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  • सरफराज खान ने मिनी ऑक्शन में दावेदारी के लिए दिखाई दमदार बल्लेबाजी, 25 गेंद में 64 रन ठोके

    सरफराज खान ने मिनी ऑक्शन में दावेदारी के लिए दिखाई दमदार बल्लेबाजी, 25 गेंद में 64 रन ठोके


    नई दिल्‍ली । सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 में सरफराज खान ने अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। 14 दिसंबर को पुणे के डीवाई पाटिल एकेडमी स्टेडियम में मुंबई बनाम हरियाणा मैच में सरफराज ने वन डाउन पर उतरते ही 25 गेंद में 64 रन की तूफानी पारी खेली। इस दौरान उन्होंने 9 चौके और 3 छक्के लगाकर अपनी टीम को 17.3 ओवर में 4 विकेट से जीत दिलाई।

    सरफराज की यह परफॉर्मेंस आईपीएल मिनी ऑक्शन में उनकी संभावनाओं को और मजबूत करती है। पिछली बार आईपीएल ऑक्शन में अनसोल्ड रहने के बावजूद उन्होंने डोमेस्टिक क्रिकेट में लगातार रन बनाए और अब फ्रेंचाइजीज को एक मजबूत संदेश दे दिया है। उनकी बेस प्राइस 75 लाख रुपये है और हाल की ताबड़तोड़ पारियों के चलते उम्मीद जताई जा रही है कि उन्हें कई खरीदार मिल सकते हैं।

    इससे पहले, 2 दिसंबर 2025 को असम के खिलाफ भी सरफराज ने 47 गेंदों में नाबाद 100 रन की पारी खेली थी, जिसमें 8 चौके और 7 छक्के शामिल थे। यह लगातार प्रदर्शन उनके आईपीएल में एक भरोसेमंद फिनिशर और मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज के रूप में छवि को और मजबूत करता है।

    सरफराज के आईपीएल करियर की बात करें तो उन्होंने अब तक 50 मैच खेले हैं और 130 की स्ट्राइक रेट से 585 रन बनाए हैं। उनका अनुभव और हाल की शानदार फार्म फ्रेंचाइजीज के लिए उन्हें एक आकर्षक विकल्प बनाती है। आगामी मिनी ऑक्शन में यह देखना रोचक होगा कि कौन सी टीम इस धमाकेदार खिलाड़ी को अपनी टीम में शामिल करती है।

  • अबूझमाड़ में डिजिटल क्रांति की शुरुआत: केंद्र ने 513 नए 4G मोबाइल टावरों को दी मंजूरी

    अबूझमाड़ में डिजिटल क्रांति की शुरुआत: केंद्र ने 513 नए 4G मोबाइल टावरों को दी मंजूरी


    रायपुर/ छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और बस्तर अंचल में लंबे समय तक माओवादी हिंसा और दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण विकास की रफ्तार धीमी रही। लेकिन बीते कुछ वर्षों में सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और प्रशासनिक प्रयासों के चलते हालात तेजी से बदले हैं। अब जब बस्तर के करीब 400 गांव हिंसा मुक्त हो चुके हैं, तो केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।

    513 नए 4G मोबाइल टावरों को मंजूरी
    केंद्र सरकार ने डिजिटल भारत निधि (Digital Bharat Nidhi) के तहत अबूझमाड़ क्षेत्र में बीएसएनएल के माध्यम से 513 नए 4G मोबाइल टावर लगाने की स्वीकृति दी है। इस फैसले से न केवल संचार व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि यह माओवादी प्रभावित इलाकों में विकास की नई इबारत भी लिखेगा। राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों के अनुसार, यह फैसला सुरक्षा और विकास—दोनों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।

    सुरक्षा बलों को मिलेगी तकनीकी बढ़त

    अबूझमाड़ और आसपास के इलाकों में पहले से स्थापित 728 मोबाइल टावर बीते कुछ वर्षों में सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी ताकत साबित हुए हैं। मोबाइल नेटवर्क के विस्तार से सुरक्षा बलों को रियल टाइम कम्युनिकेशन, लोकेशन ट्रैकिंग और इंटेलिजेंस इनपुट साझा करने में मदद मिली है।अधिकारियों का कहना है कि अगस्त 2025 में रायपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद पड़ोसी राज्यों के साथ रियल टाइम सूचना साझा करने की प्रणाली लागू की गई थी। इसके बाद से माओवादियों की गतिविधियों पर नजर रखना और भी आसान हो गया है।

    माओवादियों पर कसा शिकंजा
    सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, माओवादी आमतौर पर मोबाइल फोन के इस्तेमाल से बचते हैं, क्योंकि उन्हें डर रहता है कि डिजिटल फुटप्रिंट के जरिए उनकी लोकेशन ट्रैक की जा सकती है। इसके बावजूद, नेटवर्क विस्तार के बाद किसी भी असामान्य सिग्नल पैटर्न या संदिग्ध गतिविधि को समय रहते पकड़ा जा रहा है।इससे माओवादी संगठनों की मूवमेंट की जानकारी पहले ही मिल जाती है और सुरक्षा बल उन्हें अपने रडार पर बनाए रखने में सफल हो रहे हैं।

