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  • Netflix पर रिलीज होते ही नंबर-1 बनी 6 एपिसोड की ये सीरीज, कॉमेडी-ड्रामा के साथ दिल छू लेने वाली कहानी

    Netflix पर रिलीज होते ही नंबर-1 बनी 6 एपिसोड की ये सीरीज, कॉमेडी-ड्रामा के साथ दिल छू लेने वाली कहानी


    नई दिल्ली/ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने बीते कुछ सालों में मनोरंजन की दुनिया को पूरी तरह बदल दिया है। अब दर्शकों को अच्छी कहानी और दमदार परफॉर्मेंस के लिए थिएटर जाने की जरूरत नहीं पड़ती। Netflix जैसे प्लेटफॉर्म हर हफ्ते नई फिल्में और वेब सीरीज रिलीज करते हैं, जिनमें से कुछ कंटेंट ऐसा होता है जो रिलीज होते ही दर्शकों के दिलों में जगह बना लेता है।ऐसी ही एक नई वेब सीरीज ने इन दिनों Netflix पर धूम मचा रखी है। 12 दिसंबर को रिलीज हुई इस 6 एपिसोड की सीरीज ने आते ही ट्रेंडिंग चार्ट में टॉप पोजिशन हासिल कर ली है। कम एपिसोड, दमदार कहानी और कॉमेडी-ड्रामा का बेहतरीन बैलेंस इसे बाकी कंटेंट से अलग बनाता है।

    रिलीज होते ही क्यों छा गई यह सीरीज?
    आज के समय में दर्शक लंबी-लंबी सीरीज से थोड़ा बोर हो चुके हैं। ऐसे में 6 एपिसोड की यह सीरीज उन्हें एक परफेक्ट बिंज-वॉच ऑप्शन देती है। कहानी न तो बेवजह खिंची हुई है और न ही जरूरत से ज्यादा भारी। यही वजह है कि रिलीज के कुछ ही घंटों में यह Netflix की Top Trending Series की लिस्ट में नंबर-1 पर पहुंच गई। दर्शकों को इसमें कॉमेडी, इमोशन और रियल लाइफ स्ट्रगल का ऐसा मिक्स देखने को मिल रहा है, जिससे वे खुद को जोड़ पा रहे हैं।

    क्या है इस वेब सीरीज की कहानी?
    इस सीरीज की कहानी एक ऐसे युवक के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसकी शादी टूटने की कगार पर है। उसकी और उसकी पत्नी के बीच तलाक का सबसे बड़ा कारण पिता बनने को लेकर मतभेद है। लड़का पिता बनना चाहता है, जबकि उसकी पत्नी इसके लिए तैयार नहीं होती। कई कोशिशों के बाद भी जब दोनों के बीच सहमति नहीं बनती, तो आखिरकार उनका तलाक हो जाता है। तलाक के बाद कहानी एक नया मोड़ लेती है। हालात ऐसे बनते हैं कि उस युवक के अंदर सिंगल फादर बनने की इच्छा जाग उठती है।

    जिम्मेदार बनने की जद्दोजहद
    यह कहानी सिर्फ पिता बनने की चाहत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिखाती है कि एक गैर-जिम्मेदार इंसान के लिए जिम्मेदारी उठाना कितना मुश्किल हो सकता है। सीरीज का हीरो खुद मानता है कि वह जिंदगी को हल्के में लेने वाला इंसान रहा है।अब सवाल यह है कि क्या वह वाकई एक अच्छा सिंगल फादर बन पाएगा? क्या वह अपनी आदतों को बदल पाएगा? और क्या समाज, परिवार और खुद से चल रही उसकी लड़ाई में वह टिक पाएगा? इन सभी सवालों के जवाब सीरीज के हर एपिसोड में धीरे-धीरे सामने आते हैं।

