियार से भिड़ गईं. संघर्ष के बाद मां अपनी बच्ची को बचाने में कामयाब रहीं.

    देर तक सियार से लड़ती रही मां
    अपनी बेटी की चीख सुनकर मां ने हाथ में पकड़ी सारी चीज़ें गिरा दीं. बिना कुछ सोचे-समझे वह बाहर भागी. सामने का नज़ारा देखकर किसी का भी दिल दहल जाता, लेकिन मां ने अपने डर को किनारे कर दिया. उसने पास पड़े कुछ बर्तन उठाए और पूरी ताकत से सियार पर फेंक दिए. वह चीखती रही और सियार से लड़ती रही. कुछ देर तक सियार और मां के बीच लड़ाई चलती रही. मां ने हिम्मत नहीं हारी और सियार से तब तक लड़ती रही जब तक वह भाग नहीं गया.

    बच्ची के सिर और आंख के पास चोटें
    घायल बच्ची के सिर और आंख के पास चोटें आई हैं. उसे गुनौर से ज़िला अस्पताल रेफर किया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है. इस घटना से पूरे इलाके में दहशत फैल गई है.

  • ‘धुरंधर’ के सेट पर अक्षय खन्ना को खाने पड़े थे 7 थप्पड़

    ‘धुरंधर’ के सेट पर अक्षय खन्ना को खाने पड़े थे 7 थप्पड़


    मुंबई। आदित्‍य धर की फिल्म ‘धुरंधर’ चर्चा का विषय बनी हुई है। वहीं रहमान डकैत का किरदार निभाने वाले दिग्गज एक्टर अक्षय खन्ना का डांस वायरल है। इसी बीच, अक्षय के एक और सीन की चर्चा हो रही है। रहमान डकैत की गैंग के मेम्बर डोंगा का रोल प्ले करने वाले एक्टर नवीन कौशिक ने बताया कि इस सीन में अक्षय को एक या दो नहीं, सात थप्पड़ खाने पड़े थे।
    दरअसल, फिल्म की शुरुआत में एक सीन दिखाया जाता है जिसमें ‘भाभीजी घर पर है’ फेम सौम्या टंडन, जिन्होंने रहमान की पत्नी उल्फत का किरदार निभाया है, वह अपने बड़े बेटे की मौत का गुस्सा रहमान डकैत पर उतारती नजर आती हैं। जैसी ही उन्हें अपने बेटे की मौत की खबर मिलती है वह रोते हुए अस्पातल पहुंचती हैं और रहमान डकैत के गाल पर तमाचा जड़ देती हैं।

    धुरंधर
    नवीन ने इस सीन के बारे में बात करते हुए फिल्मी ज्ञान को बताया कि इस सीन के सात रीटेक्स हुए थे।

    नवीन बोले, ‘सौम्या थोड़ा हिचकिचा रही थीं। उस सीन को पावरफुल बनाने के लिए अक्षय सर रीटेक पर रीटेक ले रहे थे। अक्षय सर को इतनी बार थप्पड़ पड़े मगर वो एक बार भी नहीं हिचकिचाए। अक्षय सर और आदित्य सर, सौम्या को समझा रहे थे कि कैरेक्टर में ढल जाइए, ये मत सोचिए कि सामने कोई स्टार खड़ा है। ये उल्फत है जो रहमान के सामने खड़ी है और वो रहमान से नहीं डरती है।
    अक्षय खन्ना
    बता दें, इस सीन के दौरान नवीन भी वहीं थे। उन्हें लगा था कि दो-तीन टेक काफी हैं। लेकिन अक्षय सर, सौम्या और अदित्य सर तब तक नहीं रुके जब तक वो सीन परफेक्ट नहीं हुआ। किया.
  • पाक एक्टर ने की ‘बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ की बुराई, शाहरुख के साथ ‘डॉन 2’ में कर चुके हैं काम

    पाक एक्टर ने की ‘बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ की बुराई, शाहरुख के साथ ‘डॉन 2’ में कर चुके हैं काम