    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का बयान
    छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 513 मोबाइल टावरों को मिली मंजूरी का स्वागत करते हुए इसे राज्य के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के साथ-साथ विकास को भी समान प्राथमिकता दे रही है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह फैसला छत्तीसगढ़ को डिजिटल रूप से सशक्त, सुरक्षित और समावेशी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

    दुर्गम इलाकों में भी बजेगी मोबाइल की घंटी
    इन नए 4G मोबाइल टावरों की स्थापना से अबूझमाड़ जैसे सुदूर और दुर्गम इलाकों में रहने वाले लोगों को पहली बार भरोसेमंद मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं मिल सकेंगी। इससे-ऑनलाइन शिक्षा की पहुंच बढ़ेगी टेलीमेडिसिन और स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ होंगी रोजगार और स्किल डेवलपमेंट के नए अवसर मिलेंगे आपातकालीन संचार व्यवस्था मजबूत होगी विशेषज्ञों का मानना है कि यह डिजिटल विस्तार वित्तीय समावेशन को भी गति देगा।

    बैंकिंग और सरकारी सेवाओं को मिलेगा बढ़ावा
    मजबूत मोबाइल नेटवर्क के चलते ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में-बैंकिंग सेवाएं डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) UPI और डिजिटल पेमेंट बीमा और पेंशन योजनाएं आम लोगों तक आसानी से पहुंच सकेंगी। इससे सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

    सुरक्षा और विकास की संयुक्त रणनीति
    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास को साथ-साथ आगे बढ़ाने की नीति पर काम कर रही है। सरकार गठन के बाद अब तक-
    69 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए इनके आसपास के 403 गांवों में 9 विभागों की 18 सामुदायिक सेवाएं 11 विभागों की 25 व्यक्तिमूलक योजनाएं पहुंचाई जा रही हैं यह पहली बार है जब इन दुर्गम इलाकों में सरकारी योजनाओं की सीधी पहुंच सुनिश्चित हुई है।

    साझा प्रयासों का प्रतिफल
    मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मोबाइल टावरों की स्वीकृति माओवादी हिंसा उन्मूलन और क्षेत्रीय विकास के साझा प्रयासों का प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में स्थायित्व स्थापित हुआ है, वहां अब डिजिटल कनेक्टिविटी और विकास को तेज गति से आगे बढ़ाया जा रहा है।

  • 48 गेंद पर शतक, 16 चौके और 1 छक्का: यशस्वी जायसवाल ने टी20 टीम में जगह के लिए ठोका दावा

    48 गेंद पर शतक, 16 चौके और 1 छक्का: यशस्वी जायसवाल ने टी20 टीम में जगह के लिए ठोका दावा


    नई दिल्‍ली । भारत के युवा ओपनिंग बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में हरियाणा के खिलाफ धमाकेदार पारी खेली। उन्होंने 48 गेंद पर शतक ठोकते हुए 50 गेंद में 101 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 16 चौके और 1 छक्का जड़कर अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी दिखाई।

    जायसवाल की तूफानी पारी के दम पर मुंबई टीम ने 235 रन के विशाल लक्ष्य को 4 विकेट से 15 गेंद पहले ही पूरा कर लिया। उनकी बल्लेबाजी ने टीम को जीत दिलाने के साथ-साथ भारतीय टी20 टीम में जगह के लिए मजबूत दावा भी पेश किया।

    पारी की शुरुआत करने उतरे यशस्वी जायसवाल और सरफराज खान ने केवल 37 गेंद में 88 रन की साझेदारी कर मुकाबले का पासा पलट दिया। सरफराज ने 25 गेंद में 64 रन बनाए, जिसमें 9 चौके और 3 छक्के शामिल थे।

    जायसवाल के शतक ने भारतीय टी20 टीम के कप्तान शुभमन गिल के लिए चिंता बढ़ा दी है। गिल पिछले 15 टी20 मैचों में एक भी अर्धशतक नहीं लगा पाए हैं। यदि जायसवाल का यह प्रदर्शन जारी रहा, तो गिल को ओपनिंग में अपनी जगह गंवानी पड़ सकती है। वहीं, गिल को ऋषभ सैमसन से भी खतरा है, जो अपने प्रदर्शन के दम पर प्लेइंग इलेवन में जगह बनाने की स्थिति में हैं।

  • थाईलैंड का फुकेत: सिर्फ ₹15,000 में नए साल 2026 पर शानदार विदेशी सैर..

    थाईलैंड का फुकेत: सिर्फ ₹15,000 में नए साल 2026 पर शानदार विदेशी सैर..