    कॉमेडी के साथ इमोशन का तड़का
    इस सीरीज की सबसे बड़ी खासियत इसका नेचुरल ह्यूमर है। कहानी में कई ऐसे सीन हैं जो आपको हंसाएंगे, लेकिन उसी पल कुछ दृश्य ऐसे भी आते हैं जो भावुक कर देते हैं। यही कॉमेडी और ड्रामा का संतुलन दर्शकों को बांधे रखता है। डायलॉग्स सरल हैं, किरदार असली लगते हैं और सिचुएशन्स रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी हुई महसूस होती हैं। यही वजह है कि दर्शक इसे रियल और रिलेटेबल बता रहे हैं।

    कम एपिसोड, ज्यादा असर
    आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग ऐसी सीरीज पसंद करते हैं, जिन्हें कम समय में देखा जा सके। 6 एपिसोड की यह सीरीज बिना वक्त बर्बाद किए सीधे कहानी पर आती है और हर एपिसोड में कुछ नया देती है। हर एपिसोड खत्म होने के बाद अगला देखने की उत्सुकता बनी रहती है, जो किसी भी अच्छी सीरीज की पहचान होती है। क्यों देखनी चाहिए यह सीरीज? अगर आप- हल्की-फुल्की लेकिन अर्थपूर्ण कहानी पसंद करते हैं कॉमेडी के साथ इमोशनल ड्रामा देखना चाहते हैं कम एपिसोड वाली बिंज-वॉच सीरीज ढूंढ रहे हैं रिलेशनशिप और पेरेंटहुड जैसे विषयों में दिलचस्पी रखते है तो यह वेब सीरीज आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है।

  • महाराष्ट्र: सिर से टोपी को लेकर हुआ झगड़ा, बीच-बचाव करने गई गर्भवती महिला के बच्चे की गर्भ में मौत

    महाराष्ट्र: सिर से टोपी को लेकर हुआ झगड़ा, बीच-बचाव करने गई गर्भवती महिला के बच्चे की गर्भ में मौत


    महाराष्ट्र। के कल्याण, मोहने गांव के लहूजीनगर इलाके से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक छोटी सी बात पर शुरू हुई पड़ोसियों की लड़ाई ने एक मासूम की जान ले ली। आरोप है कि लड़ाई रोकने गई एक गर्भवती महिला पर हमला कर उसके पेट में लात मारी गई, जिसके परिणामस्वरूप गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई।

    मामूली बहस बनी जानलेवा हमला
    जानकारी के अनुसार, विवाद की शुरुआत एक पड़ोसी द्वारा दूसरे के सिर से टोपी उतारने को कहने जैसी मामूली बात पर हुई। यह बहस देखते ही देखते मारपीट में बदल गई। इसी दौरान, जब एक गर्भवती महिला ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो कथित तौर पर आरोपी ने उसके पेट में जोरदार लात मार दी। इस क्रूर हमले के कारण महिला गंभीर रूप से घायल हो गई और उसके गर्भस्थ शिशु की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई।

    पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल
    इस हृदय विदारक घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। साथ ही, क्षेत्र में लगातार बढ़ रही ऐसी घटनाओं के कारण स्थानीय पुलिस की कार्यक्षमता पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

    पीड़ित परिवार ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि शिकायत दर्ज कराने के बावजूद पुलिस द्वारा तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस तरह की घटनाओं का बार-बार होना कानून-व्यवस्था के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए घटनास्थल पर पहुँचकर जाँच शुरू कर दी है।

    अतिरिक्त खबर का अंश (संबंधित जानकारी)
    राजनीतिक बयान: इसी बीच, महाराष्ट्र में राजनीतिक गलियारों से एक खबर यह भी है, जहाँ शिवसेना नेता उदय सामंत ने उद्धव ठाकरे से सवाल किया है, “क्या आपमें कांग्रेस के उपमुख्यमंत्रियों से इस्तीफा मांगने की हिम्मत है?”