    मुंबई। शाहरुख खान के साथ ‘डॉन 2’ में काम करने वाले पाकिस्तानी एक्टर अली खान ने उनके बेटे आर्यन खान की सीरीज ‘द बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ की बुराई की है। उनका कहना है कि शो में गालियों का बहुत ज्यादा इस्तेमाल अजीब और गैर-जरूरी लग रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि वह सीरीज से कनेक्ट नहीं कर पाए।
    अली खान ने ARY पॉडकास्ट को दिए इंटरव्यू में कहा, “हाल ही में मैंने आर्यन खान का काम देखा…, मुझे बहुत अजीब लगा। एक तो फैमिली के साथ आप देख नहीं सकते क्योंकि बहुत गंदी लैंग्वेज का इस्तेमाल किया गया है और अजीब बात ये थी कि सीरीज में इस बात का कोई जस्टिफिकेशन भी नहीं दिया गया है कि ऐसी भाषा क्यों इस्तेमाल की गई है। आप सोचिए सीरीज में जिस लेवल के लोग दिखाए थे, क्या वो असल में ऐसी सड़कछाप भाषा का इस्तेमाल करते हैं?”

    ‘अगर गाली देनी भी है तो…’

    एली ने ये भी कहा कि कई बार फिल्ममेकर्स अटेंशन पाने या रेटिंग्स बूस्ट करने के लिए शॉक वैल्यू पर डिपेंड करते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब गाली-गलौज का यूज किया जाए तो उसको जस्टिफाई भी किया जाए और इस्तेमाल कम किया जाए। उन्होंने कहा, “अगर गाली देनी भी है, तो क्लोज-अप की तरह होनी चाहिए, जब जरूरत हो, तब बोलो, तभी असर आता है। हर वाक्य में हो तो क्रिंज होता है, बोरियत हो जाती है। अगर यह हर वाक्य में आता है, तो यह क्रिंज और बोरिंग हो जाता है।”

  • रांची एयरपोर्ट पर टला बड़ा विमान हादसा, हार्ड लैंडिंग के दौरान इंडिगो विमान का पिछला हिस्सा रनवे से टकराया, 56 यात्री सुरक्षित

    रांची एयरपोर्ट पर टला बड़ा विमान हादसा, हार्ड लैंडिंग के दौरान इंडिगो विमान का पिछला हिस्सा रनवे से टकराया, 56 यात्री सुरक्षित


    नई दिल्ली/रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर शुक्रवार रात उस समय अफरातफरी मच गई, जब इंडिगो एयरलाइंस का एक विमान लैंडिंग के दौरान तकनीकी खराबी का शिकार हो गया। भुवनेश्वर से रांची आ रहा इंडिगो का विमान संख्या 6ई-7361 हार्ड लैंडिंग के दौरान रनवे से टकरा गया, जिससे विमान का पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि राहत की बात यह रही कि विमान में सवार सभी 56 यात्री सुरक्षित हैं।

    जानकारी के अनुसार, विमान ने भुवनेश्वर एयरपोर्ट से शाम 7:55 बजे उड़ान भरी थी और इसे रात 8:30 बजे रांची पहुंचना था। मौसम सामान्य था, लेकिन लैंडिंग के समय अचानक तकनीकी समस्या उत्पन्न हो गई। पायलट को मजबूरी में हार्ड लैंडिंग करानी पड़ी। इसी दौरान विमान का पिछला हिस्सा रनवे से रगड़ खा गया, जिससे जोरदार झटका महसूस हुआ। जैसे ही विमान रनवे से टकराया, यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। कई यात्रियों ने बताया कि उन्हें ऐसा लगा जैसे विमान नियंत्रण से बाहर हो गया हो। हालांकि पायलट की सूझबूझ और अनुभव के चलते विमान को संतुलित किया गया और उसे सुरक्षित रूप से एप्रन पर रोक दिया गया।

    विमान के रुकते ही एयरपोर्ट प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं। सभी यात्रियों को एक-एक कर सुरक्षित विमान से बाहर निकाला गया। कुछ यात्रियों को हल्की चोटें आईं, जिनका मौके पर प्राथमिक उपचार किया गया।किसी के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना नहीं है। हादसे के बाद एयरपोर्ट परिसर में कुछ समय के लिए तनाव और भ्रम की स्थिति बनी रही। यात्रियों और उनके परिजनों में चिंता का माहौल था। बाद में एयरपोर्ट प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लिया और यात्रियों को आश्वस्त किया।