    नई दिल्ली। सिर्फ ₹15000 में विदेशी मौज: नए साल 2026 पर फुकेत है बेस्ट चॉइस  अगर आप नए साल 2026 की शुरुआत किसी विदेशी गंतव्य पर खासकर समुद्र किनारे ग्लैमर और स्टाइल के साथ करना चाहते हैं लेकिन बजट को लेकर चिंतित हैं तो थाईलैंड का फुकेत Phuket आपके लिए एक बेहतरीन और किफायती विकल्प हो सकता है। भारतीय सैलानियों के बीच फुकेत की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण यह है कि यहां न्यू ईयर सेलिब्रेशन हर तरह के बजट में उपलब्ध है।

    फुकेत में कम लागत वाली हाई-एनर्जी बीच पार्टियों से लेकर एक्सक्लूसिव यॉट डिनर और लग्जरी गाला डिनर तक कई शानदार अनुभव आपका इंतजार कर रहे हैं। यहां हम आपको 31 दिसंबर 2025 को होने वाली प्रमुख न्यू ईयर पार्टियों और उनके अनुमानित खर्च की विस्तृत जानकारी दे रहे हैं। ध्यान दें: नीचे बताई गई सभी कीमतें फ्लाइट टिकट के खर्च के अलावा हैं।

    बजट के अनुसार फुकेत में न्यू ईयर पार्टी के विकल्प
    ₹15000 से कम का धमाकेदार अनुभव कम बजट हाई एनर्जी बजट ट्रैवलर्स के लिए जो हाई-एनर्जी बीच पार्टी और आतिशबाजी का मजा लेना चाहते हैं उनके लिए बैंगताओ बीच Bangtao Beach स्थित कैच बीच क्लब Catch Beach Club एक आदर्श विकल्प है। अनुमानित खर्च: लगभग ₹14100 प्रति व्यक्ति। विशेषता: इस खर्च में बीचफ्रंट डीजे पार्टी लाइव परफॉर्मेंस और ठीक आधी रात को शानदार फायरवर्क्स का अनुभव शामिल है। यह विकल्प युवाओं और कम बजट में शानदार माहौल चाहने वालों के बीच बेहद लोकप्रिय है। अतिरिक्त खर्च: यदि आप 1 जनवरी को न्यू ईयर डे ब्रंच का आनंद लेना चाहते हैं तो इसका खर्च लगभग ₹11000 अलग से हो सकता है।

    ₹25000 से शुरू: मिड-रेंज लग्जरी और गाला डिनर
    जिनका बजट थोड़ा ज्यादा है और जो एक विशिष्ट और सुरुचिपूर्ण माहौल में जश्न मनाना चाहते हैं उनके लिए मिड-रेंज लग्जरी विकल्प उपलब्ध हैं। द स्लेट The Slate – नाई यांग बीच Nai Yang Beach: अनुमानित खर्च: करीब ₹26800 प्रति व्यक्ति से शुरू। विशेषता: यहां इंटरनेशनल बुफे प्रीमियम ड्रिंक्स लाइव बैंड परफॉर्मेंस और व्यक्तिगत फायरवर्क्स शो शामिल होते हैं। पार्टी अक्सर एक विशिष्ट थीम जैसे माउलिन रूज स्टाइल गाला पर आधारित होती है जो एक क्लासिक और यादगार अनुभव देती है। ट्विनपाम्स Twinpalms – सुरिन बीच Surin Beach: अनुमानित खर्च: लगभग ₹42400 प्रति व्यक्ति तक। विशेषता: यह विकल्प सी-फूड लवर्स के लिए शानदार है जिसमें लॉब्स्टर ऑयस्टर कैवियार और ग्लोबल व्यंजनों का बेहतरीन बुफे शामिल होता है।

    ₹42000 से ₹60000 तक: प्रीमियम और एक्सक्लूसिव विकल्प 

    प्रीमियम अनुभव चाहने वालों के लिए फुकेत दो बेहद एक्सक्लूसिव और स्टाइलिश विकल्प प्रदान करता है: द लेज़ी कोकोनट The Lazy Coconut – बैंगताओ बीच:अनुमानित खर्च: करीब ₹42400 प्रति व्यक्ति। विशेषता: यह जगह उन लोगों के लिए है जो स्टाइलिश लेकिन कैजुअल माहौल पसंद करते हैं। यहां बीच बीबीक्यू रेगे म्यूजिक और बीचफायर के साथ बेहद रिलैक्स्ड वाइब्स मिलती हैं। यह प्रीमियम अनुभव चाहने वाले छोटे समूहों के लिए लोकप्रिय है। बाबा नेस्ट  श्री पनवा अनुमानित खर्च: लगभग ₹47700 प्रति व्यक्ति।