    सड़क हादसा: महाराष्ट्र के बीड में एक डीजल टैंकर से कार टकराने के बाद हाइवे पर धुएं का गुबार छा गया, जिससे एक बड़ा हादसा होते-होते बचा।

  • इंदौर-उज्जैन मेट्रोपालिटन रीजन में रतलाम जिला भी होगा शामिल सीएम डॉ. मोहन यादव की अहम बैठक

    इंदौर-उज्जैन मेट्रोपालिटन रीजन में रतलाम जिला भी होगा शामिल सीएम डॉ. मोहन यादव की अहम बैठक


    इंदौर । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में एक अहम बैठक में इंदौर-उज्जैन मेट्रोपालिटन रीजन के विकास की योजनाओं पर चर्चा की। इस बैठक में इंदौर उज्जैन देवास धार और शाजापुर जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा की गई। सीएम ने इंदौर मेट्रो के अंडरग्राउंड रूट नई बस सेवा आईटी हब और नाइट लाइफ पॉलिसी जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विचार किया।

    इस बैठक में एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है कि रतलाम जिले को भी इंदौर-उज्जैन मेट्रोपालिटन रीजन में शामिल किया जाएगा। इससे पूरे क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी और यह क्षेत्र और भी विकसित हो सकेगा। मेट्रो का विस्तार और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।

    मुख्यमंत्री की बैठक में शामिल मुद्दे

    बैठक में इंदौर के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई जैसे कि एबी रोड पर एलिवेटेड कॉरिडोर मास्टर प्लान की अधूरी सड़कों का निर्माण और यातायात की समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में किए जाने वाले उपाय। सीएम ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से इन समस्याओं का समाधान निकालने का आग्रह किया।

    बैठक में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सीएम से कहा “अच्छा हुआ आपने हमें बता दिया कि आप इंदौर के प्रभारी मंत्री नहीं हैं। अधिकारी हमें चमकाते थे कि हम बैठक नहीं कर सकते अब हम इंदौर के विकास के लिए बैठक कर सकेंगे।” इस पर सीएम ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा जो बांटना था बांट दिया और जो नहीं बटा उसे अपने पास रख लिया।

    इंदौर-उज्जैन मेट्रोपालिटन रीजन में रतलाम जिले को शामिल करने की योजना के साथ-साथ इंदौर में मेट्रो बस सेवा और शहर के विकास कार्यों की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की बैठक में इंदौर की यातायात समस्याओं और बुनियादी ढांचे के विकास पर भी चर्चा की गई। इस बैठक के माध्यम से इंदौर के विकास को और अधिक गति मिलने की संभावना है।

  • भारत की बल्लेबाजी का धमाका: 400+ रनों की ऐतिहासिक पारियां जो वनडे क्रिकेट में बनाती हैं टीम इंडिया को अलग

    भारत की बल्लेबाजी का धमाका: 400+ रनों की ऐतिहासिक पारियां जो वनडे क्रिकेट में बनाती हैं टीम इंडिया को अलग

    नई दिल्‍ली । भारतीय क्रिकेट टीम ने वनडे क्रिकेट में हमेशा अपनी आक्रामक और रणनीतिक बल्लेबाजी से विरोधियों को दबाव में रखा है। बड़े स्कोर बनाने की क्षमता अब टीम इंडिया की पहचान बन चुकी है और चाहे घरेलू मैदान हो या विदेशी पिच, भारतीय बल्लेबाजों ने कई बार 400 से अधिक रन बनाकर इतिहास रचा है।

    8 दिसंबर 2011 को इंदौर में वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम ने 418/5 रन बनाकर शानदार जीत हासिल की। इस पारी में रन रेट 8.36 रहा और भारतीय बल्लेबाजों की तेज और आक्रामक सोच का प्रदर्शन हुआ। इसी तरह, 15 दिसंबर 2009 को राजकोट में श्रीलंका के खिलाफ 414/7 रन की पारी ने टीम की गहराई वाली बल्लेबाजी और बड़े शॉट्स खेलने की क्षमता दिखाई।