    इंडिगो एयरलाइंस के इंजीनियरों द्वारा विमान की तकनीकी जांच की गई। प्रारंभिक जांच में विमान को उड़ान के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विमान को ग्राउंडेड कर दिया गया, ताकि किसी भी तरह के जोखिम से बचा जा सके।इस घटना का असर रांची से भुवनेश्वर जाने वाली अगली इंडिगो उड़ान पर भी पड़ा। उस उड़ान को रद्द कर दिया गया, जिससे यात्रियों में नाराजगी देखी गई। यात्रियों का कहना था कि उन्हें देर रात तक एयरपोर्ट पर इंतजार कराया गया और एयरलाइंस की ओर से स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई।

    पहले विमान को रात 9:40 बजे ग्राउंडेड घोषित किया गया। बाद में एयरलाइंस ने बताया कि 6 से 7 घंटे बाद वैकल्पिक विमान की व्यवस्था की जा सकती है, लेकिन समय पर दूसरा विमान उपलब्ध नहीं हो सका। इसके बाद इंडिगो एयरलाइंस ने यात्रियों के लिए होटल में ठहरने और भोजन की व्यवस्था की। रांची से भुवनेश्वर जाने वाले 77 यात्रियों को रात में ही होटल में ठहराया गया। एयरपोर्ट प्रशासन और इंडिगो एयरलाइंस ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

  • भिलाई में बोरी में बंद मिली अज्ञात महिला की लाश पुलिस ने शुरू की जांच

    भिलाई में बोरी में बंद मिली अज्ञात महिला की लाश पुलिस ने शुरू की जांच

    भिलाई । भिलाई के चंद्रा मौर्या अंडरब्रिज के पास शुक्रवार सुबह एक बोरी में बंद अज्ञात महिला की लाश मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। यह घटना उस समय घटी जब सुबह के समय अंडरब्रिज से गुजर रहे लोगों की नजर बोरी से बाहर लटकते एक हाथ पर पड़ी। स्थानीय नागरिकों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी जिसके बाद घटनास्थल पर पुलिस और जांच एजेंसियां पहुंची। पुलिस को मौके पर पहुंचते ही शव की स्थिति को देखकर यह साफ हो गया कि महिला की मौत किसी हिंसक तरीके से हुई हो सकती है। बोरी में बंद महिला का शव बहुत बुरी तरह से सड़ चुका था जिससे उसकी पहचान करना फिलहाल संभव नहीं हो सका है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मर्ग कायम कर लिया और घटनास्थल की छानबीन शुरू कर दी।

    पुलिस की जांच और फॉरेंसिक टीम की मदद

    पुलिस ने शव की जांच के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट और डॉग स्क्वायड को भी घटनास्थल पर बुलाया। डॉग स्क्वायड के साथ पुलिस ने आसपास के इलाके की तलाशी ली ताकि किसी संदिग्ध व्यक्ति या वाहन की पहचान की जा सके। साथ ही आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है। पुलिस का कहना है कि महिला की पहचान के लिए आसपास के सभी गांवों और इलाकों में तफ्तीश की जा रही है। पुलिस ने यह भी कहा कि शव मिलने के बाद घटनास्थल के पास के लोग भी चौंक गए हैं। फिलहाल आसपास के लोगों से पूछताछ जारी है ताकि कोई सुराग मिल सके। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है जहां विशेषज्ञ इसकी मौत के कारणों का पता लगाएंगे।

    अज्ञात महिला की पहचान में मुश्किलें

    पुलिस को शव से कोई ऐसी पहचान संबंधी दस्तावेज या अन्य सुराग नहीं मिले हैं जिससे महिला की पहचान हो सके। शव की स्थिति को देखकर माना जा रहा है कि महिला की मौत कुछ दिनों पहले ही हुई होगी। पुलिस की प्राथमिक जांच में यह भी पता चला है कि महिला का शव बोरी में बंद होने के कारण उसे यहां लाकर फेंका गया हो सकता है। इस मामले में पुलिस ने हत्या की आशंका जताई है और जांच की दिशा में विभिन्न पहलुओं पर विचार किया जा रहा है।