    विशेषता: रूफटॉप और सनसेट व्यू के प्रेमियों के लिए यह एक शानदार ऑप्शन है। यहां 360 डिग्री पैनोरमिक व्यू मिलता है जिसमें सनसेट कॉकटेल्स और न्यू ईयर काउंटडाउन के दौरान शानदार फायरवर्क्स देखने का मौका मिलता है। यह विशेष रूप से कपल्स और छोटे एक्सक्लूसिव ग्रुप्स के बीच पसंद की जाती है और इंस्टाग्राम फ्रेंडली लोकेशन के रूप में मशहूर है।

    क्यों फुकेत है सर्वश्रेष्ठ विकल्प?
    फुकेत न केवल पार्टी और जश्न का केंद्र है बल्कि यहां की शानदार समुद्री गुफाएं बौद्ध मंदिर और थाई कल्चर भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। भारतीय मुद्रा के मुकाबले थाई बहत की विनिमय दर भी यात्रा को अपेक्षाकृत किफायती बनाती है। कम पैसे में शानदार विदेशी सैर और न्यू ईयर सेलिब्रेशन का यह संयोजन फुकेत को 2026 की शुरुआत के लिए सबसे शानदार और स्मार्ट ट्रैवल डेस्टिनेशन बनाता है।

  • 14-16 दिसंबर 2025: 6 राशियों पर कलयुग का पहला राज योग, बढ़ेगा भाग्य और सफलता

    14-16 दिसंबर 2025: 6 राशियों पर कलयुग का पहला राज योग, बढ़ेगा भाग्य और सफलता

    14 से 16 दिसंबर 2025 के बीच एक दुर्लभ और शक्तिशाली राज योग बन रहा है, जिसे ज्योतिषाचार्यों ने कलयुग का पहला राज योग कहा है। यह योग मेष, कर्क, कन्या, धनु, कुंभ और मीन राशियों के लिए विशेष रूप से शुभ साबित होगा। इस दौरान करियर, धन, रिश्तों और मानसिक शांति में सकारात्मक बदलाव की संभावना है।

    मेष राशि
    करियर: रुके हुए काम पूरे होंगे, प्रमोशन या नई जिम्मेदारी मिल सकती है।

    आर्थिक स्थिति: निवेश से लाभ, धन लाभ के योग।

    रिश्ते: परिवार और जीवनसाथी के साथ संबंध मजबूत होंगे।

    स्वास्थ्य: मानसिक तनाव कम, ऊर्जा बढ़ेगी।

    उपाय: मंगलवार को हनुमान चालीसा।

    कर्क राशि
    करियर: कार्यक्षेत्र में सहयोग, नए अवसर।

    आर्थिक स्थिति: खर्चों में कमी, पुराने निवेश से लाभ।

    रिश्ते: परिवार में सामंजस्य, प्रेम संबंध मजबूत।

    स्वास्थ्य: मानसिक शांति बढ़ेगी।

    उपाय: चावल और दूध का दान।

    कन्या राशि
    करियर: नौकरी में तरक्की, व्यापार में लाभ।

    आर्थिक स्थिति: अचानक धन लाभ, नए स्रोत से आय।

    रिश्ते: परिवार में सामंजस्य, शुभ समाचार।

    स्वास्थ्य: सेहत में सुधार।

    उपाय: बुधवार को गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएँ।

    धनु राशि
    करियर: रुके हुए काम पूरे, पदोन्नति, विदेश यात्रा का अवसर।

    आर्थिक स्थिति: व्यापार में मुनाफा, पुराने निवेश से लाभ।

    रिश्ते: परिवार में खुशी, जीवनसाथी के साथ मधुर संबंध।

    स्वास्थ्य: ऊर्जा बढ़ेगी, पुरानी बीमारियों में राहत।

    उपाय: केले के पेड़ की पूजा।

    कुंभ राशि
    करियर: प्रतिभा की सराहना, नई जिम्मेदारी।

    आर्थिक स्थिति: बड़े सौदे से लाभ।

    रिश्ते: परिवार में शांति और प्रेम।

    स्वास्थ्य: मानसिक तनाव कम, सेहत में सुधार।

    उपाय: शिवलिंग पर जल चढ़ाएँ।

    मीन राशि
    करियर: काम में एकाग्रता, नए अवसर।

    आर्थिक स्थिति: धन लाभ, खर्चों में कमी।

    रिश्ते: परिवार में शांति, प्रेम संबंध स्थिर।

    स्वास्थ्य: मानसिक शांति बढ़ेगी।

    उपाय: तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएँ।

    इस दुर्लभ राज योग के दौरान सकारात्मक सोच और सही प्रयास से भाग्य और सफलता के नए द्वार खुल सकते हैं।

    नोट: यह लेख सामान्य ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है। व्यक्तिगत कुंडली अनुसार परिणाम भिन्न हो सकते हैं। बड़े निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।

  • ज़रूरत की खबर सर्दियों में मुँह ढककर सोना ख़तरनाक घट सकती है 20% तक ऑक्सीजन जानें 11 गंभीर हेल्थ रिस्क