    2007 वर्ल्ड कप में पोर्ट ऑफ स्पेन में बरमूडा के खिलाफ भारत ने 413/5 रन बनाकर मुकाबला पूरी तरह एकतरफा कर दिया। इस पारी में भारतीय बल्लेबाजों ने हर दिशा में चौके-छक्कों की बरसात की और अपनी आक्रामक शैली को पूरी दुनिया के सामने दिखाया। वनडे वर्ल्ड कप 2023 में बेंगलुरु में नीदरलैंड्स के खिलाफ 410/4 रन बनाकर टीम ने घरेलू दर्शकों के सामने अपनी दबदबे वाली छवि और मजबूत की।

    10 दिसंबर 2022 को चटगांव में बांग्लादेश के खिलाफ 409/8 रन बनाकर भारतीय बल्लेबाजों ने विदेशी धरती पर भी अपनी परिपक्वता और आक्रामक रणनीति का प्रदर्शन किया। ये ऐतिहासिक पारियां साबित करती हैं कि टीम इंडिया की बल्लेबाजी हमेशा विरोधियों के लिए चुनौती बनी रहती है और बड़े स्कोर बनाने में उसकी विश्वस्तरीय क्षमता को दर्शाती हैं।

  • भोपाल में कुटुंब न्यायालय की नेशनल लोक अदालत में 100 से अधिक रिश्तों को बचाया, पति ने बेटी को गोद में उठाते ही मांगी माफी

    भोपाल में कुटुंब न्यायालय की नेशनल लोक अदालत में 100 से अधिक रिश्तों को बचाया, पति ने बेटी को गोद में उठाते ही मांगी माफी


    भोपाल । भोपाल के कुटुंब न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत में 100 से अधिक रिश्तों को टूटने से बचाया गया। इस दौरान पति-पत्नी ने अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए गिले-शिकवे भूलकर फिर से एक-दूसरे के साथ रहने का निर्णय लिया। यह अदालत उन दंपत्तियों के लिए वरदान साबित हुई जिनके रिश्ते झगड़ों और विवादों की वजह से खटाई में थे।

    एक विशेष मामले में जहां एक व्यवसायी पति और उसकी पत्नी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था दोनों के बीच काउंसलिंग सत्र में एक भावुक पल आया। पत्नी ने डेढ़ साल की अपनी बेटी को पति से दूर रखकर मायके भेज दिया था और वह अपने पति से मिलने भी नहीं देती थी। पत्नी ने पति के खिलाफ भरण-पोषण का केस भी दायर कर रखा था और पति का कहना था कि यदि पत्नी मायके में रहेगी तो वह भरण-पोषण नहीं देगा।

    इस बीच कुटुंब न्यायालय में काउंसलिंग के दौरान जज ने पति से कहा कि वह अपनी बेटी को गोद में लेकर पत्नी से मिलें। जब पति ने बेटी को गोद में उठाया तो उसकी आँखों में पछतावा और अफसोस था। कई महीनों से अपनी बेटी से अलग रह रहे पति को अपनी गलती का एहसास हुआ। इसके बाद उसने पत्नी से माफी मांगी और समझौते की इच्छा जताई।
    पत्नी ने भी बच्चों के भविष्य को देखते हुए पति की माफी स्वीकार की और दोनों ने एक-दूसरे को समझते हुए एक नया अध्याय शुरू करने का निर्णय लिया। इसके बाद वे दोनों घर लौट गए और अपने रिश्ते को फिर से संजीवनी दी।

    कुटुंब न्यायालय की नेशनल लोक अदालत में इस तरह के कई अन्य मामले भी आए जिनमें रिश्तों में दरार आ चुकी थी लेकिन अदालत की मध्यस्थता से और समझाइश से वे सब वापस एकजुट हो गए। इस प्रक्रिया ने यह साबित किया कि सही मार्गदर्शन और समझ के साथ पारिवारिक रिश्तों को पुनर्निर्मित किया जा सकता है। भोपाल के कुटुंब न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत में कई रिश्तों को टूटने से बचाया गया। एक दिल छूने वाले मामले में पति ने अपनी बेटी को गोद में उठाते हुए पत्नी से माफी मांगी और दोनों ने मिलकर अपने रिश्ते को फिर से संजीवित किया। यह अदालत परिवारों के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरी है।