    इलाके में बढ़ी सुरक्षा जांच में सहयोग की अपील

    इस घटना के बाद इलाके में सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। पुलिस ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि अगर उन्हें घटनास्थल या किसी अन्य स्थान पर इस संदर्भ में कोई जानकारी मिले तो वे तत्काल पुलिस से संपर्क करें। साथ ही पुलिस ने यह भी बताया कि इस मामले में जल्द ही कुछ ठोस सुराग मिल सकते हैं और जांच जारी रहेगी। चंद्रा मौर्या अंडरब्रिज के आसपास के इलाके में पहले भी छोटी-मोटी घटनाएं घटित हो चुकी हैं लेकिन इस प्रकार का गंभीर अपराध इलाके में पहली बार हुआ है। स्थानीय नागरिकों में इस हत्या के बाद भय और चिंता का माहौल है और पुलिस को उनके सहयोग की उम्मीद है।

    निवारण के उपाय और पुलिस की ओर से कदम

    इस घटना के बाद पुलिस ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को कड़ा किया है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वे जनता से सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं और जो भी व्यक्ति किसी संदिग्ध गतिविधि को देखे उसे तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए। पुलिस यह भी सुनिश्चित कर रही है कि इलाके में सीसीटीवी कैमरों की मदद से हर अपराधी तक पहुंच बनाई जा सके।

  • CG सरकार ने शुरू की 24×7 तूहर टोकन ऐप सुविधा अब किसानों को मिलेगा बिना समय की बाध्यता के टोकन

    CG सरकार ने शुरू की 24×7 तूहर टोकन ऐप सुविधा अब किसानों को मिलेगा बिना समय की बाध्यता के टोकन


    रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश के किसान बिना किसी निर्धारित समय की बाध्यता के दिन-रात कभी भी अपनी पसंदीदा समय में तूहर टोकन ऐप के माध्यम से टोकन बुक कर सकेंगे। यह निर्णय किसानों के हित में लिया गया है जिससे उन्हें धान विक्रय की प्रक्रिया को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने में मदद मिलेगी।

    राज्य सरकार ने घोषणा की है कि तूहर टोकन ऐप को अब 24×7 उपलब्ध करवा दिया जाएगा। पहले किसानों को केवल निर्धारित समय में ही टोकन बुक करने की अनुमति थी लेकिन अब यह सुविधा उन्हें किसी भी समय उपलब्ध होगी। यह कदम धान खरीदारी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

    मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस फैसले को लेकर कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य किसानों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देना है। उन्होंने बताया कि यह कदम किसानों को अपनी सुविधानुसार टोकन बुक करने की स्वतंत्रता देगा और इससे उनकी दिनचर्या में कोई भी व्यवधान नहीं होगा। इसके अलावा इस बदलाव से धान विक्रय के दौरान होने वाली भीड़ और तकनीकी दबाव की समस्या भी कम होगी जो पहले किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण थी।

    अब किसान 13 जनवरी तक आने वाले 20 दिनों के लिए टोकन प्राप्त कर सकेंगे जिससे उन्हें धान विक्रय की योजना बनाने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। इससे किसानों को टोकन काटने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी।

    एक और महत्वपूर्ण कदम के तहत राज्य सरकार ने 2 एकड़ या उससे कम रकबा वाले छोटे किसानों के लिए भी अतिरिक्त राहत दी है। ये किसान अब 31 जनवरी तक तूहर टोकन ऐप के माध्यम से अपना टोकन बुक कर सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर यह सुविधा लघु किसानों को विशेष रूप से प्रदान की गई है ताकि वे भी समय पर धान विक्रय कर सकें।

    राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक सहकारी समिति को केवल उसकी निर्धारित सीमा के भीतर ही टोकन आबंटित किए जाएंगे। इस प्रकार से व्यवस्था पूरी तरह से पारदर्शी और योजनाबद्ध रहेगी। सरकार ने किसानों से यह अपील की है कि वे समय रहते तूहर टोकन ऐप के माध्यम से अपना टोकन प्राप्त करें ताकि वे किसी भी असुविधा से बच सकें और धान विक्रय में कोई परेशानी न हो।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसान हित में हर संभव कदम उठा रही है और उनकी मेहनत का पूरा सम्मान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को धान विक्रय की प्रक्रिया में कोई भी कठिनाई न हो और वे बिना किसी दबाव के अपनी फसल को उचित मूल्य पर बेच सकें।

    छत्तीसगढ़ राज्य में कृषि और धान की खेती महत्वपूर्ण है और यह फैसला किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और उनकी मेहनत को उचित मान्यता देने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा। किसानों की सुविधा के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में धान खरीदी में पारदर्शिता बढ़ेगी और किसानों का समय भी बच सकेगा।