    ज़रूरत की खबर सर्दियों में मुँह ढककर सोना ख़तरनाक घट सकती है 20% तक ऑक्सीजन जानें 11 गंभीर हेल्थ रिस्क


    नई दिल्ली । सर्दी के मौसम में गर्माहट और सुरक्षित महसूस करने की चाहत में कई लोग सोते समय अपने चेहरे को रजाई या कंबल से पूरी तरह ढक लेते हैं। यह आदत भले ही आरामदायक महसूस हो लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार यह आपकी नींद की गुणवत्ताऔर श्वसन स्वास्थ्य दोनों के लिए अत्यंत हानिकारक है।

    बेंगलुरू के स्पर्श हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजी विभाग के HOD डॉ. शिवराज अज्जी करियप्पाला लक्ष्मण ने इस आदत के गंभीर वैज्ञानिक और स्वास्थ्य जोखिमों पर प्रकाश डाला है।डॉक्टर के मुताबिक मुँह ढककर सोने से कंबल के अंदर ताजी हवा का फ्लो काफी कम हो जाता है जिससे हम अपनी ही छोड़ी हुई हवा जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड अधिक होती है को दोबारा भीतर लेते हैं। इससे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 15 से 20% तक घट सकता है। नतीजतन फेफड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन ग्रहण करने के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है जिससे नींद बार-बार टूटती है। लंबे समय तक ऐसा करने से सुबह उठकर भारीपन थकान लगातार सिरदर्द और सांस संबंधी गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं।

    मुँह ढककर सोना क्यों है रिस्की 11 हेल्थ रिस्क

    वैज्ञानिक स्टडीज और डॉक्टर की राय के आधार पर चेहरा ढककर सोना निम्नलिखित 11 तरह की समस्याओं को जन्म दे सकता है

    स्वास्थ्य पर पड़ने वाले मुख्य नकारात्मक प्रभाव

    ऑक्सीजन की कमी हाइपोक्सिया कंबल के भीतर CO2 का स्तर बढ़ता है और ऑक्सीजन घटती है जिससे दम घुटने जैसा एहसास होता है।

    थकान और सिरदर्द कम ऑक्सीजन के कारण सुबह उठने पर सिर भारी और शरीर थका हुआ महसूस होता है।
    नींद की गुणवत्ता पर असर: बढ़ती गर्मी और कम ऑक्सीजन के कारण गहरी नींद बाधित होती है।
    शरीर का तापमान बढ़ना कंबल के अंदर तापमान बढ़ने से पसीना आता है जिससे शरीर बेचैन होता है और नींद टूटती है।
    पिंपल्स और एक्जिमा बंद और नमी वाले माहौल में पसीना आने से त्वचा के छिद्र बंद हो जाते हैं जिससे पिंपल्स रैशेज और एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
    ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल: खराब नींद के कारण दिनभर चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी आती है।
    सांस की दिक्कतें बढ़ना: हवा का फ्लो रुकने से सांस उथली हो जाती है जो फेफड़ों के लिए ठीक नहीं है। गला और छाती में सूखापन सांस की हवा का संचलन न होने से म्यूकस मेंब्रेन सख सकती है।
    संक्रमण का खतरा साँस द्वारा छोड़ी गई नमी और गर्मी कंबल के भीतर सूक्ष्मजीवों के पनपने के लिए अनुकूल माहौल बनाती है।
    स्लीप एप्निया का ख़तरा सांस लेने में रुकावट की समस्या स्लीप एप्निया को यह आदत और गंभीर बना सकती है।
    गंभीर मामलों में हृदय गति पर दबाव लंबे समय तक ऑक्सीजन की कमी रहने से हृदय प्रणाली पर अनावश्यक दबाव पड़ सकता है।

    किन लोगों के लिए यह आदत जानलेवा हो सकती है

    डॉक्टर शिवराज अज्जी करियप्पाला लक्ष्मण स्पष्ट करते हैं कि कुछ लोगों के लिए मुँह ढककर सोना अत्यंत गंभीर और जानलेवा स्थिति उत्पन्न कर सकता हैअस्थमा और स्लीप एप्निया के मरीज़ इन स्थितियों में पहले से ही सांस लेने में दिक्कत होती है। मुँह ढकने से हवा का फ्लो और कम हो जाता है जिससे सांस रुकने जैसी गंभीर स्थिति बन सकती है। शिशु और छोटे बच्चे बच्चों खासकर शिशुओं के लिए यह आदत जानलेवा है। इसे सडेन इन्फेंट डेथ सिन्ड्रोम का एक बड़ा कारण माना जाता है। कंबल या रजाई गलती से पूरी तरह चेहरे पर आने से शिशु का दम घुट सकता है।