  • सूडान में UN सुविधा केंद्र पर बड़ा हमला, 6 बांग्लादेशी शांतिरक्षकों की मौत

    सूडान में UN सुविधा केंद्र पर बड़ा हमला, 6 बांग्लादेशी शांतिरक्षकों की मौत


    काहिरा। युद्धग्रस्त सूडान में शनिवार को ड्रोन हमले ने संयुक्त राष्ट्र सुविधा को निशाना बनाया। इस हमले में छह बांग्लादेशी शांतिरक्षकों की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हुए।

    हमले की जानकारी:
    स्थान: मध्य क्षेत्र कोर्डोफान, कदुगली शहर में यूएन लॉजिस्टिक्स बेस

    पीड़ित: सभी बांग्लादेशी नागरिक, यूएन अंतरिम सुरक्षा बल (UNISFA) में तैनात

    घायलों की संख्या: 8

    सूदानी सेना ने आरोप लगाया
    हमला रैपिड सपोर्ट फोर्सेस (RSF) द्वारा किया गया बताया गया।

    RSF सूडान का कुख्यात अर्धसैनिक समूह है, जो सेना के साथ दो साल से अधिक समय से सत्ता संघर्ष में लगा है।

    सेना ने कहा कि यह हमला विद्रोही मिलिशिया और उनके समर्थनकर्ताओं के विध्वंसक दृष्टिकोण को उजागर करता है।

    संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया
    UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इसे युद्ध अपराध करार दिया और जिम्मेदारों को जवाबदेह ठहराने की मांग की।

    गुटेरेस ने सूडान में तत्काल युद्धविराम और एक व्यापक, समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया की आवश्यकता पर जोर दिया।

    सूडान का युद्ध परिदृश्य
    अप्रैल 2023 में सेना और RSF के बीच सत्ता संघर्ष ने खार्तूम और अन्य हिस्सों में खुला युद्ध पैदा किया।

    अब तक 40,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।

    संघर्ष का केंद्र कोर्डोफान और दारफूर क्षेत्र है।

    युद्ध में शहर तबाह हुए, सामूहिक बलात्कार और जातीय हत्याएं हुईं, जिन्हें यूएन और अधिकार समूहों ने युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध बताया।

    हमले का वीडियो सामने आया
    सूडानी सेना ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें यूएन सुविधा के पास घने काले धुएं के गुबार दिखाई दे रहे हैं। यह दिखाता है कि हमला कितने व्यापक पैमाने पर हुआ।

    सूडान में जारी संघर्ष ने न केवल नागरिकों बल्कि शांति मिशन के जवानों को भी निशाना बनाया है। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा तत्काल युद्धविराम और राजनीतिक समाधान की जरूरत जताई जा रही है।

  • अमेरिकी सेना ने समुद्र में गिरे सैन्य उपकरणों को सफलतापूर्वक निकाला, चीन की नजरों से बची तकनीक

    अमेरिकी सेना ने समुद्र में गिरे सैन्य उपकरणों को सफलतापूर्वक निकाला, चीन की नजरों से बची तकनीक


    नई दिल्‍ली । अमेरिका ने एशिया के दो बेहद संवेदनशील इलाकों में समुद्र में गिरे अपने अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया है। दक्षिण कोरिया के पश्चिमी समुद्र तट के पास क्रैश हुआ MQ-9 रीपर ड्रोन और साउथ चाइना सागर से एफ-18 फाइटर जेट और एमएच-60 हेलीकॉप्टर को रिकवर किया गया। ये ऑपरेशन अमेरिका की सुरक्षा और तकनीकी श्रेष्ठता के लिहाज से बेहद अहम माने जा रहे हैं।

    1. MQ-9 रीपर ड्रोन – सियोल के पास क्रैश
    कब हुआ था: 24 नवंबर

    कहां गिरा: सियोल से करीब 180 किलोमीटर दक्षिण में, माल्डो-री द्वीप के पास पीले सागर में

    ऑपरेशन: अमेरिकी वायुसेना और दक्षिण कोरियाई नौसेना ने करीब 20 दिनों में ड्रोन का पूरा मलबा निकाल लिया

