नई दिल्ली/ दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र NCR में वायु गुणवत्ता AQI का स्तर एक बार फिर ‘बेहद खराब’ Severe श्रेणी में पहुंचने के कारण स्थिति गंभीर हो गई है। प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत कार्यरत वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग CAQM ने तत्काल प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान GRAP के सबसे सख्त चरण, यानी चरण 4 GRAP-4 को लागू करने का आदेश दिया है।
प्रदूषण की स्थिति और GRAP-4 की आवश्यकता
राजधानी दिल्ली के कई निगरानी स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक AQI 450 के आंकड़े को पार कर गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी को दर्शाता है। यह स्थिति न केवल स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है, बल्कि इसे एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के करीब माना जाता है। इस भयावह स्थिति से निपटने और प्रदूषण के खतरनाक स्रोतों पर तत्काल नियंत्रण लगाने के उद्देश्य से प्रशासन ने ये कड़े कदम उठाए हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों तक वायुमंडलीय स्थिरता और हवा की कम गति के कारण प्रदूषण के स्तर में किसी बड़े सुधार की संभावना कम है, जिसने स्थिति की गंभीरता को और बढ़ा दिया है।
शिक्षा पर तत्काल प्रभाव: हाइब्रिड मोड की वापसी
GRAP-4 के लागू होते ही, दिल्ली शिक्षा निदेशालय DoE ने छात्रों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए स्कूलों के लिए विस्तृत और सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों का मुख्य फोकस कक्षा 9वीं से लेकर 11वीं तक के छात्रों की शिक्षा पद्धति में परिवर्तन लाना है:हाइब्रिड मोड: कक्षा 9वीं, 10वीं और 11वीं के छात्रों के लिए पढ़ाई अब हाइब्रिड मोड में आयोजित की जाएगी। इसका अर्थ है कि शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से संचालित होगी।
स्कूलों पर लागू: यह नई व्यवस्था दिल्ली के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त Aided और निजी Private स्कूलों पर समान रूप से लागू होगी। स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जो छात्र ऑनलाइन क्लास का विकल्प चुनते हैं, उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो। अन्य कक्षाएं: हालांकि, आदेश में 12वीं कक्षा के छात्रों और छोटी कक्षाओं 8वीं तक के लिए स्पष्ट निर्देश नहीं दिए गए हैं, लेकिन यह संकेत है कि सबसे अधिक संवेदनशील आयु वर्ग को घर से पढ़ने का विकल्प दिया जा रहा है। यह कदम छात्रों को अत्यधिक प्रदूषित वातावरण में बाहर निकलने और स्कूल आने-जाने से रोकने के लिए उठाया गया है।
कार्यालयों और परिवहन पर सख्त नियंत्रण
प्रदूषण के स्रोतों को कम करने के लिए कार्यस्थलों और परिवहन क्षेत्र पर भी महत्वपूर्ण पाबंदियां लगाई गई हैं:सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति पर सीमा:कर्मचारी सीमा: सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति को सीमित कर दिया गया है। केवल 50 प्रतिशत कर्मचारी ही भौतिक रूप से कार्यालय में उपस्थित रहेंगे। वर्क फ्रॉम होम: शेष 50 प्रतिशत कर्मचारी ‘वर्क फ्रॉम होम’ WFH मोड पर कार्य करेंगे। इस व्यवस्था का लक्ष्य सड़क पर वाहनों की संख्या को कम करना है।
निजी दफ्तरों को निर्देश:
निजी दफ्तरों और प्रतिष्ठानों को भी सक्रिय रूप से फ्लेक्सिबल टाइमिंग Flexible Timings अपनाने और कर्मचारियों को अधिकतम संभव सीमा तक घर से काम Work From Home करने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया गया है। यह व्यवस्था भीड़भाड़ वाले समय में वाहनों के आवागमन को कम करने में सहायक होगी।
परिवहन पर पाबंदियां:
भारी वाहनों पर रोक: दिल्ली की सीमा में बाहरी राज्यों से आने वाले ट्रकों और अन्य भारी/मध्यम मालवाहक वाहनों आवश्यक सेवाओं को छोड़कर के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। यह कदम भारी वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है। निर्माण कार्य पर पाबंदी: GRAP-4 के तहत पहले से ही गैर-आवश्यक निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
आगे की राह
प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए गए ये कदम अल्पकालिक राहत प्रदान करने के उद्देश्य से हैं। दिल्ली-NCR के नागरिकों को भी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नागरिकों से अपील की है कि वे अत्यंत आवश्यक न होने पर घर से बाहर न निकलें और N-95 जैसे मास्क का उपयोग करें। प्रशासन की ओर से लोगों से अपील की गई है कि वे निजी वाहनों के इस्तेमाल को कम करें और सार्वजनिक परिवहन, साइकिलिंग या पैदल चलने को प्राथमिकता दें, ताकि इस राष्ट्रीय संकट से मिलकर लड़ा जा सके।