    मुँह ढककर सोने की आदत कैसे छुड़ाएं

    अगर आपको यह आदत है तो इसे धीरे-धीरे छोड़ना बेहतर है। धीरे आदत बदलें एकदम से चेहरा खुला न रखें। शुरुआत में कंबल में थोड़ा गैप या एयर-टनल बनाए रखें। कुछ दिनों में धीरे-धीरे कंबल को नीचे लाकर पहले नाक-मुँह और फिर पूरे चेहरे को एक्सपोज करने की आदत डालें। सचेत पोजिशनिंग: सोने से पहले कंबल को कंधों के नीचे सेट करें ताकि नींद में भी वह चेहरे तक न आए।तापमान नियंत्रित रखें कमरे का तापमान इतना आरामदायक रखें कि आपको अत्यधिक ठंड महसूस न हो और चेहरा ढकने की ज़रूरत ही न पड़े। वज़नदार कंबल का प्रयोग: कई लोग सुरक्षित एहसास के लिए मुँह ढकते हैं। इसकी जगह वेटेड ब्लैंकेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह बिना मुँह ढके वही शांति और सुरक्षित होने का एहसास देता है।

  • भारत में 4 दिन काम और 3 दिन छुट्टी? जानिए सरकार ने क्या संकेत दिए हैं

    भारत में 4 दिन काम और 3 दिन छुट्टी? जानिए सरकार ने क्या संकेत दिए हैं


    नई दिल्‍ली । देश के बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, गुरुग्राम और पुणे में ज्यादातर कॉरपोरेट ऑफिस अभी 5-Day वर्क वीक सिस्टम पर काम कर रहे हैं। लेकिन बढ़ते वर्क प्रेशर, लंबे ऑफिस ऑवर्स और वर्क-लाइफ बैलेंस की समस्या के चलते अब 4-Day वर्क वीक की मांग जोर पकड़ने लगी है। कर्मचारियों का मानना है कि हफ्ते में चार दिन काम और तीन दिन की छुट्टी मिलने से उत्पादकता बढ़ेगी और मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होगा।

    दुनिया के कई देशों में इस मॉडल पर प्रयोग हो रहे हैं। जापान, स्पेन और जर्मनी जैसे देशों में कई कंपनियां 4-Day वर्क वीक को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू कर चुकी हैं। इसी बीच भारत में नए लेबर कानूनों के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या यहां भी 4-Day वर्क वीक को कानूनी मंजूरी मिल सकती है।

    श्रम मंत्रालय ने क्या कहा?
    श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 12 दिसंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के जरिए स्थिति स्पष्ट की। मंत्रालय के अनुसार, नए लेबर कोड्स के तहत किसी भी कर्मचारी से हफ्ते में 48 घंटे से ज्यादा काम नहीं कराया जा सकता। हालांकि कंपनियों को यह विकल्प दिया गया है कि वे कर्मचारियों से दिन में 12 घंटे तक काम करवा सकती हैं। ऐसे में यदि कोई कंपनी 12 घंटे की शिफ्ट अपनाती है, तो कर्मचारी हफ्ते में चार दिन काम कर तीन दिन की पेड छुट्टी ले सकता है।

    मंत्रालय ने यह भी साफ किया कि 12 घंटे की शिफ्ट का मतलब लगातार 12 घंटे काम नहीं है। इसमें ब्रेक और स्प्रेड-ओवर टाइम भी शामिल रहेगा। अगर किसी कर्मचारी से तय सीमा से अधिक काम कराया जाता है, तो ओवरटाइम के लिए दोगुना भुगतान करना अनिवार्य होगा।

    नए लेबर कोड्स क्या कहते हैं?
    सरकार ने देश के 29 पुराने श्रम कानूनों को हटाकर चार नए लेबर कोड लागू किए हैं—

    वेज कोड

    इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड

    सोशल सिक्योरिटी कोड

    ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड

    इनका उद्देश्य श्रम कानूनों को सरल बनाना और कर्मचारियों के अधिकारों को मजबूत करना है।

    क्या भारत में लागू होगा 4-Day वर्क वीक?
    हालांकि नए नियम 4-Day वर्क वीक की कानूनी गुंजाइश जरूर देते हैं, लेकिन इसे अपनाना पूरी तरह कंपनियों की नीति और काम की प्रकृति पर निर्भर करेगा। हर सेक्टर में 12 घंटे की शिफ्ट संभव हो, यह जरूरी नहीं है। इसलिए यह मॉडल कब और कितनी कंपनियों में लागू होगा, यह आने वाला वक्त ही तय करेगा।

    कुल मिलाकर, सरकार ने भारत में 4-Day वर्क वीक का रास्ता खोला है, लेकिन इसका व्यापक रूप से लागू होना कंपनियों और कर्मचारियों की सहमति पर निर्भर करेगा।

  • 19 दिसंबर को बदलेगा देश का प्रधानमंत्री? पृथ्वीराज चव्हाण के बयान से सियासी हलचल