    उद्देश्य: निगरानी और हमले के लिए तैनात, उत्तर कोरिया की गतिविधियों और पीले सागर में चीन की मौजूदगी पर नजर रखने के लिए

    महत्व: ड्रोन की तकनीक सुरक्षित रखना और इसे दुश्मन के हाथों न पड़ने देना

    2. फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर – साउथ चाइना सागर
    कब गिरे: अक्टूबर में USS निमिट्ज एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरते वक्त

    कौन से उपकरण: एफ-18 फाइटर जेट और एमएच-60 हेलीकॉप्टर

    गहराई: करीब 400 फीट

    रिकवरी की तारीख: 5 दिसंबर

    महत्व: चीन जैसे देशों के हाथ लगने पर सैन्य तकनीक का नुकसान होने से बचाना

    सुरक्षा: उपकरण अब इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के सुरक्षित सैन्य ठिकाने पर भेजे गए हैं

    रणनीतिक महत्व
    साउथ चाइना सागर को लेकर चीन और कई दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के बीच विवाद लंबा है। चीन लगभग पूरे समुद्री क्षेत्र पर दावा करता है, जबकि अमेरिका इसे अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्ग मानता है और अपनी सैन्य मौजूदगी बनाए रखता है। समुद्र में गिरे अमेरिकी सैन्य उपकरणों की रिकवरी को रणनीतिक सुरक्षा कदम के रूप में देखा जा रहा है।

    अमेरिका ने समय रहते समुद्र में गिरे अपने महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों को सुरक्षित निकालकर अपनी तकनीक और सुरक्षा सुनिश्चित की। इस ऑपरेशन से यह भी जाहिर होता है कि आधुनिक युद्ध में तकनीक और सुरक्षा का महत्व कितनी तेजी से बढ़ता जा रहा है।

  • जनवरी में बर्फबारी का मज़ा: भारत की 7 खूबसूरत और बजट-फ्रेंडली जगहें

    जनवरी में बर्फबारी का मज़ा: भारत की 7 खूबसूरत और बजट-फ्रेंडली जगहें

     सर्दियों में बर्फ और ठंडी हवा का आनंद लेना किसी भी ट्रैवलर का सपना होता है। जनवरी में हिमालय की चोटियों पर बर्फ की सफेद चादर, पहाड़ों की ठंडी हवा और प्रकृति की सुंदरता किसी का भी मन मोह लेती है। अगर आप कम बजट में सफर करना चाहते हैं, तो ये सात जगहें आपके लिए परफेक्ट हैं:

    1. औली (Uttarakhand)
    औली बर्फबारी और स्कीइंग के लिए सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। यहां चेयर-लिफ्ट और पहाड़ी नज़ारे बेहद खूबसूरत हैं। दिल्ली से ऋषिकेश या हरिद्वार तक सस्ती ट्रेन या बस से आसानी से पहुंचा जा सकता है, वहां से शेयर टैक्सी या बस औली के लिए उपलब्ध हैं। होमस्टे और हॉस्टल बजट ट्रैवलर्स के लिए बेहतरीन विकल्प हैं।

    2. चोपता (Uttarakhand)
    प्रकृति के करीब महसूस करना हो तो चोपता बेस्ट है। जनवरी में यहां बर्फबारी और ट्रेकिंग का मज़ा लिया जा सकता है। ऋषिकेश और हरिद्वार से सस्ती जीप और बसें मिलती हैं। टेंट में ठहरना बजट-फ्रेंडली और रोमांचक अनुभव देता है।

    3. कुल्लू-मनाली (Himachal Pradesh)
    सोलंग वैली और रोहतांग पास बर्फबारी के लिए मशहूर हैं। दिल्ली से HRTC की सस्ती बसें आसानी से मिल जाती हैं। बजट 5000 रुपये के अंदर हो तो डॉर्मिटरी, होस्टल और बजट होटल सबसे अच्छे विकल्प हैं।