  • NH-44 पर बदइंतजामी का कहर: छौंदा टोल पर 5 किमी लंबा जाम, कैंसर पीड़ित मां के साथ फंसा बेटा-प्रशासन बेखबर

    NH-44 पर बदइंतजामी का कहर: छौंदा टोल पर 5 किमी लंबा जाम, कैंसर पीड़ित मां के साथ फंसा बेटा-प्रशासन बेखबर


    मध्य प्रदेश / मुरैना  के मुरैना जिले में नेशनल हाईवे-44 पर स्थित छौंदा टोल प्लाजा इन दिनों अव्यवस्था और लापरवाही की पहचान बन चुका है। यहां लगने वाला रोज़ाना जाम अब केवल ट्रैफिक समस्या नहीं रहा बल्कि यह मानव संवेदना और प्रशासनिक जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े कर रहा है। शुक्रवार शाम हालात इतने बिगड़े कि हाईवे पर 4 से 5 किलोमीटर लंबा महाजाम लग गया जो करुआ गांव तक फैल गया। हाईवे होने के कारण चंद मिनटों में ही वाहनों की लंबी कतार लग गई। जाम में आम वाहन ही नहीं बल्कि एंबुलेंस मरीजों की गाड़ियां और बुजुर्ग यात्री भी फंसे रहे। कई घंटे बीतने के बावजूद जाम खुलवाने की कोई ठोस व्यवस्था नजर नहीं आई।

    कैंसर पीड़ित मां की हालत बिगड़ी
    इस जाम की सबसे दर्दनाक तस्वीर तब सामने आई जब मुरैना निवासी अरविंद सिंह अपनी कैंसर पीड़ित मां उर्मिला के साथ फंस गए। अरविंद ने बताया कि उनकी मां की हाल ही में 14 घंटे लंबी सर्जरी कीमोथेरेपी और रेडिएशन हुआ है। वे ग्वालियर से नियमित चेकअप कराकर लौट रहे थे तभी शाम के समय छौंदा टोल पर जाम में फंस गए। अरविंद के मुताबिक “जाम करुआ गांव के विक्टर स्कूल तक था। घंटों खड़े रहने से मां की तबीयत बिगड़ने लगी। उन्हें लगातार उल्टियां होने लगीं लेकिन न टोल प्रबंधन ने मदद की और न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचा।
    परिजनों ने कई बार मदद की गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

    1 दिसंबर से नई कंपनी बढ़ी अव्यवस्था

    गौरतलब है कि 1 दिसंबर से छौंदा टोल प्लाजा का संचालन शिवा कॉर्पोरेशन कंपनी के पास है। इससे पहले यह टोल पथ इंडिया द्वारा संचालित किया जा रहा था। नई कंपनी के टेकओवर के बाद से ही यहां अव्यवस्था बढ़ गई है।स्थानीय लोगों और यात्रियों का कहना है कि शाम होते ही यहां जाम लगना आम हो गया है। टोल बूथ पर स्टाफ की कमीतकनीकी खामियां और सुस्त प्रबंधन इसकी बड़ी वजह मानी जा रही हैं।

    टोल मैनेजर का गैर-जिम्मेदाराना बयान

    जब इस अव्यवस्था पर टोल मैनेजर अनुराग तोमर से सवाल किया गया तो उन्होंने हैरान करने वाला जवाब दिया। उन्होंने कहाजाम लगता है तो हम ही खुलवाते हैं। अभी नया चार्ज संभाला है सिस्टम में थोड़ी समस्या है ठीक करवा रहे हैं। इस बयान से साफ है कि यात्रियों की परेशानी को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।

    पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

    सिविल लाइन थाना प्रभारी से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।हालांकि मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ASP सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि छौंदा टोल पर जाम की लगातार शिकायतें मिल रही हैं।उन्होंने चेतावनी दी-टोल प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं कि जाम की स्थिति नहीं बननी चाहिए। अगर सुधार नहीं हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।छौंदा टोल पर लग रहा जाम सिर्फ ट्रैफिक की समस्या नहीं बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का आईना है। जब मरीज और एंबुलेंस तक फंसे रहें तो यह सिस्टम की विफलता मानी जाएगी।