पाकिस्तान के खिलाफ तालिबान का बड़ा कदम, वैश्विक मंच पर बेनकाब करने की तैयारी


नई दिल्‍ली । पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तालिबान सरकार अब इस्लामाबाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा डिप्लोमैटिक अभियान शुरू करने की तैयारी में है। अफगानिस्तान का दावा है कि पाकिस्तान उसकी सीमा के भीतर अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करते हुए सैन्य हमले कर रहा है और आम नागरिकों को निशाना बना रहा है। इसी को लेकर तालिबान प्रशासन दुनिया के अलग-अलग देशों में अपने प्रतिनिधि भेजने की योजना बना रहा है।

तालिबान की ओर से तैयार किए गए एक विस्तृत डोजियर में पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने, मानवाधिकारों के उल्लंघन और अफगान नागरिकों व शरणार्थियों पर दबाव बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस डोजियर में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान आर्थिक दबाव और जबरन निर्वासन के जरिए अफगानिस्तान को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफगान विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने मिलकर यह दस्तावेज तैयार किया है, जिसे तालिबान के सर्वोच्च नेता मुल्ला हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा की मंजूरी के बाद प्रभावशाली और पड़ोसी देशों को सौंपा जाएगा। इसमें पाकिस्तान को “आतंकवादियों के लिए सुविधा केंद्र” बताया गया है और आरोप लगाया गया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां ISIS और अन्य आतंकी संगठनों को लॉजिस्टिक और वित्तीय सहायता दे रही हैं।

अफगानिस्तान का दावा है कि पाकिस्तान इन आतंकी संगठनों का इस्तेमाल अफगानिस्तान, भारत और ईरान जैसे देशों को अस्थिर करने के लिए कर रहा है और उसके पास इन आरोपों के समर्थन में ठोस सबूत मौजूद हैं। वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान लगातार अफगान तालिबान पर टीटीपी को समर्थन देने का आरोप लगाता रहा है। दोनों देशों के बीच सीमा बंद है और हाल के महीनों में तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है।

इस डिप्लोमैटिक अभियान के जरिए तालिबान का उद्देश्य पाकिस्तान की कथित नीतियों को वैश्विक मंच पर उजागर करना और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान अपनी ओर खींचना बताया जा रहा है।