    4. शिमला (Himachal Pradesh)
    शिमला का जादू सर्दियों में अलग ही होता है। कुफरी में जनवरी में जबरदस्त बर्फबारी होती है। चंडीगढ़ और दिल्ली से बस या ट्रेन आसानी से मिल जाती है। कालका से शिमला तक की टॉय ट्रेन यात्रा को और खास बनाती है। आसपास के गांवों में रहकर खर्च कम किया जा सकता है।

    5. गुलमर्ग (Jammu & Kashmir)
    असली कड़क ठंड और गहरी बर्फ का अनुभव चाहिए तो गुलमर्ग परफेक्ट है। यहां की सुंदरता फिल्मी सीन जैसी लगती है। स्नो स्कीइंग, स्नोबोर्डिंग और गोंडोला केबल कार इसकी खासियत हैं। जनवरी में यह भारत की सबसे ठंडी और खूबसूरत बर्फबारी वाली जगहों में गिना जाता है।

    6. मसूरी (Uttarakhand)
    मसूरी का मौसम जनवरी में किसी जन्नत से कम नहीं लगता। बर्फ से ढकी सड़कों पर घूमना बेहद शांत और रोमांचक अनुभव देता है। केम्प्टी फॉल्स, कंपनी गार्डन, मॉल रोड, लेक मिस्ट और मॉस्सी फॉल्स घूमने लायक हैं। बजट में रहने के लिए कई किफायती होटल और होमस्टे उपलब्ध हैं।

    7. तवांग (Arunachal Pradesh)
    तवांग बर्फबारी और ठंड के लिए प्रसिद्ध है। जनवरी में बर्फ की मोटी परतें और सेला पास, माधुरी झील, नूरानांग फॉल्स यहां की खास पहचान हैं। यह दुनिया के सबसे बड़े बौद्ध मठों में से एक का घर भी है। जनवरी–फरवरी यहां घूमने का सबसे बेहतरीन समय है।

    जनवरी में इन जगहों पर जाकर आप बर्फबारी का मज़ा, रोमांच और सुकून एक साथ ले सकते हैं। ये सभी डेस्टिनेशन बजट-फ्रेंडली होने के साथ प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं।

  • दो वर्ष पूरे होने पर रिपोर्ट कार्ड: सांसद-विधायक मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर देंगे अपने क्षेत्र के कार्यों की जानकारी

    दो वर्ष पूरे होने पर रिपोर्ट कार्ड: सांसद-विधायक मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर देंगे अपने क्षेत्र के कार्यों की जानकारी


    भोपाल । मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार ने सफलतापूर्वक दो वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस अवसर को चिह्नित करने के लिएसरकार ने अपनी उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को जनता के बीच ले जाने की एक सुनियोजित रणनीति तैयार की है।

    जनता के बीच सरकार की उपलब्धियां

    राज्य सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियों को जनता तक पहुँचाने का जिम्मा प्रभारी मंत्रियों को सौंपा गया है। शनिवार कोसभी प्रभारी मंत्रियों ने अपने-अपने जिलों में पत्रकारवार्ता आयोजित की। इन प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने विस्तार से बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार ने पिछले दो वर्षों में जनता के हित में कौन-कौन से महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।
    उपलब्धियों की जानकारी देने के अलावामंत्रियों ने अपने व्यक्तिगत विभागों के कामकाज का ब्योरा भी जनता के समक्ष रखा। यह प्रयास सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही को प्रदर्शित करने पर केंद्रित है।

    सांसद और विधायकों का रिपोर्ट कार्ड

    इस प्रचार अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा राज्य के सांसदों और विधायकों के प्रदर्शन को भी शामिल करता है। यह सुनिश्चित किया गया है कि केवल सरकार की ही नहींबल्कि क्षेत्रवार जनप्रतिनिधियों के कार्यों की जानकारी भी उच्च स्तर पर संकलित की जाए। योजना के अनुसारसभी सांसद और विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पिछले दो वर्षों के दौरान किए गए विकास कार्योंयोजनाओं के क्रियान्वयनऔर महत्वपूर्ण पहलों का विवरण तैयार करेंगे। 