    19 दिसंबर को बदलेगा देश का प्रधानमंत्री? पृथ्वीराज चव्हाण के बयान से सियासी हलचल


    नई दिल्‍ली । देश की राजनीति में एक बार फिर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के एक बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने दावा किया है कि 19 दिसंबर को भारत को नया प्रधानमंत्री मिल सकता है, और इस बार प्रधानमंत्री मराठी समुदाय से होगा। यह बयान उन्होंने पिंपरी-चिंचवड़ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया।

    पृथ्वीराज चव्हाण ने इसी महीने यह दावा दूसरी बार दोहराया है। इससे पहले सांगली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी उन्होंने इसी तरह की बात कही थी। चव्हाण का कहना है कि वे लंबे समय तक प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में काम कर चुके हैं और दिल्ली की राजनीतिक गतिविधियों को गहराई से समझते हैं। हालांकि उन्होंने अपने दावे के समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया, जिससे उनके बयान पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं।

    अमेरिका की घटनाओं से जोड़ा भारत का राजनीतिक भविष्य
    अपने बयान में चव्हाण ने अमेरिका की हालिया राजनीतिक घटनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका में एक व्यक्ति द्वारा कई बड़े नेताओं के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन किए गए हैं, जिनके खुलासे जल्द होने वाले हैं। चव्हाण के अनुसार, अमेरिका में प्रस्तावित एक नए कानून के तहत 19 दिसंबर को कई बड़े नाम सार्वजनिक किए जा सकते हैं, जिसका असर वैश्विक राजनीति पर पड़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं पता कि वे नेता कौन हैं, लेकिन इसके परिणाम दूरगामी हो सकते हैं।

    एपस्टीन फाइल्स का हवाला
    पृथ्वीराज चव्हाण ने अमेरिका में जेफ्री एपस्टीन फाइल्स का भी उल्लेख किया। उनका कहना है कि इन फाइल्स के सामने आने से अमेरिका की राजनीति में बड़ा तूफान खड़ा हो गया है और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की स्थिति भी इससे प्रभावित हुई है। हाल ही में डेमोक्रेटिक समिति द्वारा ट्रंप और एपस्टीन से जुड़ी तस्वीरें सामने आने के बाद अमेरिका में राजनीतिक विवाद और गहरा गया है।

    भाजपा ने दावे को बताया अफवाह
    पृथ्वीराज चव्हाण के बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेताओं ने इस दावे को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि अमेरिका की किसी भी घटना का भारत की सरकार या प्रधानमंत्री से कोई संबंध नहीं है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर इस तरह की बातें जानबूझकर फैलाई जा रही अफवाहें हैं।

    भाजपा का आरोप है कि मराठी प्रधानमंत्री बनने और सत्ता परिवर्तन के दावे देश में भ्रम और अस्थिरता पैदा करने की कोशिश हैं। पार्टी ने साफ कहा है कि सरकार पूरी तरह स्थिर है और ऐसे बयानों का कोई आधार नहीं है।

    फिलहाल, पृथ्वीराज चव्हाण के इस बयान ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। जहां कांग्रेस समर्थक इसे संभावित बड़े बदलाव का संकेत बता रहे हैं, वहीं भाजपा इसे निराधार बयानबाजी मान रही है। अब सभी की निगाहें 19 दिसंबर पर टिकी हैं, जब यह साफ होगा कि यह दावा महज राजनीतिक बयान था या इसके पीछे कोई बड़ा घटनाक्रम छिपा है।

  • India vs Pakistan Live Score: भारत 200 के पार, चौहान और पटेल क्रीज पर डटे

    India vs Pakistan Live Score: भारत 200 के पार, चौहान और पटेल क्रीज पर डटे


    नई दिल्‍ली । इंतजार की घड़ियां खत्म हो चुकी हैं। अंडर-19 एशिया कप 2025 में एक बार फिर भारत और पाकिस्तान आमने-सामने हैं। सीनियर टीमों की तरह ही इस मुकाबले में भी जबरदस्त रोमांच देखने को मिल रहा है। खास बात यह है कि भारतीय टीम में 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी जैसे युवा सितारे भी इस महामुकाबले का आकर्षण बने हुए हैं।

    भारत और पाकिस्तान, दोनों ही टीमों ने टूर्नामेंट की शुरुआत धमाकेदार जीत के साथ की थी। भारत ने मलेशिया को 234 रन के बड़े अंतर से हराया, जबकि पाकिस्तान ने भी मलेशिया को 297 रन से करारी शिकस्त दी। अब इन दोनों बड़ी जीत दर्ज करने वाली टीमों की टक्कर से मुकाबले का रोमांच और बढ़ गया है।

    पिछले मैचों में दोनों टीमों की एक और समानता देखने को मिली थी। भारत की ओर से वैभव सूर्यवंशी ने महज 95 गेंदों में 171 रन की तूफानी पारी खेली थी, जिसमें 14 छक्के शामिल थे। वहीं पाकिस्तान के लिए समीर मिन्हास ने 148 गेंदों पर 177 रन बनाए थे और उनकी पारी में 8 छक्के लगे थे।