    वे यह पूरी जानकारी एक पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को सौंपकर उन्हें अवगत कराएंगे। यह कदम न केवल जनप्रतिनिधियों को अपने कार्यों का लेखा-जोखा तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करेगाबल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय को भी राज्य के हर क्षेत्र में हो रहे जमीनी स्तर के विकास की एक स्पष्ट तस्वीर प्रदान करेगा। यह पहल पार्टी और सरकार के भीतर एक आंतरिक रिपोर्ट कार्ड और प्रदर्शन मूल्यांकन प्रणाली के रूप में भी कार्य कर सकती है। इस प्रकारमोहन सरकार की दो साल की उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार एक बहु-आयामी दृष्टिकोण से किया जा रहा हैजिसमें सरकारी विभागों के कामकाजमंत्रियों की रिपोर्टिंग और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के प्रदर्शन का समावेश है।

  • सर्दियों में क्या खाएं ताकि शरीर रहे गर्म और सेहत बनी रहे मजबूत

    सर्दियों में क्या खाएं ताकि शरीर रहे गर्म और सेहत बनी रहे मजबूत


    नई दिल्‍ली । सर्दियों का मौसम खुशियों के साथ-साथ ठंड, नमी और बीमारियों का खतरा भी लेकर आता है। तापमान गिरते ही शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ने लगती है और सर्दी-खांसी, वायरल इन्फेक्शन, जोड़ों का दर्द जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में सही खानपान बेहद जरूरी है। अगर डाइट में कुछ सुपरफूड शामिल कर लिए जाएं, तो न सिर्फ शरीर अंदर से गर्म रहता है, बल्कि इम्यून सिस्टम भी मजबूत रहता है।

    यहां जानिए सर्दियों के पांच सुपरफूड्स जो आपकी सेहत का रखेंगे ख्याल:

    1. पालक – इम्यूनिटी का हरा हथियार
    पालक में आयरन, विटामिन C, K और फोलेट भरपूर मात्रा में होते हैं। यह खून की कमी को दूर करने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है। साथ ही, एंटीऑक्सीडेंट से आंखों की रोशनी बढ़ती है और शरीर अंदर से ताकतवर बनता है। इसे सूप, सब्जी या सलाद में शामिल करें।

    2. केल – हड्डियों और सूजन के लिए बढ़िया
    केल विटामिन A, C और K का भंडार है। इसमें कैल्शियम अधिक मात्रा में होता है, जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। इसके एंटीऑक्सीडेंट शरीर की सूजन कम करने में भी मदद करते हैं। इसे सब्जी, सूप या स्मूदी में शामिल किया जा सकता है।

    3. सरसों का साग – सर्दियों की शान
    सरसों का साग विटामिन C, K और बीटा-कैरोटीन से भरपूर होता है। यह शरीर को गर्म रखने और डिटॉक्स करने में मदद करता है। मक्के की रोटी के साथ इसे खाने से सर्दियों में संपूर्ण आहार मिलता है।

    4. मेथी के पत्ते – ऊर्जा और शुगर कंट्रोल
    मेथी के पत्ते आयरन, फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होते हैं। यह थकान दूर करने, पाचन सुधारने और ब्लड शुगर नियंत्रित रखने में मदद करता है। सर्दियों में मेथी का पराठा या सब्जी बेहद लाभकारी है।

    5. कॉलीर्ड ग्रीन्स – दिल और कोलेस्ट्रॉल के लिए लाभकारी
    कॉलीर्ड ग्रीन्स विटामिन K, कैल्शियम और फाइबर का अच्छा स्रोत हैं। यह कोलेस्ट्रॉल कम करने और दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है। सर्दियों में इसका सेवन शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है।

    अगर सर्दियों में इन पांच सुपरफूड्स को अपनी रोजमर्रा की डाइट में शामिल किया जाए, तो शरीर रहेगा गर्म, इम्यूनिटी मजबूत और बीमारियों से दूर।