    दिलचस्प बात यह है कि ये दोनों बल्लेबाज अपनी-अपनी टीमों के ओपनर हैं। मौजूदा मुकाबले में भारत का स्कोर 200 रन के पार पहुंच चुका है और चौहान व पटेल क्रीज पर मजबूती से टिके हुए हैं, जिससे टीम इंडिया बड़े स्कोर की ओर बढ़ती नजर आ रही है।

  • दमोह में दिल दहला देने वाला हादसा: चूल्हे की चिंगारी से झोपड़ी में लगी आग, 4 महीने के मासूम की जिंदा जलकर मौत

    दमोह में दिल दहला देने वाला हादसा: चूल्हे की चिंगारी से झोपड़ी में लगी आग, 4 महीने के मासूम की जिंदा जलकर मौत


    मध्य प्रदेश के दमोह जिले से एक बेहद दर्दनाक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई है जहां एक छोटी-सी लापरवाही ने एक मासूम की जान ले ली। देहात थाना क्षेत्र के ग्राम बांसातारखेड़ा के चिथरयाऊ टोला में खेत पर बनी कच्ची झोपड़ी में आग लगने से चार महीने के मासूम बच्चे की जिंदा जलकर मौत हो गई। इस हादसे के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है और परिजन गहरे सदमे में हैं।

    खेत में काम कर रहे थे माता-पिता

    पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, बांसातारखेड़ा निवासी जितेंद्र गौंड गांव के ही किसान शैलेंद्र तिवारी के खेत में सिंचाई का ठेका लेकर काम करता था। खेत की देखरेख के लिए उसने वहीं एक अस्थायी झोपड़ी बना रखी थी, जहां वह अपने परिवार के साथ रहता था।शनिवार की रात जितेंद्र अपनी पत्नी धनाबाई के साथ खेत में पानी देने गया हुआ था। इस दौरान उनका चार महीने का बेटा निशांत झोपड़ी के अंदर सो रहा था। झोपड़ी में चूल्हा जल रहा था जिस पर खाना बनाया गया था।

    चूल्हे की चिंगारी बनी काल
    बताया जा रहा है कि रात के समय चूल्हे से निकली एक चिंगारी झोपड़ी में रखे कपड़ों पर गिर गई। देखते ही देखते आग भड़क उठी। झोपड़ी कच्ची होने और आसपास सूखी घास व अन्य ज्वलनशील सामग्री मौजूद होने के कारण आग ने कुछ ही पलों में विकराल रूप ले लिया। आग लगने के बाद झोपड़ी के अंदर सो रहा मासूम जोर-जोर से रोने लगा। उसकी चीखें सुनकर आसपास मौजूद ग्रामीणों ने शोर मचाया और माता-पिता को सूचना दी।

    अस्पताल पहुंचने से पहले ही तोड़ा दम

    ग्रामीणों की आवाज सुनते ही जितेंद्र और धनाबाई दौड़ते हुए झोपड़ी की ओर पहुंचे। किसी तरह आग की लपटों के बीच से वे अपने झुलसे हुए बच्चे को बाहर निकाल पाए। आनन-फानन में मासूम को इलाज के लिए जिला अस्पताल दमोह ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने जांच के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इस हादसे में पूरी झोपड़ी जलकर खाक हो गई। परिवार के पास रहने और खाने तक का सामान भी नहीं बचा।

    प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची
    घटना की सूचना मिलते ही देहात थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। देर रात एएसपी सुजीत सिंह भदोरिया, दमोह एसडीएम आर.एल. बागरी और पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। नगर पुलिस अधीक्षक एच.आर. पांडेय ने बताया कि यह एक दुर्घटनाजन्य मामला प्रतीत हो रहा है। पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है और सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।

    पोस्टमार्टम के बाद सौंपा जाएगा शव

    मासूम के शव को जिला अस्पताल के शवगृह में सुरक्षित रखवाया गया है। प्रशासन के अनुसार, रविवार को तहसीलदार की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया जाएगा, जिसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। घटना के बाद से परिजन गहरे सदमे में हैं और रात में ही अपने गांव लौट गए थे।

    पीड़ित परिवार को मिलेगी आर्थिक सहायता

    दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने बताया कि घटना बेहद दुखद है। प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही शासन की योजनाओं के तहत मिलने वाली मदद भी सुनिश्चित की जाएगी। देहात थाना प्रभारी रचना मिश्रा ने कहा कि मामले में मर्ग कायम कर जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण चूल्हे की चिंगारी ही सामने आया है।

    गांव में शोक का माहौल

    इस दर्दनाक हादसे के बाद पूरे गांव में शोक की लहर है। हर कोई इस बात से आहत है कि महज चार महीने का मासूम इस तरह काल का शिकार हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि खेतों में बनी कच्ची झोपड़ियों में आग लगने का खतरा हमेशा बना रहता है, लेकिन मजबूरी में लोग वहीं रहने को विवश होते हैं।